ओडिशा सरकार ने पुरी स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर के पवित्र गर्भ गृह में अति विशिष्ट व्यक्तियों (वीवीआईपीज) समेत सभी श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया है। प्रदेश के कानून मंत्रालय ने श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) से मंदिर के गर्भ गृह में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगाने को कहा है।
कानून मंत्रालय ने एसजेटीए और पुरी के जिलाधीश को लिखित तौर पर निर्देश दिया कि विशिष्ट व्यक्तियों समेत श्रद्धालुओं को 'भीतर कथा' (लड़की का बना बाड़) से ही मंदिर में देवी-देवताओं के दर्शन की अनुमति दी जाएगी। सेवकों या पुजारियों के सिवा किसी को किसी भी खास दिन गर्भ गृह में जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
निर्देश में कहा गया है कि 'प्रमाणिक दर्शन' और 'सहना मेला दर्शन' के दौरान गर्भ गृह में प्रवेश वर्जित होना चाहिए।
कानून विभाग ने जिलाधीश और पुलिस अधीक्षक को आयोग की अनुशंसाओं को लागू करने के लिए जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
इससे पहले न्यायमूर्ति बी. पी. दास की अध्यक्षता में जांच आयोग ने अपनी अंतरिम रिपोर्ट ओडिशा सरकार 20 अप्रैल को सौंपी थी, जिसमें पुरी श्रीमंदिर में मामलों को कारगर बनाने के लिए कई कदम उठाने के सुझाव दिए थे।
इस बीच उत्तर प्रदेश के दो लोगों को श्रीमंदिर पुलिस ने मंदिर परिसर में सेल्फी लेते समय हिरासत में लिया है। मंदिर परिसर में फोटोग्राफी वर्जित है।