इंदौर के खाने का कोई जवाब नहीं, घूमने जाएं तो जरूर लें इन लोकप्रिय व्यंजनों का स्वाद

जब भी कभी देश के विभिन्न हिस्सों के व्यंजनों की बात की जाती हैं तो इंदौर का नाम भी इन प्रसिद्द जगहों में गिना जाता हैं। मध्यप्रदेश का इंदौर घूमने के साथ ही खानपान के लिए भी जाना जाता हैं। इंदौर शहर एक समृद्ध विरासत और संस्कृति का संगम हैं और इसे दर्शाता हैं यहां का खानपान। यदि आप भिन्न-भिन्न प्रकार के व्यंजन चखने में रूचि रखते हो तो यहां के लोकप्रिय व्यंजनों का स्वाद ले सकते है। अगर आप भी कभी घूमने के लिए इंदौर जाए तो हम आपको इंदौर के उन लोकप्रिय व्यंजनों के बारे में बताने जा रहे हैं जो यहां की शान हैं। आइये जानते हैं इनके बारे में...

खोपरा पैटिस

यदि आपको आलू टिक्की प्रिय लगती है तो आपको यह खोपरा पैटिस अत्यंत रोचक प्रतीत होगा। यूँ तो आलू टिक्की के लिए, उबले आलुओं एवं डबल रोटी के मिश्रण में मसाले डाल कर उन्हें गोल व चपटा आकार दे कर घी अथवा तेल में सेंका जाता है। खोपरा पैटिस में इन गोलों के भीतर किसे हुए ताजे नारियल एवं सूखे मेवों के मिश्रण को भरा जाता है, तत्पश्चात उन्हें तेल/घी में तला जाता है। इनकी बाहरी परत कुरकुरी रहती है एवं भीतर से यह नम रहता है। इसे चटपटी-मीठी चटनी के साथ गर्म परोसा जाता है। यह पदार्थ उपवास योग्य भी बनाया जाता है। दुकान के समक्ष खड़े होकर, गर्म तेल से निकले कुरकुरे पैटिस एवं चटनी खाना अत्यंत संतोषजनक व आनंददायी होता है। विशेषतः विजय चाट हाउस के खोपरा पैटिस अत्यंत लोकप्रिय हैं।

भुट्टे-का-कीस

बारिश के मौसम के दौरान शाम के नाश्ते के रूप में इसका आनंद लिया जा सकता है। भुट्टा का अर्थ है मकई, और कीस का अर्थ है कद्दूकस किया हुआ। यह पारंपरिक रूप से भुट्टे के डंठल से मकई के दानों को कद्दूकस कर, उसे हल्के मसालों के साथ घी में भूनकर और फिर इसमें मलाईदार गाढ़ापन लाने के लिए दूध में उबालकर बनाया जाता है। इसे नींबू का रस, कटी हुई धनिया पत्ती और कद्दूकस किए हुए ताज़े नारियल के साथ सजाने के बाद गर्मा-गर्म परोसा जाता है। कहा जाता है कि इस पौष्टिक व्यंजन का उद्भव इंदौर में हुआ था।

जामुन शॉट

इनमें जामुन और अमरूद जैसे फलों का गाढ़ा पल्प होता है, जिसे टकीला परोसने वाले छोटे शराब के गिलासों में भर कर दिया जाता है और इस गिलास की किनारी पर कंकड़ वाला समुद्री नमक लगा रहता है। बेहद ठंडे ये शॉट एक अलग ही मज़ा देते हैं और अगर आप अल्कोहल से दूर रहते हैं, तो इन शॉट के साथ भरपूर आनंद ले सकते हैं।

खट्टा समोसा

चाव से समोसा खाने वाले आप सब को यह व्यंजन अत्यंत भा जाएगा। यूँ तो भारतीय समोसे आप सभी को प्रिय हैं, किन्तु यह साधारण समोसों का अत्यंत रुचिकर रूप है। साधारणतः, समोसे बनाने के लिए, मैदे के आवरण में विभिन्न प्रकार के मसाले डले आलुओं को भर कर, इन्हें तला जाता है। भारत के विभिन्न क्षेत्रों के समोसों में भिन्न भिन्न स्वाद पाया जाता है। इंदौर के इन समोसों को एक खट्टी-मीठी चटनी डाल कर परोसा जाता है। इस व्यंजन की विशेषता इसके विशेष भरावन में है जिसे अनारदाने का चूर्ण डालकर खट्टा-मीठा बनाया जाता है। इसके कारण इन्हें खट्टा समोसा कहा जाता है। आप सराफा बाजार की गुमटियों एवं ठेलों से ये समोसे खा सकते हैं।

दाल बाफला

यह नाश्ता राजस्थान की प्रसिद्ध दाल बाटी का स्थानीय रूपांतर है। बाफला हाथ से बनाई हुई गेहूं के आटे की लोई है जिसे घी में पकाया जाता है। बाटी की तुलना में यह नरम होता है। बाफला बनाने के लिए लगभग बाटी के समान ही सामग्रियों का प्रयोग होता है, बस इसमें थोड़ा मकई का आटा मिलाया जाता है। इसे साधारण हींग के ज़ायके वाली अरहर दाल अथवा मालवा दाल के साथ परोसा जाता है, और इसका इंदौर में पौष्टिक भोजन और एक लोकप्रिय नाश्ते के रूप में आनंद लिया जाता है। नाश्ते के रूप में परोसते समय इसे कुचल कर घी में डुबाया जाता है और इसका स्वाद बढ़ाने के लिए इसे धनिया-पुदीने की चटनी और आम के अचार के साथ परोसा जाता है।

मूंग दाल भजिया

इन भजियों को हरी मूंग अथवा खड़ी मूंग द्वारा तैयार किया जाता है जिसके कारण ये अत्यंत कुरकुरे रहते हैं। मूंग भजियों को गर्म तेल में तलकर, चटनी के साथ गरमा गरम परोसा जाता है। यह इंदौर के अनेक घरों में भी संध्या के नाश्ते के लिए बनाया जाता है। वर्षा ऋतु में इन भजियों को खाने का आनंद अत्यंत विशेष होता है। यूँ तो ये भजिये इंदौर की गली-गलियों में एवं कोने कोने में बिकते हैं।

जलेबा

जैसा कि नाम से विदित है, भारतीय जलेबी का संवर्धित रूप है। यह इंदौर की बहुत लोकप्रिय मिठाई है। एक जलेबा का वज़न लगभग 700 ग्राम होता है! जलेबी का यह अति-बड़ा रूप केसर युक्त स्वाद वाला होता है और इसे इंदौर में रबड़ी के साथ परोसा जाता है। ठंडी रबड़ी के साथ कुरकुरे गर्म जलेबा का संयोजन इंदौर का सबसे पसंदीदा स्ट्रीट फ़ूड है।

शाही शिकंजी

यह एक ऐसा पेय है जिसे आपने इंदौर आने से पूर्व कभी नहीं ग्रहण किया होगा। इंदौर की शाही शिकंजी दूध एवं सूखे मेवों का अत्यंत स्वादिष्ट संगम होता है। इंदौर की शिकंजी स्वयं में एक पूर्ण आहार है। दूध में सूखे मेवे, केसर एवं इलायची डालकर महीन मिश्रण बनाया जाता है तथा ऊपर से मलाई डालकर ठंडा परोसा जाता है। यह विभिन्न स्वादों में भी उपलब्ध है। ग्रीष्म ऋतु में यह शीतलता तो देती ही है, साथ ही पूर्ण आहार का भी आनंद प्रदान करती है।