भारत के राज्यों मे से हिमाचल प्रदेश के कुल्लू और मनाली एक ऐसी जगह है जिसमे इतने मनोरम द्रश्य है जो दिल को छु जाते है। सच मे हिमाचल प्रदेश मे बसे ये दोनों शहर किसी मनोरंजकता से कम नहीं है। सेलानियो को अगर गर्मियों के मौसम मे घूमने जाना है तो सब से पहले जेहन मे कुल्लू मनाली का ही ख्याल आता है। यहाँ के हिमाछादित पर्वत आसमान से बाते करते है । और इसकी हरी भरी घाटिया नीचे ही नीचे चलती जाती है जो दिल को लुभावने वाले द्रश्य है । झीलों के किनारे के द्रश्य तो इतने मनमोहक होते है की आप अपनी सारी थकान भूल जाते है । घंटो झील के किनारे बेठ कर कल कल करती नदियों के पानी की आवज़ को आप महसूस कर सकते है
कुल्लू देवताओ की घाटी है
हिमाचल प्रदेश मे बसे कुल्लू को देवताओ की घाटी के नाम से भी जाना जाता हैI कुल्लू को मानव बस्ती की अंतिम पीठ मानते हुए इसे कुलांतपीठ भी कहा जाता है
I परन्तु महाभारत और रामायण मे इसका उल्लेख कुल्लू के नाम से ही हुआ है I जब वसंत ऋतू का मोसम आता है तो यह जगह और लुभवानी हो जाती है,क्यों की यहाँ पर सफ़ेद और गुलाबी रंग के फूल चारो तरफ खिल जाते है I दिसम्बर माह तक यहाँ हरयाली बनी रहती है I सर्दियों के मोसम आते ही पहाड़ो पर बर्फ की सफ़ेद चादर सी चढ़ जाती है I
मनु के नाम से मनाली का नाम रखा गया I मनु मानव जाती के पिता कहे जाते है,उन्होंने अपने आवास के लिए मनाली जैसे पर्यावरण को चुना था I मनाली अभी भी अपनी सुन्दरता और आकर्षण को संजोये हुए है I एक तरफ तो हिमालय पर्वत दूसरी और नगर के बीचो बीच व्यास नदी का बहना, घास के मैदानों से सजी हरी भरी घाटिया और इन मे लगे सेबो के पेड़ इसकी सुन्दरता और और अधिक मनमोहक बना देते है I
वैसे तो कुल्लू मे कही भी घूमे निराशजनक स्थिती उत्पन्न हो ही नहीं सकती है I कुल्लू मिया रोरिखा कला दीर्घा, ऊरुसवती हिमालय लोक कला संग्रहालय और शाम्बला बौद्ध थंगका कला संग्रहालय देखने योग्य हैं। पूजा स्थलों में काली बाड़ी मंदिर, रघुनाथ मंदिर, बिजली महादेरु मंदिर और वैष्णो देवी मंदिर देखने योग्य स्थल है।
मनाली मे देखने हेतु स्थल मे कोठी, वन विहार, तिब्बती बाजार और माल, रहाला प्रपात, रोहतांग दर्रा, सोलांग घाटी, हिडिंबा देवी मंदिर, जगतसुख मंदिर इत्यादि मन को भा जाये ये इस तरह के स्थल हैं।