ऐतिहासिक महत्व रखता है बीजापुर, जानें यहां की देखने लायक 5 जगहें

बीजापुर (Bijapur) कर्नाटक (Karnataka) राज्य का एक प्रमुख शहर है। बीजापुर (Bijapur) अपने मध्ययुगीन स्मारकों के लिए जाना जाता है, जो इस्लामी वास्तुकला का एक अनूठा रूप है। बीजापुर पर्यटन स्थलों में शानदार गोल गुंबज (Gol Gumbaz) इस शहर का मुख्य आकर्षण है। यह भारत का सबसे बड़ा गुंबद है और दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गुंबद है। पर्यटक इस शहर में आदिल शाही शासकों द्वारा बनाए गए विभिन्न स्मारकों से आकर्षित हुए हैं, जिन्होंने 15 वीं और 17 वीं शताब्दी के बीच बीजापुर पर शासन किया था। बीजापुर पर्यटन की दृष्टि से भी ऐतिहासिक शहर है। बीजापुर में पर्यटन मुख्य रूप से शहर के विरासत स्थलों और ऐतिहासिक महत्व कारण प्रसिद्ध है. आईये जानते हैं बीजापुर के पर्यटक स्थलों के बारे में-

गोल गुंबज या गोल गुम्बज (Gol Gumbaz)

इसे दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गुंबज माना जाता है। इसका व्यास 124 फीट है। गुंबज चार खंभों पर टिका है। बुर्ज की सीढि़यों के सहारे इसकी बालकनी में पहुंच सकते हैं। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि जरा-सी फुसफुसाहट भी दूसरे छोर पर साफ-साफ सुनी जा सकती है। गुंबज की यही खासियत पर्यटकों को बेहद धीमा बोलने को मजबूर कर देती है।

इब्राहिम का रोजा (Ibrahim Roza)

बीजापुर पर्यटन में स्थित इस इमारत को ‘ताजमहल’ के डिजाइन को प्रेरित करने वाली इमारत कहा गया, इब्राहिम रोजा,सुल्तान इब्राहिम आदिल शाह द्वितीय और उनकी रानी का मकबरा है। संरचना फारसी मुस्लिम वास्तुकला का एक चमत्कार है और चट्टान के एक स्लैब पर बनाया गया है।

जामा मस्जिद (Jamiya masjid, Bijapur)

इसे भारत की सबसे पुरानी मस्जिदों में से एक माना जाता है। यहां मुस्लिमों के पवित्र ग्रंथ कुरान की खूबसूरत प्रतिकृति है, जिसमें सोने से नाम खुदे हैं। मस्जिद का बारह कामन इसका बड़ा आकर्षण है, जो मुख्य स्टेज को भव्य बनाता है। इस पर कई तरह समारोह होते रहते हैं।

मलिक-ए-मैदान (Malik-e-Maidan)

यदि आप कुछ मांगना चाहते हैं तो यहां रखे मालिक-ए-मैदान नामक तोप को छूकर मांग सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि यहां मांगी हुई मुरादें पूरी होती हैं। इस तोप का वजन 55 टन और लंबाई 14 फीट है। इब्राहिम रोजाः इस मकबरे का निर्माण आदिल शाह-2 ने कराया। यह निर्माण ताजमहल और दुनिया के सात अजूबों से प्रेरित था। इसमें नक्काशी का काम देखने लायक है।

गगन महल (Gagan Mahal)

गगन महल का शाब्दिक अर्थ आकाश है और 16 वीं शताब्दी में अली आदिल शाह प्रथम द्वारा बनाया गया था। संरचना मेहराब और एक केंद्रीय बड़ा आर्क के साथ इसकी विशेषता है, जो कि गढ़ के प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करता है। जमीन के तल में एक दरबार या एक असेंबली हॉल था और ऊपरी मंजिल शाही परिवार के निवास के रूप में काम करते थे। बीजापुर पर्यटन स्थलों मे यह एक महत्वपूर्ण स्थल है।