तीन झील, कई घाटों और मंदिरों से घिरा है पुष्कर, भक्ति रंग में डूबने का आएगा मजा, तो घूमना भी आएगा रास

पुष्कर का इतिहास काफी पुराना है जिसका उल्लेख खेरा और केदार के पास जाने वाले माइक्रोलिथ प्रागैतिहासिक युग के दौरान भी किया गया है। इसके अनुसार, इस क्षेत्र में मानव अस्तित्व का एक मजबूत उदाहरण मिलता है। इसके अलावा यह स्थान हिंदू श्रद्धालु के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। पौराणिक कथाओं केअनुसार एक बार भगवान ब्रह्मा और दानव वज्रनाभ के बीच एक लड़ाई हुई थी। धार्मिक मान्यताओं केअनुसार, इस युद्ध में भगवान ब्रह्मा ने कमल का उपयोग कर उस दैत्य का अंत कर दिया। इस युद्धके दौरान पुष्कर के अलग-अलग हिस्सों में कमल के फूल की तीन पंखुड़ियाँ गिरी। ऐसा माना जाता हैकि जहां-जहां ये पंखुड़ियां गिरीं, वहां तीन झीलें बन गई। आज यह तीनों झील कई घाटों और मंदिरों सेघिरा हुआ है।

पुष्कर के मुख्य आकर्षण

पुष्कर मेला-

यह उत्सव कार्तिक पूर्णिमा के दिन आयोजित किया जाता है। इस उत्सव के दौरान देश-विदेश से लाखों पर्यटक इस अद्भुत और भव्य मेला का लुत्फ़ उठाने के लिए यहां आते है। इस उत्सव केदौरान कई तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम श्रोताओं का मन मोह लेता है।

महादेव मंदिर-

यह मंदिर आपकी यात्रा सूची में होना चाहिए, यदि आप वास्तव में परमात्मा का अनुभवकरना चाहते हैं। यह मंदिर न केवल आध्यात्मिक ज्ञान का एक स्रोत है, बल्कि आपको इस जगह केशानदार इतिहास से भी रूबरू कराता है।

पुष्कर झील-

यह झील भगवान ब्रह्मा के मंदिर के पास स्थित है। पौराणिक कहानियों की मानें तो यह
वह स्थान है जहां भगवान ब्रह्मा के समक्ष देवी सावित्रि ने प्रार्थना की थी। इसके अलावा, यह भी माना जाता है कि इस पवित्र नदी में एक डुबकी आपको मोक्ष की प्राप्ति होती है।

मीरा मंदिर-

यह मंदिर लगभग 400 साल पुराना है, जो कि मेड़ता सिटी में स्थित है। इसके अलावा यहस्थान मीरा बाई का जन्मस्थल के रूप में जाना जाता है। मीरा मंदिर, दधिमती मंदिर और चारभुजामंदिर में हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां आते हैं।

गुलाब का बगीचा-

इस बगीचे में किसान बड़े पैमाने पर गुलाब उगाते हैं। खिलते फूलों का नजारा औरवहां की भीनी-भीनी खुशबू आपको खुश और शांति का एहसास कराती है। यह स्थान अपने परिवार केसाथ घूमने के लिए उत्तम स्थान है।पुष्कर घूमने का सही समययदि आप पुष्कर के यात्रा की योजना बना रहे है तो नवंबर से मार्च के महीना इसके लिए सबसे उपयुक्तरहेगा। इस समय के दौरान समग्र तापमान यात्रा और पर्यटन गतिविधियों के लिए काफी शानदार औरउपयुक्त होता है।

कैसे पहुंचे?

पुष्कर अपने सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है। यह दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु औरकोलकाता से लगभग 419, 1,032, 1,825 और 1,684 किमी की दूरी पर स्थित है। नीचे दिए गए मार्गोंका उपयोग करके आप पुष्कर पहुंच सकते हैं।

हवाई मार्ग -

इस शहर तक पहुंचने के लिए निकटतम एयरपोर्ट जयपुर हवाई अड्डा है जो कि लगभग 154 किमी की दूरी पर स्थित है। राजस्थान के लिए हवाई यात्रा करना सबसे तेज और आरामदायक विकल्प है। एयरपोर्ट पहुंचने के बाद आप कैब के द्वारा आसानी से शेष बची दूरी को कवर कर सकते है।

दिल्ली- दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से आप स्पाइस जेट, एयर इंडिया और एयरएशिया की उड़ानें उपलब्ध है। हवाई किराये 1,200 रूपये से शुरू होती है।

मुंबई- छत्रपति शिवाजी टर्मिनल से आप स्पाइस जेट, एयर इंडिया और इंजिगो की उड़ानें उपलब्ध है। हवाई किराये 2,500 रूपये से शुरू होती है।

कोलकाता- सुभाष चंद्र बोस हवाई अड्डे से स्पाइस जेट, गो एयर और इंडिगो की उड़ानें है। हवाई किराये 2,500 रूपये से शुरू होती है।

रेल मार्ग -

पुष्कर से नज़दीकी रेलवे स्टेशन अजमेर जंक्शन है, जो कि 15-20 किमी दूरी पर स्थित है।भारत के कई शहरों से यह अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है और लगभग सभी हिस्सों से नियमित ट्रेनें यहांआती है। स्टेशन पहुंचने के बाद आप सार्वजनिक परिवहन जैसे टैक्सी या ऑटो लेकर अतिरिक्त दूरी कोकवर कर सकते है। कोलकाता- कोलकाता स्टेशन से KOAA- MDJN एक्सप्रेस (19607) लेकर आप बूंदी स्टेशन पर उतरसकते है।दिल्ली- दिल्ली के हज़रत नीजामुद्दीन से मेवाड़ एक्सप्रेस (12963) है।कानपुर- कानपुर सेंट्रल से हमसफर एक्सप्रेस (19670) है।

सड़क मार्ग -

यदि आप सड़क मार्ग द्वारा अपनी यात्रा पर विचार कर रहे है तो आप अंतर-राज्यीय
पर्यटक बस या फिर अपने निजी वाहन के द्वारा यात्रा कर सकते है।
दिल्ली- NH-48 के माध्यम से 418 किमी
जयपुर- NH-48 के माध्यम से 149 किमी
लखनऊ- ताज एक्सप्रेस हाइवे और आगरा- लखनऊ एक्सप्रेस वे के माध्यम से 720 किमी
पटना- NH-27 के माध्यम से 1,258 किमी