खूबसूरत पर्यटन स्थल के तौर पर देखा जाता हैं गंगटोक, जानें यहां की खास जगहें

जब भी पूर्वोतर भारत की बात आती हैं तो घूमने के नाम पर गंगटोक को बहुत पसंद किया जाता हैं। यह सिक्किम का सबसे बड़ा और राजधानी शहर हैं जो समुद्र तल से लगभग 5410 फीट की ऊंचाई पर स्थित हैं। बादलों से घिरी हुई यह जगह आकर्षक और प्राकृतिक सौन्दर्य के रूप में बहुत पसंद की जाती हैं। गंगटोक शहर कई आश्चर्यजनक प्राकृतिक अजूबों से भरा हुआ है। प्रकृति प्रेमियों, धार्मिक यात्रियों और पर्यटकों के लिए गंगटोक हमेशा से एक आदर्श स्थान रहा हैं। आज इस कड़ी में हम आपको गंगटोक के प्रमुख पर्यटन स्थलों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां घूमने का अपना अलग ही मजा हैं। आइये जानते हैं इन पर्यटन स्थलों के बारे में...

त्सोमगो झील

अगर आपको गंगटोक में घूमने के लिए सिर्फ एक ही जगह को अच्छे से देखना है, तो हमारा मानना है कि आपको त्सोमगो झील जाना चाहिए। त्सोमगो चांगू झील एक हिमनद झील है, जो गंगटोक से 40 किलोमीटर की दूरी पर 12,310 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। पहाड़ों से घिरी ये झील अपना पानी पिघलती बर्फ से इकट्ठा करती है। झील की एक खास बात यह है कि यह हर मौसम के साथ अपना रंग बदलती है। झील सर्दियों के दौरान जमी रहती है, तो वहीं गर्मियों में चारों ओर बर्फ की जगह पर फूल खिलते हैं। ऐसा कहा जाता है कि बौद्ध भिक्षु पुराने समय में झील के रंग को देखकर ही भविष्य की भविष्यवाणी किया करते थे।

हनुमान टोक

गंगटोक से तकरीबन 10 Km की दूरी पर एक पहाड़ी की ऊंची चोटी पर स्थित है यह हनुमान टोक। हनुमान टोक मुख्य रूप से भगवान हनुमान को समर्पित है। इस पवित्र स्थान को लोगों की मनोकामना पूर्ण करने वाला धार्मिक स्थल के रूप में जाना जाता है। इस हनुमान टोक परिसर को अभी हाल ही में पूर्णनिर्मित भी किया गया था। इस हनुमान टोक से आसपास के देखने वाले नजारा काफी आकर्षक एवं खूबसूरत होता है, जो कि एक प्राकृतिक प्रेमी द्वारा काफी पसंद किया जाता है।

रुमटेक मठ

गंगटोक से केवल 23 किलोमीटर की दूरी पर स्तिथ रुमटेक मठ गंगटोक का सबसे बड़े और महत्वपूर्ण मठों में से एक है और इसे धर्मचक्र केंद्र के रूप में भी जाना जाता है। यह मठ गंगटोक वल्कि पुरे सिक्किम में सबसे आकर्षक और शानदार पर्यटन स्थलों के रूप में मशहूर है जो पारंपरिक तिब्बत शैली में बनाया गया है। तीन मंजिला वाले इस मठ में कई सुंदर मूर्तियां, भिन्न चित्रों के साथ विशाल पार्थना कक्ष और कई अनूठी वस्तुएं और धर्म ग्रन्थ शामिल है। यह प्राचीन मठ दुनिया की बेहतरीन वास्तुकलाओं में से एक लिए जाना जाता है और गंगटोक में घूमने के लिए प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से एक है।

नाथुला पास

अगर आप गंगटोक घूमने के लिए जा रहे हैं तो यहाँ पर एक ऐसी जगह है जिसे आप कभी मिस नहीं करना चाहेंगे। हम बात कर रहे हैं अंतर्राष्ट्रीय भारत-चीन सीमा की जिसको देखने के लिए आपको एक परमिट की जरूरत होती है। इस परमिट को आप गंगटोक जाने के बाद आसानी से हासिल कर सकते हैं। बता दें कि नाथुला पास- भारत-चीन सीमा पर सिर्फ भारतीय पर्यटकों को जाने की अनुमति होती है और विदेशियों को यहां जाने की अनुमति नहीं है। यह सीमा एक ऐसी जगह है जहाँ पर जाने के बाद आप भारतीय सैनिको के साथ चीन के सैनिक और उनके गुजरने वाले ट्रकों को भी देख सकते हैं।

रेशी हॉट स्प्रिंग्स

आपको बता दें वैसे तो सिक्किम में कई सारी हॉट स्प्रिंग्स है लेकिन इस रेशी हॉट स्प्रिंग्स की कुछ खास महत्व एवं विशेषता है, जिसकी वजह से यह काफी प्रसिद्ध हैं। यहां पर जाने वाले पर्यटक और तीर्थयात्री अपने आप को इस हॉटस्प्रिंग में काफी समय तक भिगोते हैं। ऐसा इसलिए करते है क्योंकि माना जाता है कि इस झरने में कई औषधीय गुण हैं, जो त्वचा रोग को ठीक करने के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं।

हिमालयन जूलॉजिकल पार्क

सिक्किम का पहला चिड़ियाघर, हिमालयन जूलॉजिकल पार्क में स्नो लेपर्ड्स, हिमालयन पाम सिवेट्स, रेड पंडों और हिमालयन ब्लैक बियर्स का घर है। विभिन्न जीवों की वजह से ये जगह देश के अधिकांश चिड़ियाघरों से अलग मानी जाती है। यहां के जानवरों को पिंजरे में न रखकर बिल्कुल हूबहू प्राकृतिक आवास में रखा जाता है। 1,780 मीटर की ऊंचाई पर स्थित, चिड़ियाघर कंचनजंगा पर्वत के शानदार दृश्य भी प्रस्तुत करता है। अगर आप गंगटोक का ये चिड़ियाघर देखना चाहते हैं, तो कम से कम अलग से 3 से 4 घंटे जरूर लेकर आएं, खासकर तब और जब आप बच्चों के साथ घूम रहे हो।

फोडांग मठ

गंगटोक से करीब 40 किलोमीटर की दूरी पर स्तिथ फोडोंग या फोडांग मठ सिक्किम के छह सबसे महत्पूर्ण बौद्ध मठों में से एक है और गंगटोक में घूमने के लिए सबसे आकर्षक स्थानों में से एक माना जाता है। यह मठ 4500 मीटर की ऊंचाई पर स्तिथ है और प्राकृतिक सुंदरता के बिच स्तिथ होने करण यह सभी का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित करता है। यह मठ सिक्किम में सबसे प्रमुख मठों में से एक है और पर्यटकों को सिक्किम की आध्यात्मिक गहराई का सबसे अच्छा आनंद लेने का मौका प्रदान करता है। वर्तमान में फोडोंग मठ सिक्किम का एक प्रमुख पर्यटक आकर्षणों का केंद्र है और इसमें काग्यू वंश के लगभग 260 भिक्षु रहते हैं। मठ की दीवारों को सुंदर चित्रों से सजाया गया है जो किसी को भी आश्चर्यचकित कर सकता है।

बाबा हरभजन सिंह मंदिर

बाबा हरभजन सिंह 4000 मीटर की ऊँचाई पर 64 किमी की दूरी पर नाथुला और जेलेपला दर्रे के बीच से गुजरने वाली सड़क पर स्थित एक ऐसा मंदिर है जो बाबा हरभजन सिंह की समाधि पर बना हुआ है। बताया जाता है कि 35 साल पहले पूर्वी सिक्किम में तुक्ला से लेकर देंग ढुकला तक के विभाजन के दौरान खच्चरों के एक झूंड नेतृत्व करते हुए सिपाही हरभजन सिंह लापता हो गए थे, इसके बाद उनकी खोज शुरू की गई। लेकिन तीन दिनों तक खोज करने के बाद सैनिको को उनकी बॉडी मिली। इसके बाद टुकड़ी के कई सैनिकों ने बताया कि बाबा उनके सपनों में आ रहे हैं और अपनी याद में एक मंदिर बनाने के लिए बोल रहे थे। जिसके बाद उनकी याद में ‘बाबा हरभजन सिंह स्मारक मंदिर’ बनवाया गया। यहाँ आने वाले पर्यटक और उनकी वर्दी पर चढ़ाने के बाद उनकी परिक्रमा करते हैं।