किसी ठंडी जगह की तलाश में हैं तो चले आइये कुर्ग, ये 8 पर्यटन स्थल देंगे घूमने का पूरा मजा

गर्मियों और मानसून के दिनों में लोग अधिकतर ऐसी जगहों पर जाना पसंद करते हैं जहां का माहौल ठंडा हो। अगर आप भी किसी ऐसी जगह की तलाश कर रहे हैं तो कर्नाटक राज्य में मौजूद कूर्ग हिल स्टेशन का चुनाव कर सकते हैं जो अपने खूबसूरत पर्यटन स्थल और वादियों के लिए जाना जाता है। इसे अपनी खूबसूरती और पहाड़ीयों के कारण भारत के स्कॉटलैंड के रूप में जाना जाता है। अगस्त में बरसात के कारण मौसम सुहाना हो जाता हैं और मनोरम दृश्य देखने को मिलते हैं। आज इस कड़ी में हम आपको कुर्ग के प्रसिद्द पर्यटन स्थलों की जानकारी देने जा रहे हैं जहां घूमने का आप खुलकर मजा ले सकते हैं। आइये जानते हैं इन जगहों के बारे में...

एबी फॉल्स

70 फीट की ऊंचाई से नीचे की ओर स्थित, एबी फॉल्स वाकई में देखने लायक जगह है। अंग्रेजों के शासन के दौरान, इस जगह को जेसी फॉल्स कहा जाता था, इस क्षेत्र के पहले ब्रिटिश पादरी ने अपनी बेटी की याद में इस जगह का नाम रखा था। उनकी तरह, आप भी हरे-भरे कॉफी और मसालों के बागानों के बीच झरने को देख मंत्रमुग्ध हो जाएंगे। आसपास पेड़ पौधों और जंगलों की हरियाली इस झरने के सौंदर्य को बढ़ाती है। कुर्ग का यह हिल स्टेशन इस झरने की वजह से काफी लोकप्रिय है।

मोदिकेरी किला

भारत में किले और दुर्ग बहुत अधिक है और आज के समय में सभी किले और दुर्ग पर्यटक स्थल के रूप में जाने जाते हैं। इसी तरह से मोदिकेरी किला जो कूर्ग में स्थित है। यह किला भारत का एक खूबसूरत पर्यटक स्थल के रूप में पहचाना जाता है। कूर्ग का यह प्रमुख किला जो हजारों साल पुराना है और इस किले को मर्करा किला के नाम से भी पहचाना जाता है। इस किले को देखने के लिए विदेशी पर्यटक प्रतिवर्ष आते हैं। पुराने समय में इस किले का नाम मर्करा किला था। लेकिन मैसूर सरकार के द्वारा इस किले के नाम को बदलकर मोदिकेरी किला कर दिया गया। यदि आप कर्नाटका की तरफ घूमना जाना चाहते हैं, तो आपके लिए यह एक बेहतरीन पर्यटक स्थल है।

मंडलपट्टी व्यूपॉइंट

मंडलपट्टी का अर्थ है 'बादलों का बाजार', जो लगभग 4050 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यह पहाड़ी की चोटी पुष्पगिरी रिजर्व फ़ॉरेस्ट का हिस्सा है, जहां से आप इस क्षेत्र के सबसे अद्भुत नजारे देख सकते हैं। इस व्यूपॉइंट तक पहुंचने के लिए आप दो रुट ले सकते हैं - एक एबी फॉल्स जंक्शन के माध्यम से जो छोटा है या दूसरा मक्कंदुरु के माध्यम से, जहां से आप यहां की खूबसूरती को निहार सकते हैं। अगर आप दोनों रास्तों से जाना चाहते हैं, तो आप पहले रुट को जाते हुए ले सकते हैं और दूसरे रुट को आते हुए चुन सकते हैं।

नामद्रोलिंग मठ

कूर्ग हिल स्टेशन से लगभग 34 किलोमीटर दूर स्थित नामद्रोलिंग मठ, जिसे स्वर्ण मंदिर भी कहा जाता है, पर्यटकों की आस्था का केंद्र बना हुआ है। नामद्रोलिंग मठ को तिब्बती बौद्ध धर्म संबंधित स्कूलों का सबसे बड़ा शिक्षण केंद्र माना जाता है। दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी तिब्बती बस्ती बाइलाकुप्पे में स्थित, यह 3 मंजिला बौद्ध मंदिर 5000 से अधिक भिक्षुओं और ननों का घर है और भगवान बुद्ध की शिक्षाओं को बनाए रखने के लिए समर्पित है। इस पूरे मंदिर परिसर में इमारत एवं मंदिर की दीवारों पर कई अलग-अलग तरह के पौराणिक नक्काशी और चित्रकारिओं को देखा जा सकता है। इसे गोल्डन टेंपल क्यों कहा जाता है, अगर इसके बारे में बात करें तो इस परिसर में तकरीबन 40 फीट ऊंची सोने की प्रतिमा बनाई गई हैं। आप इस स्वर्ण मंदिर का भ्रमण कर सकते हैं, आराम कर सकते हैं, लेकिन बिना परमिट के यहां रह नहीं सकते।

पुष्पगिरी वन्यजीव अभ्यारण

अगर आपको पक्षी, जानवरों को देखने का बेहद शौक है, तो पुष्पगिरी वन्यजीव अभयारण्य आपके लिए बेस्ट जगह है। कुर्ग में स्थित यह वन्य जीव अभ्यारण कई दुर्लभ जीव-जंतुओं की प्रजातियों के आवास स्थान के रूप में कार्य करता है। बड़े क्षेत्र में फैला उष्णकटिबंधीय जंगलों से घिरा अभ्यारण देखने में काफी ज्यादा खूबसूरत लगता है। यहां ग्रे हॉर्नबिल, नीलगिरी फ्लाईकैचर और ग्रे-ब्रेस्टेड लाफिंग थ्रश सहित कई लुप्तप्राय और दुर्लभ पक्षी प्रजातियों का घर है। भारतीय विशालकाय गिलहरी, ब्राउन पाम सिवेट, चित्तीदार हिरण और एशियाई हाथी जैसे कई विदेशी जानवर भी इस अभयारण्य के पहाड़ी इलाकों में रहते हैं। इस अभ्यारण के पास में कई जलप्रपात भी देखने को मिल जाते हैं। यह वन्य जीव अभ्यारण कुर्ग का एक खूबसूरत अभ्यारण के रूप में जाना जाता है।

राजा की सीट

कुर्ग का एक मशहूर स्थान मदीकेरी में स्थित है। इस स्थान के नाम के बारे में बताया जाता है, कि इसका नाम राजा की सीट इसलिए पड़ा क्योंकि कुर्ग के राजा इस स्थान को बाग-विहार और मनोरंजन के लिए उपयोग करते थे। यह स्थान आपको काफी ज्यादा पसंद आएगा क्योंकि आप यहां पर हरी भरी घास वाले मैदानों के बीच जानवर एवं सरीसृप का चित्रकारी वाला प्रतिमा भी देख सकते हैं। यह जगह फोटो शूट के लिए भी काफी ज्यादा पसंद किया जाता है। यहां पर जब आप जाएंगे तो आप टॉय ट्रेन का भी आनंद ले सकते हैं। यही वजह है कि यह पार्क बच्चों को भी काफी ज्यादा पसंद आता है।

ताडियांदामोल पीक

5724 फीट की ऊंचाई पर स्थित, ताडियांदामोल कूर्ग की सबसे ऊंची चोटी है और कर्नाटक में दूसरी सबसे ऊंची चोटी मानी जाती है। यहां के पहाड़ घने जंगलों से भरे पड़े हैं। ये जगह ट्रैकिंग प्रेमियों के लिए भी बेस्ट है। आप जीप के माध्यम से भी इस पहाड़ी के दो-तिहाई क्षेत्र तक पहुँच सकते हैं। इस पर्वत चोटी पर चढ़ने के पश्चात आसपास की प्राकृतिक सौंदर्य का नजारा देखने लायक होता है। यहां की चढ़ाई काफी कठिन है। लेकिन यहां चढ़ने के बाद यहां का नजारा आपकी थकान दूर कर देगा। यदि आप भी कूर्ग की तरफ घूमने का प्लान बना रहे हैं तो कूर्ग की सबसे ऊंची चोटी ताडियनडामल पीक पर जाना ना भूलें।

इरुप्पु फॉल्स

इरुप्पु वाटर फॉल्स कूर्ग जिले में ब्रह्मगिरी पर्वत श्रृंखला पर स्थित एक खूबसूरत झरना है। इरुप्पु फॉल्स को लक्ष्मण तीर्थ वाटरफॉल के रूप में भी जाना जाता है। यहां पर 170 फीट की ऊंचाई से गिरते हुए झरने पर्यटकों के मन को मोह लेते हैं। यहां पर प्रकृति का सौंदर्य काफी आकर्षक है। प्रकृति प्रेमियों के लिए यह जगह रोचक है। कूर्ग में स्थित यह जगह जहां मीठे पाने की झरने बहते हैं। बरसात के समय में यहां जाना और भी रोचक हो जाता है। इस झरने के पास ही भगवान शिव का रामेश्वर मंदिर भी है। इरुप्पु वाटर फॉल्स के जल को प्राचीन समय से काफी पवित्र माना जाता रहा है। ये झरना रामायण काल से सम्बंधित हैं।