घूमना-फिरना सभी को पसंद होता है और घूमने के लिए कोई प्राकृतिक स्थान मिल जाये तो क्या कहने। भारत में प्राकृतिक सुंदरता का भंडार भरा हुआ है और इसी को देखने के लिए दूर-दूर से सैलानी यहां आते रहते हैं। आज हम आपको कुछ ऐसी जगहों के बारे में बताएंगे जो कि प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर जगह हैं। ये जगहें ऐसी हैं जहाँ कही हसीन वादियाँ हैं तो कहीं कल-कल करता झरना। कहीं पक्षियों की चहचहाहट हैं तो कहीं सुन्दरता के साथ मनोहर औए दिलकश नज़ारे। तो आइये जानते हैं कुछ ऐसी ही प्राकृतिक जगहों के बारे में
* कोडाइकनाल :इसे दूसरा स्विट्जरलैंड कहा जाता है। यहां के सुंदर प्राकृतिक नजारे पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं। कोडाइकनाल नाम की यह जगह तमिलनाडु में स्थित है। यहां सारा साल ठंडा मौसम रहता है जिस वजह से लोगों की भीड़ यहां लगी ही रहती है। इस शहर की हरी-भरी वादियों और खूबसूरत प्राकृतिक नजारों को देखकर इसे भारत का स्विट्जरलैंड कहा जाता है। मौसम यहां वैसे तो सारा साल ही पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है लेकिन नंवबर-दिसंबर में यहां काफी भारी बारिश होती है जिस वजह से इन दो महीनों में यहां जाने का कोई फायदा नहीं होता।
* दूध सागर :दूधसागर भारत का एकमात्र झरना है, जो दो राज्यों की सीमा पर स्थित है। गोवा-कर्नाटक बॉर्डर से मंडोवी नदी गुजरती है, जिस पर दूधसागर झरना स्थित है। पणजी से इसकी दूरी लगभग 60 किमी है। यहां मानसून के दौरान पर्यटकों का हुजूम उमड़ता है। दूधसागर झरने को 'मिल्क ऑफ सी' भी कहा जाता है।
* लोनावाला :लोनावला स्पॉट देश में सबसे खूबसूरत हिल स्टेशन है। लोनावाला को मुंबई और पुणे का प्रवेश द्वार कहा जाता है, वहीं इसे महाराष्ट्र का ‘स्विट्जरलैंड’ भी कहा जाता है। अगर बारिश का लुत्फ लेना चाहते है तो लोनावाला जाए। यह भी बेस्ट जगह में से एक है जहां पर घुमने की भी बहुत सी ऐसी जगहें हैं, जिसे आप घुमने के साथ बारिश भी मजा ले सकते हैं।
* माथेरन :माथेरन ब्रिटिश राज में गर्मियों में छुट्टियां बीताने का लोकप्रिय स्थान बन चुका था। यह मुंबई में पदस्थापित ब्रिटिश अधिकारियों की बड़ी पसंद था। इंडिया का यह सबसे छोटा हिल स्टेशन मुंबई से 90 कि।मी। की दूरी पर है। यहां से सूर्यास्त और सूर्योदय का नज़ारा देखने लायक है। यह समुद्र तल से 2625 फुट की ऊंचाई पर पश्चिमी घाट पर स्थित है।
* नोहकलिकाई फॉल्स :भारत के मेघालय में स्थित है। चेरापूंजी के नज़दीक यह एक आकर्षक झरना है। चेरापूंजी को सबसे ज्यादा बारिश के लिए जाना जाता है और इस झरने के जल का स्रोत यही बारिश है। यह झरना 335 मीटर ऊंचाई से गिरता है। यहां झरने के नीचे एक तालाब बना हुआ है, जिसमें गिरता हुआ पानी हरे रंग का दिखाई देता है।