देश के सबसे खूबसूरत प्रदेशों में शामिल होता है छत्तीसगढ़, धरती का स्वर्ग कहलाता है चित्रकोट

छत्तीसगढ़ देश के सबसे खूबसूरत प्रदेशों में शामिल होता है। अपनी असीम सम्पदा, प्राकृतिक खूबसूरती और अपार सम्पदा से भरा यह प्रदेश अपने प्राकृतिक नजारों के चलते देश का सर्वाधिक पसन्दीदा पर्यटन स्थल है। कहा यह भी जाता है कि छत्तीसगढ़ का आधा राजस्व सिर्फ पर्यटन के जरिये आता है। अब यह कहां तक सही है यह तो आर्थिक विश्लेषक ही बता सकते हैं।

छत्तीसगढ़ में ऐसी कई हसीन और अद्भुत जगहें मौजूद हैं, जहां हर रोज हजारों पर्यटक घूमने के लिए पहुंचते रहते हैं। मानसून में यहां सिर्फ देशी ही नहीं, बल्कि विदेशी सैलानी भी घूमने के लिए पहुंचते रहते हैं।

आपको हरियाली, झरने और जंगल देखना पसंद हैं, तो छत्तीसगढ़ आपके टूर के लिए परफेक्ट डेस्टिनेशन हो सकता है। बारिश का मौसम शुरू हो चुका है और इसका लुत्फ उठाने के लिए बड़ी संख्या में लोग अलग-अलग जगहों पर घूमने के लिए पहुंच रहे हैं। छत्तीसगढ़ मध्य भारत का एक विशाल वनों से घिरा हुआ राज्य है जो अपने मंदिरों और झरनों के लिए जाना जाता है। छत्तीसगढ़ भारत का 10वां सबसे बड़ा और 16वां सबसे अधिक आबादी वाला राज्य है। छत्तीसगढ़ को मुख्य रूप से दक्षिण कोसल के रूप में जाना जाता है जिसका उल्लेख रामायण और महाभारत दोनों में मिलता है।

प्राकृतिक विविधता और अपने सांस्कृतिक और पारंपरिक इतिहास के लिए प्रसिद्ध, छत्तीसगढ़ धीरे-धीरे भारत के सबसे लोकप्रिय हॉलिडे स्थलों में विकसित हो रहा है। यह पर्यटन के लिए एक अपेक्षाकृत ऑफबीट गंतव्य है जो इसे यात्रा करने के लिए एक अद्भुत स्थान बनाता है, खासकर उन लोगों के लिए जो बिल्कुल एकांत और कम भीड़ वाले स्थानों से प्यार करते हैं। घने जंगलो में स्थित जलप्रपातों, प्राचीन मंदिरों, स्मारकों और संस्कृति आज भी राज्य के पुराने इतिहास और परंपराओं की याद दिलाती है, छत्तीसगढ़ में वह सब कुछ है जो आप छुट्टियों के दौरान देखना चाहते हैं।

आज हम अपने पाठकों को छत्तीसगढ़ की कुछ ऐसी जगहों की जानकारी देने जा रहे हैं, जो बारिश के दिनों में अपनी खूबसूरती की ऊँचाईयों पर होती हैं। बारिश के दिनों में इन जगहों को देखने के बाद ऐसा महसूस होता है जैसे हम किसी जन्नत को देख रहे हैं।

जगदलपुर

जगदलपुर छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में एक सुंदर और प्राकृतिक रूप से समृद्ध शहर है। यह राज्य के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है। यह शहर स्मारकों और महलों के साथ-साथ झीलों, झरनों और जंगलों जैसे प्राकृतिक अजूबों के लिए सबसे प्रसिद्ध है। शांतप्रिय लोगों के लिए यह एक बेहतरीन जगह है। छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं और इतिहास को जानने के लिए जगदलपुर बेहतरीन स्थान है।

मडकू द्वीप

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में नदी शिवनाथ के पास स्थित एक खूबसूरत द्वीप है। अपने आकार के चलते यह मडकू द्वीप के नाम से ख्यात है। इस द्वीप की प्राकृतिक सुंदरता मंत्रमुग्ध करने वाली है। पूरी तरह से हरियाली से आच्छान्दित यह द्वीप 24 हेक्टेयर सीमा में फैला हुआ है। यह द्वीप अपने प्राचीन मंदिरों और उनके ऐतिहासिक व पुरातात्विक महत्व के लिए भी प्रसिद्ध है। पुरातत्वविदों ने इस द्वीप पर प्रागैतिहासिक पत्थर के औजार, पुरालेख और सिक्कों की खोज की है। मडकू द्वीप को केदार तीर्थ और हरिहर क्षेत्र केदार द्वीप के नाम से जाना जाता है।

चित्रकूट वॉटरफॉल्स

मानसून में जब किसी अद्भुत जगह घूमने की बात होती है तो छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में स्थित चित्रकूट वॉटरफॉल्स का नाम जरूर लिया जाता है। यह पूरे राज्य का सबसे लोकप्रिय और चर्चित स्थान है। छोटे-बड़े पहाड़, घने जंगल और हर तरफ मौजूद हरियाली इस वॉटरफॉल की खूबसूरती में चार चांद लगाने का काम करते हैं। मानसून में इसके लुभावने दृश्य किसी को भी दीवाना बना सकते हैं। सूर्यास्त के समय यहां सैलानियों की सबसे अधिक भीड़ मौजूद रहती है। वॉटरफॉल के आसपास ट्रैकिंग का भी लुत्फ उठा सकते हैं।

चर्रे मर्रे झरना

16 मीटर ऊंचा यह झरना और ऊंचाई से गिरता हुआ साफ पानी बारिश के मौसम में घूमने के लिए बेहतरीन जगह है। यहां पानी पहाड़ियों और हरे-भरे पेड़ों से होकर बहता है, जिसे देखकर मन में अजीब सी खामोशी और सुकून का अहसास होता है। झरने के तल पर बने जलाशय में आप नहा सकते हैं। यहां का ठंडा पानी आपकी आत्मा और शरीर को जीवंत कर देता है। इस जगह की सुरम्य सुंदरता का आनंद लेते हुए शांतिपूर्ण समय बिता सकते हैं। यह झरना छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में स्थित है।

चिरमिरी

छत्तीसगढ़ में स्थित किसी बेहतरीन और अद्भुत हिल स्टेशन का नाम लिया जाता है तो चिरमिरी हिल स्टेशन का नाम जरूर लिया जाता है। असीम खूबसूरती से भरपूर यह हिल स्टेशन छोटे-बड़े पहाड़ों के साथ-साथ, घने जंगल, झरने और हरियाली के लिए काफी फेमस माना जाता है। चिरमिरी एक ऐसा हिल स्टेशन है जो मानसून के समय बेहद ही मनमोहक लगता है। मानसून के समय यह हिल स्टेशन बादलों से ढक जाता है। चिरमिरी के किनारे स्थित गांव को भी एक्सप्लोर करना न भूलें। चिरमिरी के पहाड़ों में स्थित अमृत धारा, अकुरी नाला, रमाधा जैसे झरने को एक्सप्लोर कर सकते हैं।

कांगेर घाटी नेशनल पार्क

भारत के सबसे घने जंगलों की बात होती है, तो उस लिस्ट में छतीसगढ़ का कांगेर घाटी नेशनल पार्क का नाम जरूर शामिल रहता है। यह पार्क समृद्ध जैव विविधता, लुभावने दृश्य और प्राकृतिक झरने के लिए काफी मशहूर है। यह खूबसूरत पार्क लगभग 200 किमी के दायरे में फैला हुआ है। मानसून के समय यहां काफी संख्या में सैलानी घूमने के लिए पहुंचते रहते हैं। यहां आप जीप सफारी का भी लुत्फ उठा सकते हैं।

सिरपुर

सिरपुर महानदी नदी के तट पर स्थित छत्तीसगढ़ राज्य में स्थित एक छोटा सा गांव है। यह महासमुंद जिले से 35 किमी और राजधानी रायपुर से लगभग 78 किमी दूर है। सिरपुर गांव एक पुरातात्विक आश्चर्य है। कई वास्तुकारों के लिए प्रेरणा यह गांव अपनी मंदिर संस्कृति में समृद्ध है। इसका बौद्ध धर्म की दुनिया से गहरा संबंध है। ऐसे कई मंदिर हैं जहां कोई भी जा सकता है। ऐतिहासिक कलाकृतियों और मंदिरों की दीवारों पर गहरी नक्काशी ने दुनिया भर के कई वास्तुकारों को यहां आने के लिए प्रेरित किया है। सिरपुर अजूबों से भरा एक शांतिपूर्ण गांव है।

इंद्रावती नेशनल पार्क

छत्तीसगढ़ में एकमात्र टाइगर रिजर्व इंद्रावती नेशनल पार्क घूमने के लिहाज से शानदार है। आपको यहाँ कई वन्य जीव देखने को मिल जाएंगे। यहाँ बड़ी संख्या में लोग वाइल्ड एनिमल देखने के लिए आते हैं। घने वनस्पतियों वाला यह पार्क बेहद खूबसूरत है। यहाँ आप नीलगाय, ब्लैक बक, सांभर, गौर, बाघ, तेंदुआ, चीतल, सुस्त भालू और अनगिनत अन्य प्रजातियों के साथ पार्क में दुर्लभ और लुप्तप्राय जंगली एशियाई भैंस मिल सकती है।

मैनपाट

छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में आने वाला पर्यटन स्थल मैनपाट छत्तीसगढ़ के सबसे खूबसूरत जगहों में सबसे ऊपर आता है। मैनपाट को 'छत्तीसगढ़ के शिमला' के नाम से भी जाना जाता है। यहां मौसम हमेशा खुशनुमा रहता है। यहां सैर-सपाटे के लिए कई खूबसूरत जगहें हैं। जिसमें बौद्ध मंदिर, उल्टा-पानी, टाइगर पॉइंट, जलजली, मेहता पॉइंट, चाय बगान के साथ कई अन्य स्थान शामिल हैं। यहाँ घूमने के लिए प्रदेश के अन्य जिलों से पर्यटक पहुंचते हैं. वैसे तो मैनपाट में हर समय पर्यटकों का आना जाना लगा रहता है।

भिलाई

सांस्कृतिक रूप से भिलाई एक नियोजित शहर है, जो राजधानी रायपुर से 25 किमी दूर दुर्ग जिले में स्थित है। यह शहर मुख्य रूप से भिलाई स्टील प्लांट (SAIL) के लिए जाना जाता है, जो भारत के सबसे बड़े इस्पात संयंत्रों में से एक है। रूसी सरकार की सहायता से विकसित किया गया, आज यह शहर आर्थिक रूप से बहुत अच्छा और सांस्कृतिक रूप से बहुत समृद्ध है।

इसके अलावा भिलाई उन शहरों में से एक है जो औद्योगिकीकरण और समृद्ध प्रकृति के बीच एक आदर्श संतुलन प्रदर्शित करते हैं। सर्दियों में यहां की यात्रा करना एक अविस्मरणीय अनुभव होता है। भिलाई एक सुनियोजित और संगठित समुदाय है जिसने हरे भरे वातावरण के लिए पांच बार से अधिक बार प्रधानमंत्री ट्रॉफी जीती है।

डोंगरगढ़

डोंगरगढ़ को छत्तीसगढ़ का शीर्ष तीर्थस्थल माना जाता है और यह एक शीर्ष पर्यटक आकर्षण भी है। माँ बम्लेश्वरी के नाम से यहाँ एक प्रसिद्ध मंदिर है जो लगभग 1,600 फीट की ऊँचाई पर स्थित है। मंदिर को बाडी बम्लेश्वरी भी कहा जाता है। एक और मंदिर जो इस मंदिर से लगभग आधा किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, को छोटा बम्लेश्वरी के नाम से जाना जाता है।

दशहरा के दौरान और चैत्र (रामनवमी के दौरान) के नवरात्रों के समय मंदिर में हजारों भक्तों की भीड़ यहाँ आती है। नवरात्रों के अवसर के दौरान, मंदिर में मेलों का आयोजन किया जाता है जो दिन में लंबे समय तक रहता है। यदि आप वर्ष के इस समय में छत्तीसगढ़ घुमने के लिए आते हैं, तो यहाँ देखने के लिए बहुत कुछ है।

धमतरी

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से 80 किलोमीटर दूर स्थित धमतरी एक ऐसा पर्यटन स्थल है, जहाँ आपको शांति और सुकून दोनों का अहसास होगा । धमतरी अपने प्रसिद्ध मंदिरों के लिए भी जाना जाता है। यहाँ हर साल पर्यटक घूमने आते हैं। नदियों का संगम, आदिवासी रहन सहन, स्वादिष्ट भोजन इन सब का आनंद धमतरी में मिलता है। इसके अलावा धमतरी के आस-पास कुछ प्वाइंट हैं जो आपको पर्यटन का अलग अनुभव मिलेगा।

14 वीं शताब्दी के चालुक्य साम्राज्य का घर, धमतरी छत्तीसगढ़ का एक महत्वपूर्ण पर्यटन शहर है, जो अपने प्राचीन मंदिरों के लिए भी जाना जाता है। इस शहर की आबादी लगभग 82000 है। यह हर साल पर्यटकों को बहुत आकर्षित करता है, खासकर मानसून में रविशंकर वॉटर डैम की यात्रा के दौरान। यह लोक संस्कृति और वन्यजीव अभयारण्य के लिए भी प्रसिद्ध है। धमतरी महानदी और उसकी सहायक नदियों के किनारे स्थित है। यहाँ धान की खेती आम है। यह जिला आज भी आदिवासी इतिहास और संगीत, स्थानीय व्यंजनों और नृत्य जैसे विभिन्न पारंपरिक कला रूपों में अपने आदिवासी इतिहास और संस्कृति को संरक्षित करता है।

चित्रकोट

छत्तीसगढ़ का चित्रकोट भी बेहद सुंदर पर्यटन स्थल माना जाता है। चित्रकोट में स्थित जलप्रपात को छत्तीसगढ़ का नाइग्रा फाल कहा जाता है। यह छत्तीसगढ़ का सबसे चौड़ा झरना है, जो जगदलपुर से 38 किलोमीटर दूर घने जंगलों के बीच देखने को मिलता है। बारिश के मौसम में इस जगह की तुलना कश्मीर से की जाती है, जो धरती का स्वर्ग कहलाता है।

दंतेवाड़ा

दंतेवाड़ा मध्य प्रदेश से छत्तीसगढ़ के गठन के बाद, 1998 में अस्तित्व में आया। बस्तर जिले में स्थित, दंतेवाड़ा के विचित्र छोटे शहर में नदियाँ, पहाड़ी चोटियों और हरे-भरे घास के मैदानों के शानदार दृश्य दिखाई देते हैं। ऐतिहासिक रूप से, इस शहर का नाम शक्ति के अवतार देवता दंतेश्वरी के नाम पर रखा गया था, जो बाद में दंतेश्वर मंदिर की अध्यक्षता करने के लिए आए। दंतेवाड़ा को पूर्व-ऐतिहासिक दिनों में तारापाल और दंतावली के रूप में जाना जाता था। हालांकि, वर्तमान में, क्षेत्र नक्सलवाद से प्रभावित है। दंतेवाड़ा आपको पहाड़ों से लेकर नदियों तक सभी प्राकृतिक तत्वों का लुत्फ उठाने का मौका देता है।

भोरमदेव

कवर्धा से करीब 18 किलोमीटर मैकल पर्वत श्रेणियों के बीच बसा भोरमदेव प्रकृति प्रेमियों के लिए बेहद खास स्थान माना जाता है। यहाँ पर स्थित भोरमदेव मंदिर चारों ओर पहाड़ों और घने जंगलों से घिरा हुआ है। इसे छत्तीसगढ़ का खुजराहो भी कहा जाता है। बारिश के मौसम में यहाँ के जगलों में खूबसूरती बिखर जाती है। भोरमदेव के अलावा यहाँ मंडवा महल व छेरकी महल भी अच्छे पर्यटन स्थल हैं, जहाँ पर्यटकों को बेहद शांति का अनुभव होता है।

अचानकमार टाइगर रिजर्व

2009 में प्रोजेक्ट टाइगर के तहत अचानकमार टाइगर रिजर्व को टाइगर रिज़र्व घोषित किया गया। जो 557Sq किलोमीटर से अधिक एरिया में फैला हुआ है। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में स्थित, यह बाघों का एक प्रभावशाली घर है। छत्तीसगढ़ की यात्रा के दौरान अचानकमार बाघ अभ्यारण्य का दौरा करना एक रोमांचक अनुभव हो सकता है। बाघ के अलावा, आप यहाँ भारतीय विशाल गिलहरी, जंगली कुत्ते, लकड़बग्घा, तेंदुआ सहित अन्य जानवरों को भी देख सकते हैं। अचानकमार टाइगर रिजर्व पक्षियों की 150 से अधिक प्रजातियों का घर है। छत्तीसगढ़ में अपनी यात्रा के दौरान पार्क में जाना एक अद्भुत अनुभव हो सकता है।

पुरखौती मुक्तांगन

छत्तीसगढ़ की समृद्ध संस्कृति को दर्शाते हुए एक रमणीय उद्यान पुरखौती मुक्तांगन में एक दिन हर पर्यटक को बिताना चाहिए। माननीय ए.पी.जे अब्दुल कलाम ने नवंबर 2006 में इस जगह का उद्घाटन किया था। तब से, यह उद्यान एक ऐसा स्थान है जो पर्यटकों और स्थानीय लोगों को आकर्षित करता है। ये न केवल पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है, बल्कि यह हमारी जैव-सांस्कृतिक विविधता के संरक्षण के बारे में सांस्कृतिक जागरूकता भी फैलाता है।