अपने बच्चों को लेकर जाना चाहते हैं घूमने, ये 4 किड्स डेस्टिनेशन्स रहेगी बेस्ट

लंबे समय से कोरोना के चलते बच्चे घरों में कैद हैं और ज्यादा बाहर नहीं निकले हैं। ऐसे में बच्चों के ऊपर मानसिक दबाव बढ़ता जा रहा हैं। लेकिन इस दबाव को हटाने के लिए पेरेंट्स उन्हें घूमाने की सोच रहे हैं वो भी पूरे एहतियात के साथ। अगर आप भी अपने बच्चों को घूमाने लेकर जा रहे हैं तो ऐसी जगह का चुनाव करें जो उन्हें पसंद आए। आज इस कड़ी में हम आपके लिए कुछ ऐसी ही किड्स डेस्टिनेशन्स की जानकारी लेकर आए हैं जहां आप बच्चों को अपनी सभ्यता और संस्कृति के बारे में भी बता पाएंगे और बच्चे आनंद भी ले पाएंगे।

प्रकृति की गोद में बसा तेनमला

केरल का तेनमला भारत का पहला प्लान्ड ईको-टूरिज़्म डेस्टिनेशन है। मलयालम में तेनमला का मतलब बहुत ही प्यारा होता है। ‘तेन’ का मतलब हनी और ‘मला’ का मतलब हिल। यानी हनी हिल। ऐसा माना जाता है कि यहां का शहद देश के बाकी इलाकों से बहुत अलग और स्वादिष्ट होता है। घने जंगलों और ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों से घिरा तेनमला पर प्रकृति मेहरबान है। हरे पहाड़ों से गिरते झरनों का दृश्य बेहद ख़ूबसूरत होता है। तेनमला में बिखरी हरियाली को देखकर ऐसा लगता है जैसे मानों तेनमला को किसी ने हरे रंग से रंग दिया हो। अपने बच्चों को असली भारत और ख़ासतौर पर प्रकृति की अनुपम छटा से रू-ब-रू करवाना चाहते हैं, तो तेनमला ज़रूर घुमाएं।

कैसे पहुंचें?

तेनमला पहुंचने के लिए त्रिवेंद्रम सबसे नज़दीकी एयरपोर्ट है और शेंकोट्टाह नज़दीकी रेलवे स्टेशन।

ऐतिहासिक धरोहर दिल्ली

बच्चों का ऐतिहासिक ज्ञान बढ़ाने के लिए उन्हें दिल्ली की सैर ज़रूर कराएं। किस तरह से देश में बदलाव हुए ये दिल्ली की आबो हवा से पता चल जाएगा। यह दुनिया के प्रमुख पर्टन स्थल में से एक है। राजधानी होने के नाते देश के प्रमुख कार्यालय भी दिल्ली में ही हैं। इस शहर का महत्व न केवल इसके अतीत में राजाओं की गद्दी और भव्य महलों के कारण है, बल्कि इसकी संपन्नता और बहुमुखी संस्कृति के कारण भी है।

कैसे पहुंचें?

हवाई, रेल और सड़क मार्ग से आप दिल्ली जा सकते हैं। इंदिरा गांधी इंटरनेशनल हवाई अड्डा और नई दिल्ली तथा पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन के साथ ही हज़रत निज़ामुद्दीन रेलवे स्टेशन यहां का मुख्य रेलवे स्टेशन है।

एनिमल फ्रेंडली रणथंभौर

1980 में नेशनल पार्क में शामिल किया गया रणथंभौर उत्तर भारत के बड़े नेशनल पार्क में से एक है। स़िर्फ किताबों में ही जानवरों को देखने वाले अपने बच्चों की मुलाक़ात असली जानवरों से ज़रूर कराएं। ये उनके लिए बहुत ख़ास ट्रिप होगी। यहां पर चीता, तेंदुआ, हिरण, हाइना, मगरमच्छ, जंगली सुअर, जंगली बिल्लियां, लोमड़ी, नीलगाय जैसे और भी बहुत से जानवरों से भरा है ये पार्क। जानवरों के अलावा हज़ारों प्रजातियों के पक्षि भी इस पार्क की शोभा बढ़ाते हैं।

कैसे पहुंचें?

हवाई, रेल और सड़क मार्ग से आप रणथंभौर जा सकते हैं। सांगानेर हवाई अड्डा सबसे नज़दीकी एयरपोर्ट और सवाई माधोपुर नज़दीकी रेलवे स्टेशन है।

पानी की दुनिया अंडमान एंड निकोबार

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह अपने साफ़, शांत और सुंदर समुद्र तटों के लिए जाना जाता है। प्रदूषण से दूर कुछ दिन अपने बच्चों को यहां ज़रूर घुमाने ले जाएं। स्कूबा डाइविंग के ज़रिए पानी के अंदर के जीव-जंतुओं और पौधों को देखने का मौक़ा मिलता है। इसके साथ ही यहां के जंगलों में तरह-तरह के पक्षि और सुंदर फूल देखने को मिलते हैं।

कैसे पहुंचें?

कोलकाता, भुवनेश्‍वर और चेन्नई से आप पोर्टब्लेयर के वीर सावरकर एयरपोर्ट के लिए सीधी उड़ान भर सकते हैं। चेन्नई, कोलकाता और विशाखापत्तनम से पोर्टब्लेयर के लिए समुद्री जहाज़ जाती है। समुद्री यात्रा में 50 से 60 घंटे लगते हैं।