उत्तर पूर्व का प्रवेश द्वार है सिलीगुड़ी, खूबसूरत नजारें मोह लेंगे आपका मन

सिलीगुड़ी पश्चिमी बंगाल में स्थित एक छोटा लेकिन महत्वपूर्ण शहर है। महानंदा नदी के किनारे पर स्थित यह शहर चार T के लिए जाना जाता है। हैं टिम्बर,ट्रेवल और टी याने चाय। चाय के बागान आपको यहाँ चारों और दिखाई देंगे। सिलीगुड़ी उत्तर पूर्व का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है। यह चार देशों नेपाल,चीन,बांग्लादेश तथा भूटान के साथ अपनी अंतराष्ट्रीय सीमा साझा करता है। सिलीगुड़ी अपनी टॉय ट्रेन के लिए भी जाना जाता है। पूर्वी हिमालय की तराई में स्थित यह शहर तीस्ता नदी से भी ज्यादा दूर नहीं है। घूमने के लिए इस शहर में बहुत कुछ है।आइये जानते हैं सिलीगुड़ी के बारे में।

कोरोनेशन ब्रिज

इसे सेवोक ब्रिज के नाम से भी जाना जाता है। सिलीगुड़ी से 20 किलोमीटर की दुरी ओर स्थित इस ब्रिज को 1930 में बनाया गया था।तीस्ता नदी और बना यह ब्रिज वास्तुकला का अद्भुत नमूना है। यहाँ से आप चारों और की सुंदरता को अपने कैमरे में कैद कर सकते हैं।

सलुगारा मोनेस्ट्री


सिलीगुड़ी से 6 किलोमीटर की दूरी ओर स्थित इस मोनेस्ट्री को दलाई लामा के शिष्य द्वारा स्थापित किया गया है।मोनेस्ट्री में 100 फ़ीट ऊँचा स्तूप आकर्षण का केंद्र है। यहाँ बौद्ध धर्म से सम्बन्धित संग्रहालय भी देखने लायक है। अगर आप इतिहास और धर्म में रूचि रखते हैं तो यहाँ जाया जा सकता है।

महानंदा वीयर वन्यजीव अभ्यारण्य

महानंदा और तीस्ता नदी के बीच स्थित यह अभ्यारण्य बहुत से वन्यजीवों का बसेरा है। यहाँ आप पहाड़ी बकरी,चीतल,फिशिंग कैट,बार्किंग डियर, हाथी, बाघ,इंडियन बिसन के साथ विभिन्न प्रवासी पक्षियों को देख सकता हैं।

साइंस सिटी

सिलीगुड़ी शहर से मात्र सात किलोमीटर की दुरी पर स्थित यह साइंस सिटी उन लोगो के लिए शानदार जगह है जो विज्ञान में रूचि रखते हैं। बच्चों के लिए जानने की यहाँ कई चीजें हैं। यहाँ स्थित तारामंडल में सौर परिवार के बारे में जानकारी पाई जा सकती है जो बच्चों को बहुत रोमांचित करता है।

चिलापता फारेस्ट

जलदापरा नेशनल पार्क और बक्सा बाघ परियोजना के बीच यह एक कॉरिडोर है। सघन जंगल और पहाड़ों के बीच यह एक बहुत ही सुन्दर जगह है।यहाँ गेंडों को देखा जा सकता है। कभी कभी यहाँ तेंदुए भी दिखाई दे जाते हैं। यहाँ नाल राजाओं द्वारा बनवाए गए महलों के खंडहर भी विद्यमान हैं। यहाँ स्थित बनिया नदी पर बोटिंग का मजा भी लिया जा सकता है।