पहाडियों की रानी के रूप में लोकप्रिय जगह हैं उत्तराखंड का मसूरी जो पर्यटकों के लिए एक बेहतरीन जगह हैं। यह नैनीताल जिले में स्थित एक हिल स्टेशन है जहां फैमिली, दोस्तों और पार्टनर के साथ घूमने जाया जा सकता हैं। यह हिमालय पर्वतमाला के मध्य हिमालय श्रेणी में पड़ता है और प्रकृति का खूबसूरत नजारा पेश करता हैं। मसूरी अंग्रेज़ों द्वारा बसाये गये अन्य नगरों की भांति ही दिखता है लेकिन यहां का अपना अलग ही अंदाज हैं। आज इस कड़ी में हम आपको मसूरी के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां आप घूमने के लिए जा सकते हैं। आइये जानते हैं इन जगहों के बारे में...
गन हिल
मसूरी की दूसरी सबसे ऊॅंची चोटी पर रोप-वे द्वारा और पैदल रास्ते से भी पहुंचा जा सकता है, यह रास्ता माल रोड पर कचहरी के निकट से जाता है। गन हिल से हिमालय पर्वत श्रृंखला अर्थात् बंदरपंच, श्रीकांता, पिठवाड़ा और गंगोत्री समूह आदि के सुंदर दृश्य देखे जा सकते हैं, साथ ही मसूरी और दून-घाटी का विहंगम दृश्य भी यहां से देखे जा सकते हैं। बताया जाता है कि आजादी-पूर्व के वर्षों में इस पहाड़ी के ऊपर रखी तोप प्रतिदिन दोपहर को चलाई जाती थी ताकि लोग अपनी घड़ियां सैट कर लें। इसी कारण इस स्थान का नाम गन हिल पड़ा।
तिब्बती बौद्ध मंदिर लाइब्रेरी बस स्टैंड से 2.5 किमी की दूरी पर, हैप्पी वैली मसूरी में एक बड़ी तिब्बती बस्ती है। यह आईएएस अकादमी, तिब्बती मंदिरों और नगर उद्यानों के आवास के लिए भी प्रसिद्ध है। हैप्पी वैली लाइब्रेरी पॉइंट के पश्चिम की ओर से शुरू होती है और क्लाउड्स एंड की ओर जाती है। हैप्पी वैली, जिसे मिनी-तिब्बत भी कहा जाता है, लगभग 5000 तिब्बती शरणार्थियों का घर है। यह मसूरी के शीर्ष दर्शनीय स्थलों में से एक है। मंदिर के ध्यान कक्ष को दीवारों, पैनलों और छत पर सुंदर चित्रों के साथ उकेरा गया है। मंदिर बेनोग हिल सर्किट का एक शानदार मनोरम दृश्य प्रदान करता है।
लाल टिब्बालाल टिब्बा मसूरी का सबसे ऊंचा शिखर है, जहां से हिमालय पर्वत के साथ-साथ केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री, नीलकंठ और श्री हेमकुंड साहिब के बेहतरीन नजारे देखने को मिलते हैं। लाल टिब्बा पर सन् 1967 ई० में एक जापानी दूरबीन स्थापित किया गया था, जिसके माध्यम से ऊपर बताए गए सभी पहाड़ों को अच्छे से देखा जा सकता है। लाल टिब्बा मसूरी शहर से करीब 8 किमी की दूरी पर लंढौर में डिपो हिल के ऊपर स्थित है, जहां से मसूरी शहर का एक एक खूबसूरत दृश्य नजर आता है।
कैमल्स बैक रोडलाइब्रेरी बस स्टैंड से 3 किमी की दूरी पर, कैमल्स बैक रोड कुलरी बाजार से मसूरी में लाइब्रेरी चौक तक 3 किमी लंबा है। यह मसूरी शहर में घूमने के लिए शीर्ष पर्यटन स्थलों में से एक है। सड़क का नाम चट्टान से लिया गया है जिसका आकर ऊंट के पीठ के आकार की तरह है। कैमल्स बैक रोड का निर्माण 1845 में किया गया था। इस सड़क में एक प्राचीन हवा घर है जहाँ लोग बैठकर खूसबूरत चोटियों को देख सकते हैं। इस हवा घर को पहले स्कैंडल प्वाइंट के नाम से जाना जाता था। हिमालय की चोटियों को करीब से देखने के इच्छुक लोगों के लिए यहां टेलीस्कोप उपलब्ध हैं। यहां से बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री, चौखम्बा, नंदा देवी चोटियां दिखाई देती हैं।
मसूरी झीलमसूरी झील मसूरी शहर से मात्र 5 किमी। पहले देहरादून-मसूरी सड़क मार्ग से लगभग 500 मीटर नीचे पहाड़ों के बीच में स्थित है, जहां से दून घाटी और आसपास के खूबसूरत नजारे देखे जा सकते हैं। झील के पास खाने-पीने के लिए होटल्स और रेस्टोरेंट्स वगैरह की व्यवस्था भी उपलब्ध कराई जाती है। यहां पर बच्चों के लिए 3d सिनेमा, हॉन्टेड हाउस और बाइकिंग जैसी सुविधा उपलब्ध है तो वहीं युवा वर्ग के लोगों के लिए भी बोटिंग, पैराग्लाइडिंग और जीप लाइन जैसी एडवेंचर एक्टिविटीज की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है।
कैम्पटी फालयमुनोत्री रोड पर मसूरी से 15 किलोमीटर दूर 4500 फुट की ऊंचाई पर यह इस सुंदर घाटी में स्थित सबसे बड़ा और सबसे खूबसूरत झरना है, जो चारों ओर से ऊंचे पहाड़ों से घिरा है। झरने की तलहटी में स्नान तरोताजा कर देता है और बच्चों के साथ-साथ बड़े भी इसका आनंद उठाते हैं। मसूरी-यमुनोत्री मार्ग पर नगर से लगभग 15 किलोमीटर दूर स्थित यह झरना पांच अलग-अलग धाराओं में बहता है, जो पर्यटकों के लिए खासा आकर्षण का केंद्र बना रहता है। यह स्थल समुद्रतल से लगभग 4500 फुट की ऊंचाई पर है। इसके चारों ओर पर्वत श्रृंखलाएं दिखाई देती हैं। अंग्रेज अपनी चाय दावत अकसर यहीं पर किया करते थे, इसीलिए तो इस झरने का नाम कैंपटी फाल है। यमुनोत्री के रास्ते में 1370 मीटर की ऊंचाई पर कैम्प्टी जलप्रपात स्थित है। मसूरी से इसकी दूरी 15 किलोमीटर है। यह मसूरी घाटी का सबसे सुंदर जलप्रपात है।
मॉल रोडलाइब्रेरी बस स्टैंड से 3 किमी की दूरी पर, मसूरी के केंद्र में स्थित मॉल रोड मुख्य खरीदारी क्षेत्र है। मॉल रोड दो प्रमुख बाजारों, कुलरी और पुस्तकालय को जोड़ता है। मॉल रोड का निर्माण ब्रिटिश निवासियों द्वारा किया गया था और यहां आप सड़कों के किनारे बेंचों और लैम्पपोस्टों देख सकते हैं। मॉल के साथ-साथ पर्यटन कार्यालय, तिब्बती ट्रिंकेट और लकड़ी की कलाकृतियाँ बेचने वाली कई दुकानें हैं।
हाथीपांव
लाइब्रेरी बस स्टैंड से 5 किमी की दूरी पर, हाथीपोन क्लाउड्स एंड के रास्ते में स्थित खूबसूरत पर्यटन स्थलों में से एक है। हाथीपोन प्रकृति और एडवेंचर प्रेमियों को बेहद आकर्षित करता है। यह शांतिपूर्ण और शांत गांव के बीच एक पहाड़ी के शिखर पर स्थित है जिसे सास्केट के नाम से जाना जाता है। यह एक घने जंगल वाला क्षेत्र है, जो हिमालय के लुभावने और स्वर्गीय दृश्य प्रस्तुत करता है। यह रेनकोट कैंप और नॉर्दर्न एडवेंचर कैंप जैसे शिविरों में आयोजित कई गतिविधियों के लिए भी जाना जाता है।
कंपनी गार्डन कंपनी गार्डन को 'निरस्पल गार्डन' के नाम से भी जाना जाता है, जो मसूरी शहर का सबसे पुराना गार्डन है। इस गार्डन में बहुत सारे छोटे-छोटे फूल, चारों तरफ हरियाली, बोटिंग, बच्चों के लिए कई सारी एडवेंचर एक्टिविटीज, हॉन्टेड हाउस, वैक्स म्यूजियम, 3d सिनेमा और कृत्रिम झरना भी मौजूद है, जिसमें जाने के बाद आपको बाहर आने का मन ही नहीं करेगा। साथ ही इस गार्डन में रेस्टोरेंट्स और शॉपिंग की सुविधा भी उपलब्ध है। कंपनी गार्डन में इतनी सारी उपलब्धियां होने की वजह से ही यह गार्डन मसूरी शहर का एक प्रसिद्ध पिकनिक स्पॉट भी है।
क्राइस्ट चर्चलाइब्रेरी बस स्टैंड से 0.6 किमी की दूरी पर, क्राइस्ट चर्च मसूरी में कसमांडा पैलेस के पास स्थित एक प्राचीन चर्च है। क्राइस्ट चर्च का निर्माण 1836 में किया गया था और माना जाता है कि यह हिमालय पर्वतमाला में सबसे पुराना मौजूदा चर्च है। चर्च का निर्माण ब्रिटिश समुदाय द्वारा किया गया था, जो कभी इस जगह पर रहते थे। यह चर्च शानदार गोथिक शैली की वास्तुकला का दावा करता है। चर्च की खिड़कियों का ग्लास सना हुआ है, जो यीशु मसीह के जीवन की घटनाओं का प्रतिनिधित्व करती हैं। पर्यटकों का ध्यान खींचने के लिए चर्च की दीवारों और अंदरूनी हिस्सों को खूबसूरती से सजाया गया है।