दुनिया का सबसे उंचा युद्ध स्थल है सियाचिन, जानें इसके बारे में

भारत की सेना पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा अनुशासित और मजबूत मानी जाती रही है। जिसने अपने पड़ोसी मुल्कों को सीमित संसाधनों और विपरीत भौगोलिक परिस्थितियों में भी मुंहतोड़ जवाब दिया है। भारतीय सेना के सालों से सियाचिन ग्लेसियर में दिन रात सीमा की सुरक्षा में लगी हुई है। सियाचिन ग्लेशियर दुनिया का सबसे ऊंचा युद्ध स्थल है। आइये जानते हैं कुछ सियाचिन ग्लेशियर के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य।

- लगभग 24000 फ़ीट की ऊंचाई पर स्थित यह युद्ध स्थल भारत के लिए सामरिक दृष्टी से बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह पीओके को चीन से अलग करता है। चीन और पीओके के बीच स्थित सालटोरो रिज सियाचिन पर स्थित है जहां आए गिलगित और बाल्टिस्तान पर नजर रखी जा सकती है।लगभग 76 वर्ग किलोमीटर में फैला यह युद्ध स्थल भारत के लिए एक वॉचटावर जैसा है।

- भारत को इस जगह पाकिस्तान और चीन दोनों से सचेत रहना पड़ता है। यहाँ की भौगोलिक और जलवायु स्थितियां भी बेहद प्रतिकूल हैं। यहां का तापमान कभी कभी माइनस 60 डिग्री भी चला जाता है।ऐसी स्थिति में सैनिकों को फ्रॉस्ट बाइट, हाइपोथर्मिया होना आम बात है।

- यहां रुकने के लिए भारत के कई जवान शहीद हुए अभी तक सियाचिन में भारत के 869 जवान शहीद हो चुके हैं । सियाचिन पर भारतीय सेना एक दिन के लगभग 5 करोड़ रुपये खर्च करती है। अभी तक भारतीय सेना 7500 करोड़ रुपये सियाचिन पर खर्च कर चुकी है।

- 1970 में पाकिस्तान ने अपने कबायली लड़ाकों को सियाचिन भेजना शुरू किया जवाबी कारवाही में भारत ने भी सन 1984 में ओपरेशन मेघदूत चलाकर इन आतंकवादियों से सियाचिन को मुक्त कराया।

- यहां सैनिकों को आतंकवादियों के साथ साथ खतरनाक मौसम से भी सामना करना पड़ता है। सैनिकों को यहां हर दस मिनट के बाद आराम करना पड़ता है। क्योंकि ऑक्सीजन कम होने के कारण यहां थकान जल्दी होने लगती है। सभी सैनिक एक दूसरे को पकड़कर चलते हैं क्योंकि यहाँ दिशा भ्रम होना भी आम बात है।