यदि आप प्रकृति की अनूठी सुंदरता का अनुभव करना चाहते हैं तो पूर्वोत्तर भारत आपके लिए बेहतरीन विकल्प साबित हो सकता हैं। अपनी लहरदार पहाड़ियों, हरी-भरी घाटियों, बुदबुदाती नदियों और आकर्षक वातावरण के साथ भारत का उत्तर-पूर्वी भाग प्राकृतिक खजाने से भरपूर हैं। भारत की सात बहनों के नाम से प्रसिद्ध यहां के राज्य अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और विविधता के चलते सैलानियों को यहां आने पर मजबूर कर देते है। पर्यटन के लिहाज से यह क्षेत्र काफी उन्नत माना जाता है। आज हम आपको उत्तर पूर्वी भारत के प्रमुख पर्यटन स्थलों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां घूमने जाना अपनेआप में एक यादगार समय बिताना हैं। आइये जानते हैं इनके बारे में...
गंगटोकभारत प्राकृतिक खूबसूरती से भरा पड़ा है। ऐसा ही एक शहर है घने पहाड़ों के बीच बसा हुआ गैंगटोक या गंगटोक। गंगटोक शहर जब आप जाओगे तो, शहर की सफाई आपको मंत्र मुग्ध कर देगी। खूबसूरत पहाड़ और साथ में बहती तीस्ता नदी, साफ सुथरी सड़कें, गंगटोक के सफर को और भी सुहाना कर देती हैं। गंगटोक में आप पैराग्लाइडिंग, रिवर राफ्टिंग और स्कींइग जैसे स्पोर्ट्स एडवेंचर का मजा ले सकती हैं। साथ ही गंगटोक का लाल बाजार, एमजी रोड, सेवन सिस्टर वाॅटर फाॅल, साॅन्गमो झील आदि भी देख सकती हैं। इसके अलावा गंगटोक प्राचीन मठों, मंदिरों और महलों के लिए भी जाना जाता है।
चेरापूंजी मेघालय के मासिनराम के बाद चेरापूंजी सबसे ज्यादा बारिश वाला स्थान है। जिसे बारिश की राजधानी से भी संबोधित किया जाता है। यह पूरा वेट लैंड समुद्र तल से लगभग 1300 मीटर की ऊंचाई पर बसा है। शिलांग से चेरापूंजी की दूरी मात्र 60 किमी रह जाती है। वर्षा ऋतु के दौरान यहां देश-विदेश से पर्यटक घूमने के लिए आते हैं। इस दौरान यहां का नजारा बेहद खूबसूरत हो जाता है। यहां की प्राकृतिक खूबसूरती का कोई जवाब नहीं। वर्षा ऋतु के दौरान यहां के झरने देखने लायक होते हैं। आप यहां का प्रसिद्ध झरना नोहकालीकाई झरना देख सकते हैं। इसके अलावा यहां की प्राचीन गुफाएं भी आपकी यात्रा डायरी का अंश बन सकती हैं। बता दें कि चेरापूंजी का अब नाम बदलकर सोहरा रख दिया गया है।
पेलिंगसिक्किम के पश्चिमी क्षेत्र का एक आकर्षक शहर, पेलिंग, राज्य के दूसरे सबसे लोकप्रिय पर्यटक आकर्षण के रूप में गंगटोक को पछाड़ रहा है। खंगचेंदज़ोंगा और अन्य चोटियों का मनमोहक दृश्य स्थान का मुख्य आकर्षण है। प्रसिद्ध पर्यटन स्थल, प्रसिद्ध पेमायंग्त्से मठ, यहाँ से एक किलोमीटर से भी कम दूरी पर है। इसके अलावा, यह विभिन्न अतिरिक्त गतिविधियों जैसे गाँव के दौरे, पर्वतारोहण, रॉक क्लाइम्बिंग, ध्यान और शैक्षणिक अनुसंधान के अवसर प्रदान करता है। सभी प्रकृति उत्साही लोगों के लिए, पेलिंग का सुरम्य गांव पूर्वोत्तर पर्यटन स्थल के रूप में आदर्श छुट्टी स्थल है।
शिलांगमेघालय की राजधानी शिलांग को ‘उत्तर पूर्व का स्काॅटलैंड’ भी कहा जाता है। यहां बारह महीने शानदार मौसम रहता है। यहां के पहाड़ और खूबसूरत हरियाली की वजह यहां का मौसम ऑसम रहता है। यहां स्थित शिलांग पीक, लेडी हैदरी पार्क, कैलांग राॅक, वार्डस झील और मीठा झरना देख सकते हैं। शिलांग घूमने का असली मजा पैदल या लोकल ट्रांसपोर्ट से ही आता है। आप यहां उमियम झील, हाथी झरना, मौसिनराम गांव और जैकरम हाॅट स्प्रिंग भी घूम सकती हैं।
नाथुला दर्रासिक्किम स्थित नाथुला दर्रा प्राचीन रेशम मार्ग का एक हिस्सा होने के साथ-साथ उत्तर पूर्वी भारत एक आकर्षक पर्यटन स्थल है। यह दर्रा सिक्किम घूमने आए ट्रेकर्स और यात्रियों में मध्य काफी लोकप्रिय है। कहा जाता है कि आप यहां पहाड़ों को महसूस कर सकते हैं साथ ही यह जगह बेस्ट इको प्वाइंट के लिए भी जानी जाती है। जहां आप गहरी घाटियों और ऊंची चोटियों के माध्यम से अपनी गूंजती आवाज को सुन सकते हैं। इसके अलावा आप यहां हिमालय की खूबसूरत चोटियों को भी देख सकते हैं।
जीरोपूर्वोत्तर में घूमने के स्थानों की सूची में अगला ज़ीरो है। जीरो, एक विशिष्ट आदिवासी समूह का जन्मस्थान और एक सुखद वातावरण, शांति चाहने वालों के लिए एक आश्रय स्थल है। आपा तानी जनजाति अरुणाचल प्रदेश के एक पुराने शहर जीरो को अपना घर कहती है। जीरो अपनी चीड़ की पहाड़ियों और चावल के खेतों के लिए भी जाना जाता है। ज़ीरो का मौसम साल भर सुखद रहता है, जिससे पूरे साल यात्रा करना सुविधाजनक हो जाता है।
तवांगअरुणाचल प्रदेश के तवांग जिले को प्रकृति ने अपनी खूबसूरती से जी भर के नवाजा है। इस शांत और खूबसूरत जगह को देखकर आपको ऐसा महसूस होगा जैसे ऊपर वाले ने इसे फ़ुरसत में बैठकर बनाया है। यहां के ‘बैद्ध मठ’ वर्ल्ड फेमस हैं। यहां होने वाले कई त्योहार और मेले अपनी रंगीन भव्यता के लिए काफी प्रसिद्ध हैं। यहां के स्थानीय लोगों को ‘मोनापा’ कहते हैं। यह कुशल कारीगर होते हैं। आप यहां उनकी उत्कृष्ट शिल्पकला का भी आनंद ले सकते हैं। तवांग के मुख्य आकषर्णों में सेला दर्रा, तवांग मठ, ताकत्संग मठ आदि शामिल हैं। कैंपिंग के शौकीनों के लिए भी तवांग एक अच्छी जगह है। सैलानियों के लिए ‘याक’ भी आकर्षण का केन्द्र है। इसके अलावा बर्फीले रास्तों पर बाइक चलाना, खूबसूरत तवांग की वादियों के बीच इंस्टाग्राम के लिए फोटो निकालने का अनुभव आपको एक अलग ही दुनिया में ले जाएगा।
कोहिमाकोहिमा, भारत के नागालैंड का राजधानी शहर है, जो अपनी आदिवासी संस्कृति के लिए जाना जाता है। यहां अधिकतर आदिवासी लोग ही रहते हैं। नागालैंड पूरे विश्व भर में अपनी रंग-बिरंगी लोक सस्कृति के लिए प्रसिद्ध है। जिसे देखने के लिए देश-दुनिया से लोग यहां तक का सफर तय करते हैं। कोहिमा अपने विभिन्न पर्यटन स्थलों के लिए भी जाना जाता है। आप यहां समाधि स्थल, कोहिमा चर्च, संग्रहालय, नागा हेरिटेज कॉम्पलैक्स, कोहिमा गांव, दजुकोउ घाटी आदि की सैर का आनंद ले सकते हैं।
त्सोमगो झीलइसे चांगू झील के नाम से भी जाना जाता है, अदम्य पहाड़ों की एक असली तस्वीर पेश करती है। 12,400 फीट की ऊंचाई पर स्थित इस झील का स्वरूप साल भर बदलता रहता है। झील का किनारा है देर से वसंत ऋतु में खिलने वाले फूलों में ढका हुआ है जबकि यह सर्दियों में ठोस जम जाता है। बौद्ध भिक्षुओं और सिक्किम के विश्वासियों के लिए, इस झील के बारे में कई परंपराएं और मिथक महत्वपूर्ण हैं। याक की सवारी एक ऐसा अनुभव है जिसे पर्यटक कभी नहीं भूल पाएंगे। आप सर्दियों में जमी हुई झील पर याक की सवारी भी कर सकते हैं, और यह सभी के लिए एक आदर्श पूर्वोत्तर पर्यटन स्थल है।
त्रिपुरा सुंदरी मंदिरत्रिपुरासंदरी को देवी त्रिपुरेश्वरी नाम से भी जाना जाता है। सुंदरी मंदिर उत्तर पूर्व भारत में सबसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक है। माना जाता है कि यह पुराना हिंदू मंदिर 51 शक्ति पीठों में से एक है, जो देवी काली को समर्पित है। मंदिर में दीवाली के दौरान तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ होती है। मंदिर की चैकोर प्रकार के गर्भ ग्रह के साथ प्राचीन गुबंद की संरचना शांतिपूर्ण और निर्मल दिखती है। मंदिर के आस-पास की प्रकृति और शांति एक असीम आनंद का अहसास कराती है।