भारत प्राचीन काल से कला और संस्कृति का देश रहा है जहां हर क्षेत्र की अपनी सुंदरता और विशेषता हैं एवं यही पर्यटन को बढ़ावा देने का काम करती हैं। कई लोग होते हैं जो ऐतिहासिक जगहों पर घूमने का शौक रखते हैं और शानदार वास्तुकला के नजारे लेना पसंद करते हैं। ऐसे में अगर आप भी हेरिटेज इमारतें देखना चाहते हैं, तो इसके लिए आप देश में मौजूद कई शाही महलों का रूख कर सकते हैं। आज इस कड़ी में हम आपको जिन शाही महलों के बारे में बताने जा रहे हैं जो अपनी वास्तुकला, प्राकृतिक सौन्दर्य और सुविधाओं के कारण भारत के सबसे सुंदर शाही महलों में शामिल किए जाते हैं। इन शाही महलों का दीदार करना अपनेआप में एक अनोखा अनुभव साबित होता हैं। आइये जानते हैं इनके बारे में...
अंबा विलास पैलेस या मैसूर पैलेस, मैसूरभारत में सबसे खूबसूरत महलों में से एक अंबा विलास पैलेस या मैसूर पैलेस एक वास्तुशिल्प चमत्कार है। वोड़ेयार्स द्वारा बनवाया गया ये महल उनके लिए शाही सीट के रूप में कार्य करता था, पैलेस को देखकर हर कोई कह देगा कि उन्हें उस जमाने में भी कला और वास्तुकला का कितना ज्ञान था। आप भी जरा महल के अंदरूनी हिस्सों में जाकर देखिए, आपको द्रविड़, ओरिएंटल, इंडो-सरसेनिक और रोमन शैली वास्तुकला का उदाहरण यही देखने को मिलेगा।
रंजीत विलास पैलेस, राजकोटरंजीत विलास पैलेस गुजरात के राजकोट जिले में वांकानेर शहर में स्थित है। वांकानेर का यह खूबसूरत और ऐतिहासिक महल एक पहाड़ी पर स्थित है, जिसका आगे का हिस्सा शहर की तरफ है। यह महल राजकोट शहर से लगभग 53 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। रंजीत विलास पैलेस के निर्माण में मुगल शैली, इतावली शैली, डच शैली और फ्रांसीसी शैली का प्रयोग किया गया है। यहां प्राचीन और मध्यकालीन युगीन कुर्सियां, कांच की दीर्घाएं, झूमर, पुराने फर्नीचर, विशालकाय चित्र और भाले, तलवारें, राजसी लैंप, कपड़े, सिंहासन और सैन्य सामग्रियों का व्यापक संग्रह मौजूद है।
उज्जयंता पैलेस, अगरतलात्रिपुरा में सबसे खूबसूरत संरचनाओं में से एक और भारत में सबसे अधिक मान्यता प्राप्त महलों में से एक, उज्जयंता पैलेस असल में राजा के निवास के लिए परफेक्ट है। बल्कि आप तो अभी भी देखकर यही कहेंगे कि ऐसे खूबसूरत महल में तो आज भी कोई भी राजा रह लेगा! बता दें, महान कवि रवींद्रनाथ टैगोर ने महल को इसका नाम दिया था और काफी समय तक इस महल पर कई शासकों का शासन रहा था। खूबसूरत टाइल्स और लकड़ी के चमत्कार को देखने के लिए एक बार जरूर जाएं। वैसे अब ये महल एक म्यूजियम में तब्दील कर दिया गया है।
राम बाग पैलेस होटल, जयपुररामबाग पैलेस होटल भारत के सबसे प्रसिद्ध और खूबसूरत शाही महलों में से एक है। इस होटल को दुनिया के बेहतरीन हेरिटेज होटलों में से एक माना जाता है। राम बाग पैलेस होटल ताज होटल समूह द्वारा चलाया जाता है, जो टाटा एंटरप्राइजेज का हिस्सा है। यह हेरिटेज होटल भारत के सबसे महंगे होटलों में से एक है। 20 वीं शताब्दी की शुरुआत में, सर सैमुअल स्वीटन जैकब के डिजाइन के आधार पर इमारत को शाही महल के रूप में विकसित किया गया था। 1931 में, महाराजा सवाई मान सिंह द्वितीय ने राम बाग पैलेस को अपना केंद्रीय निवास बनाया और यहां कई शाही सुट्स बनाए।
लक्ष्मी विलास पैलेस, वडोदरा क्या आप ये बात जानते हैं वडोदरा का लक्ष्मी विलास पैलेस बकिंघम पैलेस से भी चार गुना बड़ा है? कला का उदहारण देखना चाहते हैं, तो एक बार इस महल को देखने जरूर आएं। बता दें, बड़ौदा के शाही परिवार - गायकवाड़ का घर है। 1890 में, मेजर चार्ल्स मंट ने महाराजा सैय्याजीराव गायकवाड़ III के लिए वास्तुकला की इंडो-सरसेनिक शैली में महल का डिजाइन तैयार किया था, अब ये पैलेस म्यूजियम में बदल चुका है।
उम्मेद भवन पैलेस, जोधपुरजोधपुर का उम्मेद भवन पैलेस दुनिया के सबसे बड़े निजी निवास स्थानों में से एक है। इस महल का स्वामित्व जोधपुर के शाही परिवार के सदस्य महाराजा गज सिंह जी के पास है। इस महल का निर्माणकार्य 1929 में शुरू हुआ था और 1943 में यह महल बनकर तैयार हुआ था। वर्तमान में यह महल तीन भागों में बंटा हुआ है, जिसके पहले भाग में ताज पैलेस होटल, दूसरे भाग में शाही परिवार का निवास स्थान और तीसरे भाग में संग्रहालय स्थित है।
सिटी पैलेस, जयपुर महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय एक बेहतरीन वास्तुकला के साथ महल बनवाने के लिए जाने जाते हैं। जयपुर में सिटी पैलेस उनकी भव्य संरचनाओं के कलेक्शन में से एक है। महल में कई आंगन, मंदिर, पार्क हैं और इनमें चंद्र महल, मुबारक महल, श्री गोविंद देव मंदिर को तो लोग सबसे ज्यादा देखते हैं। इतने वर्षों के बाद भी, जयपुर शाही परिवार वहां रहता है, हालांकि महल का एक बड़ा हिस्सा अब सिटी पैलेस संग्रहालय या महाराजा सवाई मान सिंह द्वितीय संग्रहालय में बदल दिया गया है।
जय विलास पैलेस, ग्वालियरजय विलास पैलेस महाराजा जयाजी राव सिंधिया द्वारा 1874 में बनवाया गया था। इसे बनाने वाले माइकल फिलोस वास्तुकार थे जिन्होंने इस भव्य संरचना को डिजाइन किया और अपने डिजाइनों में वास्तुकला की यूरोपीय शैली को शामिल किया। इस महल की तीनों मंजिलों की वास्तुकला की अलग-अलग शैलियां हैं। पहला टस्कन शैली में, दूसरा इतालवी डोरिक में और तीसरा कोरिंथियन शैली में। पूर्ववर्ती शाही सीट अब एक म्यूजियम है, जिसे जीवाजी राव सिंधिया म्यूजियम के नाम से जाना जाता है।