धरती पर स्वर्ग जैसा अहसास कराती हैं इन 5 गांव की खूबसूरती

हर कोई ऐसी जगह घूमना पसंद करता हैं जो खूबसूरत हो और उसकी छवि मन में बस जाए। खूबसूरती की बात की जाए तो सबसे पहले मन में प्राकृतिक नजारों का ख्याल आता हैं जैसे हरे-भरे जंगल, झरने, नदी-नालों की किलकारियां। ऐसी प्राकृतिक सुंदरता लिए जगह मन को शांति का अहसास कराती हैं और यहां बार-बार जाने का मन करता हैं। आज इस कड़ी में हम आपको देश के कुछ ऐसे गांव की जानकारी देने जा रहे हैं जो धरती पर स्वर्ग जैसा अहसास कराते हैं। तो आइये जानते हैं इन गांव के बारे में।

खोनोमा

खोनोमा गांव कोहिमा से 20 किलोमिटर की दूरी पर स्थित है। यहां की हरी- भरी वादियां आकर्षित करने का काम करती हैं। आपको बता दें खोनोमा को एशिया का सबसे पहला हरा- भरा गांव घोषित किया गया है। इस गांव में 100 से अधिक प्रजातियों के वन्य प्राणी और जीव- जंतु पाए जाते हैं। इसके अलावा यहां पर लगभग 250 पौधों की प्रजातियों के पौधे भी पाए जाते हैं।

मिरिक

मिरिक दार्जिलिंग के पश्चिम में समुद्र तल से लगभग 4905 फीट की ऊंचाई पर स्थित एक छोटा सा खूबसूरत गांव है। यहां के प्राकृतिक नजारे मन मोह लेते हैं। यहां पर स्थित मिरिक झील इस गांव की खूबसूरती में चार चांद लगाने का काम करती है। आपको बता दें मिरिक झील देवदार के पेड़ों से घिरी है। मिरिक में चाय के बागान, जंगली फूलों की चादर, क्रिप्टोमेरिया के पेड़ आकर्षित करने का काम करते हैं।

मलाना

हिमाचल की कुल्लू घाटी के उत्तर में पार्वती घाटी की चंद्रखानी की हरी-भरी वादियों में खूबसूरत मलाना गांव स्थित है। इस गांव की खूबसूरत पहाड़ियों के नजारे देखते ही बनते हैं। मलाना गांव मलाना नदी के किनारे पर बसा है।

स्मित

स्मित गांव मेघालय की राजधानी शिलांग से करीब 11 किलोमीटर दूर पहाड़ों पर बसा है। यह गांव कुदरत की खूबसूरत चादर ओढ़े हुए नजर आता है। भारत के इस खूबसूरत गांव को प्रदूषण मुक्त गांव का दर्जा भी मिला हुआ है। स्मित गांव की खूबसूरती देखते ही बनती है। स्मित के लोग सब्जी और मसाले की खेती करते हैं।

मावलिनॉन्ग, मेघालय

मावलिनॉन्ग शिलॉन्ग से करीब 90 किमी दूरी पर बसा छोटा सा गांव है। इस गांव को एशिया के सबसे साफ गांव का दर्जा भी प्राप्त है। प्राकृतिक सुंदरता से सराबोर इस गांव की खूबसूरती देखते ही बनती है। यहां पर एशिया का सबसे मशहूर रूट ब्रिज भी है।