आकर्षण का केंद्र बनते हैं भारत के सबसे बड़े और लंबे ये 6 पुल, जानें इनके बारे में

भारत एक विशाल देश हैं जो विकास करते हुए आगे बढ़ रहा हैं। देशभर में सड़क व्यवस्था को समुचित बनाने के लिए सड़कें और ब्रिज बनाए जा रहे हैं। देशभर में हजारों पुल बने हुए हैं लेकिन कुछ पुल ऐसे हैं जो अपनी बनावट और आकर्षण के लिए जाने जाते हैं। आज इस कड़ी में हम आपको देश के सबसे बड़े और लंबे पुल के बारे में बताने जा रहे हैं जो यातायात को आसान बनाने के साथ ही अपनी बेजोड़ बनावट के लिए भी जाने जाते हैं। तो आइये जानते हैं भारत के इन पुल के बारे में।

भूपेन हजारिका सेतु

9.15 किलोमीटर लम्बाई के और 12.9 मीटर चौडाई साथ भूपेन हजारिका सेतु भारत का सबसे लम्बा पुल है। लोहित नदी पर बना भूपेन हजारिका सेतु असम राज्य के तिनसुकिया जिले में स्थित है जो असम और अरुणाचल प्रदेश को एक दुसरे से जोड़ने का काम करता है। बता दे भारत के सबसे बड़े इस सड़क पुल को ढोला-सादिया पुल के रूप में भी जाना जाता है। 2017 में बनकर तैयार हुए इस पुल की आधारशिला 2003 अरुणाचल प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री मुकुट मीठी ने रखी थी जिसके निर्माण पूरा होने में 14 साल का लंबा समय लगा। 26 मई 2017 को पीएम नरेंद्र मोदी ने बड़ी धूमधाम से इस पुल का उद्घाटन किया और भारत के सबसे बड़े ब्रिज के रूप में गौरवान्वित किया।

महात्मा गांधी सेतु

महात्मा गांधी सेतु, बिहार राज्य के पटना जिले में स्थित है जो पवित्र पावनी गंगा नदी के उपर बना हुआ है और पटना से हाजीपुर को जोड़ता है। 18,860 फ़ीट की ऊंचाई और 5,750 मीटर की लंबाई वाला यह पुल भारत का दूसरा सबसे लम्बा पुल है। इस पुल को ढोला-सादिया पुल के निर्माण से पहले भारत के सबसे बड़े पुल का गौरव हाशिल था। 1982 में 46.67 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित महात्मा गांधी सेतु या गंगा सेतु एक इंजीनियरिंग चमत्कार है जिसे स्टील और कंक्रीट का प्रयोग करके तैयार किया गया था।

बांद्रा-वर्ली सी लिंक

भारत के सबसे लंबे सड़क पुल में से एक बांद्रा सी लिंक एक ब्रिज है जो बांद्रा को मुंबई के पश्चिमी उपनगरों से जोड़ता है। बता दे इस ब्रिज को राजीव गांधी सागर लिंक के रूप में भी जाना जाता है। वर्ली सी लिंक मुंबई के क्षितिज में एक प्रभावशाली मील का पत्थर है जो इसमें लालित्य और ग्लैमर का स्पर्श जोड़ता है। 5.6 किलोमीटर लम्बा यह विशाल समुद्री लिंक सुचारू रूप से 8 ट्रैफिक लेन चलाता है और हर दिन यहाँ से लगभग 37,500 कारों का आवागमन होता है। यह समुद्री लिंक निश्चित रूप से एक सिविल इंजीनियरिंग आश्चर्य है जो मुंबई शहर के आधुनिक बुनियादी ढांचे को दर्शाता है। भारत के सबसे बड़े ब्रिज में से एक के रूप में जाना जाने वाले बांद्रा सी लिंक ब्रिज का निर्माण 2000 शुरू हुआ था जो लगभग 10 साल बाद 24 मार्च 2010 को बनकर तैयार हो गया था।

बोगीबील ब्रिज

बोगीबील पुल भारत का सबसे लंबा रेल-सह-सड़क पुल है जो डिब्रूगढ़ और धेमाजी जिलों को जोड़ता है। ब्रह्मपुत्र नदी पर बने इस पुल की लम्बाई 4.94 किमी है जो पूरे ऊपरी असम और अरुणाचल प्रदेश को कनेक्टिविटी प्रदान करता है। पुल का ऊपरी डेक 3-लेन का सड़क मार्ग है और निचला डेक 2-लाइन ब्रॉड गेज रेलवे है। इस इंजीनियरिंग डिजाइन प्रारूप को ट्रस ब्रिज के रूप में जाना जाता है। इंडिया के सबसे लंबे ब्रिज में शुमार इस ब्रिज की आधारशिला सन 2000 में रखी गयी थी जिसके निर्माण पूरा होने के लिए लगभग 18 साल का लंबा इंतजार करना पड़ा और 25 दिसंबर 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन किया गया जिसके बाद इसे जनता के लिए खोल दिया गया था।

विक्रमशिला सेतु

बिहार राज्य के भागलपुर जिले में गंगा नदी के उपर बना विक्रमशिला सेतु भारत का पांचवा और बिहार का दूसरा सबसे लम्बा पुल है। पूरी तरह कंक्रीट और लोहे से बने इस पुल की लम्बाई 4700 मीटर है जो NH 80 और NH 31 को आपस में जोड़ता है। 2001 में बन कर तैयार हुए इस पुल पर बढ़ते ट्रेफिक के कारण इसके बगल में एक और समानांतर पुल बनाने की मांग बढ़ रही है।

दीघा-सोनपुर ब्रिज

बिहार का भूगोल ऐसा है कि गंगा इसे दो भागों में बांटती है यह परिवहन के लिए एक बड़ी बाधा सामने लाता है इसीलिए भारत के सबसे जाड्या लम्बे पुल बिहार में गंगा नदी पर बनाये गये है। दीघा-सोनपुर ब्रिज या लोकनायक जयप्रकाश नारायण सेतु बिहार का चौथा सबसे बड़ा और भारत में सातवां सबसे बड़ा पुल है। जबकि असम में बोगीबील ब्रिज के बाद भारत का दूसरा सबसे लंबा रेल-सह-सड़क पुल है। यह पुल इस पूर्वी राज्य के उत्तर और दक्षिण को कनेक्टिविटी प्रदान करता है। इस पुल का पूरा उपयोग करने के लिए इसके दोनों ओर पाटलिपुत्र और भरपुरा रेलवे स्टेशन बनाए गए हैं। 4.55 किमी लम्बाई और 10 मीटर चौड़ाई के साथ स्टील ट्रस डिज़ाइन वाले इस पुल का निर्माण 2003 में शुरू हुआ जो 2016 में जाकर पूरा हुआ।