सावन का महीना चल रहा हैं और सभी भगवान शिव की पूजा में लगे हुए हैं। सभी इस महीने में शिव के मंदिर जाकर उनका आशीर्वाद लेना पसंद करते हैं। देश में कई बड़े शिव मंदिर हैं जो अपनी विशेषता के लिए जाने जाते है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बाहर विदेशों में भी कई शिव मंदिर हैं जिनके दर्शन के लिए बहुत दूर-दूर से लोग आते हैं। यहाँ तक कि एक शिव मंदिर तो पकिस्तान में भी हैं। तो आइये आज जानते हैं विदेशों में स्थित उन शिव मंदिरों के बारे में।
मॉरिशस का सागर शिव मंदिर
इस शिव मंदिर का निर्माण वर्ष 2007 में किया गया है यानी यह एक नया मंदिर है। लेकिन आज यह मंदिर मॉरिशस में रहने वाले हिन्दुओं का एक पवित्र धार्मिक स्थल है। इस मंदिर का सबसे बड़ा आकर्षण इस मंदिर प्रांगण में बनी भगवान शिव की 108 फीट ऊंची कांसे की प्रतिमा है।
पाकिस्तान का कटास राज मंदिर
जी हां, पाकिस्तान में भी है एक प्राचीन शिव मंदिर। यह पाकिस्तान के पंजाब प्रान्त के चकवाल ज़िले स्थित है और कटास राज मंदिर के नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि इस मंदिर का निर्माण छठी शताब्दी से नवीं शताब्दी के मध्य करवाया गया था। हाल में ही संपन्न हुई महाशिवरात्रि पर्व में यहां पूजा करने के लिए भारत से 125 यात्रियों का दल गया था।
श्रीलंका का मुन्नेश्वरम मंदिर
यह मंदिर श्रीलंका के एक गांव मुन्नेश्वर में बना है। यहां शिव के साथ-साथ देवी काली का भी मंदिर है। इस मंदिर का स्थापत्य भव्य और मनमोहक है। दक्षिण भारतीय द्रविड़ शैली में निर्मित इस मंदिर में साल भर श्रीलंका और भारत से लाखों श्रद्धालु आते हैं।
नेपाल का पशुपतिनाथ मंदिर
यह भारत से बाहर बना सबसे प्रसिद्ध शिव मंदिर है, नेपाल में बागमती नदी के किनारे काठमांडू में स्थित है। यह मंदिर यूनेस्को की विश्व हेरिटेज श्रेणी में आता है। हाल में ही संपन्न हुई महाशिवरात्रि पर्व के मौके पर यहां लगभग पांच लाख श्रद्धालुओं ने पूजा की।
मलेशिया का रामलिंगेश्वर मंदिर
यह मंदिर मलेशिया की राजधानी क्वालालम्पुर में स्थित है। इस खूबसूरत शिव मंदिर में हमेशा शिवभक्तों का तांता लगा रहता है। सन 2012 में मलेशिया सरकार ने मंदिर और आस पास का क्षेत्र मंदिर का प्रबंधन करने वाली ट्रस्ट के हवाले कर दिया। अब यह ट्रस्ट ही मंदिर का प्रबंधन और देखभाल करता है।
इंडोनेशिया का प्रमबनन मंदिर
इंडोनेशिया के जावा द्वीप पर स्थित प्रमबनन मंदिर नौवीं शताब्दी का एक भव्य मंदिर है। यह लगभगा 17 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला भारत से बाहर बने सबसे विशाल शिव मंदिरों में से एक है। यूनेस्को ने इस मंदिर को वर्ल्ड हेरिटेज के रूप में संरक्षित किया है।