सावन का महीना चल रहा हैं और सभी भक्तगण भगवान शिव के मंदिरों में जाकर भक्ति कर रहे हैं। क्योंकि हर भक्त चाहता है कि वह इस सावन के महीने में जितने हो सके भगवान शिव के उतने मंदिरों के दर्शन कर सकें। आपकी जानकारी के लिए आज हम कश्मीर का एक मंदिर लेकर आए हैं। और आपको जानकर हैरानी होगी कि इस मंदिर की देखरेख एक मुस्लिम परिवार करता हैं। जो हमारे देश एकता और इंसानियत की मिसाल पेश करता हैं। तो आइये जानते हैं इस मंदिर के बारे में।
कश्मीर जैसे धार्मिक रूप से संवेदनशील इलाके में धार्मिक सदभावना और इंसानियत की मिसाल पेश की है कुछ मुस्लिम परिवारों ने। कश्मीर के पुलवामा जिले स्थित एक मंदिर की रखवाली एक मुस्लिम परिवार पिछले एक दशक से करता आ रहा है। उनके मुताबिक इस मंदिर में दो दशक से कोई 'पंड़ित भाई' नहीं है, जिसके चलते ये लोग इस मंदिर की देखरेख करते हैं।
अल्पसंख्यक समुदाय के ये लोग 1989 के विद्रोह के बाद सामूहिक रूप से भारत में आए थे, जिनमें 45 वर्षीय मुश्ताक शेख जो कि एक सरकारी कर्मचारी भी हैं, वे कई शताब्दियों पुराने शिव मंदिर की देखरेख करते हैं। ये शिव मंदिर पुलवामा के पयार गांव में है, जो श्रीनगर से महज 45 किमी की दूरी पर है।
शेख हर रोज इस मंदिर में झाडू लगाते हैं इसकी साफ-सफाई का भी ध्यान रखते हैं। ये काम शेख 1990 में चल रहे विद्रोह के समय भी पूरी लगन के साथ करते थे। 1990 के दौरार चल रहे विद्रोह में उग्रवादियों ने कई मंदिरों को निशाना बनाया था। इस समय इस इलाके के मुस्लिमों ने हिंदुओं के लिए पवित्र स्थान माने जाने वाले इस मंदिर की सुरक्षा का ध्यान रखा।
ये मंदिर इसकी खूबसूरत शिल्पकला के लिए मशहूर है। इसमें भगवान शिव की मूर्ति स्थापित है, जिसके चलते यहां पर्यटक भी आते हैं।