उत्तराखंड का पसंदीदा हिल स्टेशन है मसूरी, जरूर करें यहां की इन जगहों पर भ्रमण

घूमने की प्लानिंग करने के दौरान सबसे बड़ी दुविधा आती हैं कि घूमने के लिए कहां जाया जाए। ऐसे में लोगों की सबसे पहली पसंद हिल स्टेशन ही बनती हैं जो फैमिली, दोस्तों और कपल्स के लिए एक परफेक्ट डेस्टिनेशन है। अब जब बात हिल स्टेशन की हो रही हो, तो 'पहाड़ों की रानी' मसूरी को कैसे भूलाया जा सकता हैं। यह उत्तराखंड का एक मशहूर हिल स्टेशन है। मसूरी ऐसी जगह है जो हमेशा अपने चारों ओर हरियाली की चादर ओढे रहती है। इस शहर को गंगोत्री और यमनोत्री का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है। अगर आप किसी खूबसूरत हिल स्टेशन को एक्सप्लोर करना चाहते हैं तो आपको मसूरी जरूर जाना चाहिए। आज इस कड़ी में हम आपको मसूरी के प्रमुख स्थानों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां घूमने जाना आपके सफ़र को यादगार बनाएगा। आइये जानते हैं इन जगहों के बारे में...

तिब्बती बौद्ध मंदिर

मसूरी की हैप्पी वैली कई तिब्बती मंदिरों और नगर उद्यानों के लिए मशहूर है। इस वैली में 5000 से ज्यादा तिब्बती लोग रहते हैं। जिसके चलते मसूरी की हैप्पी वैली को मिनी तिब्बत भी कहा जाता है। ऐसे में हैप्पी वैली की सैर के दौरान आप बौद्ध मंदिर के ध्यान कक्ष, पैनलों और छत पर बनें आकर्षक चित्रों के साथ-साथ मंदिर में बने बेनोग हिल सर्किट का भी दीदार कर सकते हैं।

केम्पटी फॉल्स

देहरादून और मसूरी की सड़कों के बीच मौजूद केम्पटी फॉल्स पानी का एक खूबसूरत झरना है, जो 40 फीट की ऊंचाई से जमीन पर गिरता है। पर्वतों और चट्टानों से घिरा केम्पटी फॉल्स समुद्र तल से लगभग 4500 फीट की ऊंचाई पर बसा हुआ है। इस जगह को जॉन मेकिनन द्वारा पिकनिक स्थल के रूप में बनवाया गया था। मसूरी आने वाले यात्रियों के लिए केम्प्टी फॉल्स पिकनिक स्पॉट के रूप में पर्यटकों के बीच में बेहद मशहूर है। इस झरने पर लगभग पूरे साल आप भीड़ देख सकते हैं।

लाल टिब्बा

यह मसूरी का सबसे ऊंचा शिखर है, जहां से हिमालय पर्वत के साथ-साथ केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री, नीलकंठ और श्री हेमकुंड साहिब के बेहतरीन नजारे देखने को मिलते हैं। लाल टिब्बा पर सन् 1967 में एक जापानी दूरबीन स्थापित किया गया था, जिसके माध्यम से ऊपर बताए गए सभी पहाड़ों को अच्छे से देखा जा सकता है। लाल टिब्बा मसूरी शहर से करीब 8 किमी की दूरी पर लंढौर में डिपो हिल के ऊपर स्थित है, जहां से मसूरी शहर का एक एक खूबसूरत दृश्य नजर आता है।

गनहिल

गनहिल मसूरी की दूसरी सबसे ऊँची चोटी है। गनहिल से सूरज की झलक दिखाई देती है। यहाँ से देखने पर बर्फ से ढके हुए पेड़ बहुत ही मनभावन लगते है। गनहिल का लोकप्रिय वर्णन गनहिल के इतिहास से जाना जा सकता है। बता दें की प्रचीन काल में जब घड़ी नहीं होती थी उस समय गनहिल चोटी पर गन चलाई जाती थी। जिससे यहाँ के निवासियों को समय का ज्ञान हो जाता था। तभी से इस चोटी का नाम गनहिल पड़ गया।

कैमल्स बैक रोड

मसूरी के लाइब्रेरी स्टैंड से 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कैमल्स बैक रोड पर आप ऊंट के आकार की खूबसूरत चट्टान देख सकते हैं। वहीं इस चट्टान पर बैठकर आप हिमालय की चोटियों को भी नजदीक से निहार सकते हैं। साथ ही कैमल्स बैक रोड से बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री और नंदा देवी चोटी को भी आसानी से देखा जा सकता है।

मॉल रोड

लाइब्रेरी बस स्टैंड से 3 किमी की दूरी पर, मसूरी के केंद्र में स्थित मॉल रोड मुख्य खरीदारी क्षेत्र है। मॉल रोड दो प्रमुख बाजारों, कुलरी और पुस्तकालय को जोड़ता है। मॉल रोड का निर्माण ब्रिटिश निवासियों द्वारा किया गया था और यहां आप सड़कों के किनारे बेंचों और लैम्पपोस्टों देख सकते हैं। मॉल के साथ-साथ पर्यटन कार्यालय, तिब्बती ट्रिंकेट और लकड़ी की कलाकृतियाँ बेचने वाली कई दुकानें हैं।

कंपनी गार्डन

कंपनी गार्डन को “निरस्पल गार्डन” के नाम से भी जाना जाता है, जो मसूरी शहर का सबसे पुराना गार्डन है। इस गार्डन में बहुत सारे छोटे-छोटे फूल, चारों तरफ हरियाली, बोटिंग, बच्चों के लिए कई सारी एडवेंचर एक्टिविटीज, हॉन्टेड हाउस, वैक्स म्यूजियम, 3d सिनेमा और कृत्रिम झरना भी मौजूद है, जिसमें जाने के बाद आपको बाहर आने का मन ही नहीं करेगा। साथ ही इस गार्डन में रेस्टोरेंट्स और शॉपिंग की सुविधा भी उपलब्ध है। कंपनी गार्डन में इतनी सारी उपलब्धियां होने की वजह से ही यह गार्डन मसूरी शहर का एक प्रसिद्ध पिकनिक स्पॉट भी है।

ज्वाला मंदिर
ज्वाला मंदिर हिंदुओं की देवी माँ दुर्गा का मंदिर है यह मंदिर मसूरी से लगभग 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। बता दें की माँ ज्वाला को समर्पित यह मंदिर एक पहाड़ पर बना हुआ है जिसकी समुद्र तल से ऊंचाई 2100 मीटर है। इस मंदिर में देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है। ज्वाला मंदिर घने जंगलो से घिरा हुआ है। हिमालय की गोद में स्थित इस मंदिर के एक तरफ देहरादून तो दूसरी तरफ यमुना की घाटियां हैं। श्रद्धालु इस मंदिर में आ आकर ना सिर्फ माता के दर्शन करते हैं बल्कि प्राकर्तिक सौन्दर्य से घिरे इस मंदिर के आस पास के अनुपम दृश्यों को भी निहारते हैं।