आज हैं जयपुर का 294वां स्थापना दिवस, जानें पिंकसिटी की कौनसी जगहें पर्यटकों को करती हैं आकर्षित

राजे-रजवाड़ों, शानदार महलों, गढ़ और कई ऐतिहासिक इमारतों वाला जयपुर आज पूरी दुनिया में पिंक सिटी के नाम से मशहूर है। जयपुर के इतिहास की बात करें तो राजस्थान की राजधानी जयपुर का नाम 1727 में महाराजा जय सिंह के नाम पर रखा गया है। आज जयपुर का का 294वां स्थापना दिवस हैं। चारदीवारी में बसे इस शहर को इसकी खूबियों के चलते विश्व विरासत में भी शामिल किया गया है। इसकी हर ऐतिहासिक धरोहर अपने अंदर रोचक इतिहास और कहानी को समेटे हुए हैं। जयपुर को “द पिंक सिटी” कहने का सबसे बड़ा कारण यह भी है कि 1856 में प्रिंस ऑफ वेल्स का स्वागत करने और शहर के जादुई आकर्षण को जारी रखने के लिए पूरे शहर को गुलाबी रंग से सजाया गया था जो आज भी बरकरार है। आज इस कड़ी में हम आपको पिंकसिटी की कुछ ऐसी जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं जो अपनी विशेषता से पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं।

जयपुर सिटी पैलेस

सिटी पैलेस राजस्थान का सबसे मशहूर पर्यटक आकर्षणों में से एक है। आपको बता दें, इस महल को 1729 से 1732 के बीच महाराजा सवांई जयसिंह द्वारा बनवाया गया था। खूबसूरती के साथ बने इस महल को कई अन्य महलों के साथ, जैसे चंद्र महल और मुबारक महल सहित आंगन, इमारतों आदि को एक श्रृंखला में विभाजित किया गया था। सिटी पैलेस घूमने की टाइमिंग 9:30 बजे से शाम 5 बजे तक है। सिटी पैलेस की एंट्री फीस भारतीय पर्यटकों के लिए 100 रूपए और विदेशी पर्यटकों के लिए 400 रूपए है।

बिरला मंदिर

बिरला मंदिर जयपुर का एक प्रमुख दर्शनीय स्थल और एक ऐसा मंदिर है जो देश में कई बिरला मंदिरों में से एक है। इस मंदिर को लक्ष्मी नारायण मंदिर के रूप में भी जाना जाता है जो मंदिर मोती डूंगरी पहाड़ी पर स्थित है। जयपुर के प्रमुख आकर्षणों में से एक बिरला मंदिर का निर्माण 1988 में बिरला द्वारा किया गया था। सफेद संगमरमर से बना हुआ बिड़ला मंदिर की संरचना में आप प्राचीन हिंदू वास्तुकला शैली और आधुनिक डिजाइन को साथ में देख सकते हैं। अगर आप जयपुर शहर की यात्रा करते तो यहां स्थित बिरला मंदिर को देखने के लिए जरुर जाएँ।

आमेर का किला

आमेर किला जयपुर का बहुत बड़ा किला है, जहां भारतीयों के साथ-साथ विदेशों से भी यहां बड़ी संख्या में लोग घूमने आते हैं। जयपुर से केवल 11 किलोमीटर की दूरी पर स्थित, आमेर किला गुलाबी और पीले बलुआ पत्थरों से बनाया गया है। दरअसल, आमेर एक छोटा शहर है, जो मुश्किल से चार वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। आमेर को कभी राजस्थान की राजधानी के रूप में भी जाना जाता था। आमेर किला खुले रहने का समय सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक है।

गलताजी मंदिर

जयपुर के बाहरी इलाके में स्थित, गलताजी मंदिर एक प्रागैतिहासिक हिंदू तीर्थ स्थल है। इस मंदिर में आपको कई मंदिर, पवित्र कुंड, मंडप और प्राकृतिक झरने देखने को मिल जाएंगे। गलताजी मंदिर खूबसूरत पहाड़ियों में बसा हुआ है, जिसे देखने के लिए हर साल पर्यटकों की भीड़ जमा रहती है। ये मंदिर बहुत बड़ा है, जिसमें कई अलग-अलग मंदिर मौजूद हैं। गलताजी मंदिर को गुलाबी रंग के बलुआ पत्थर से निर्मित किया गया है। ये मंदिर सुबह 5 बजे से रात के 9 बजे तक खुलता है।

महारानी की छतरी

महारानी छतरी रेलवे स्टेशन से केवल 9 किलोमीटर दूर है। आपको बता दें महारानी की छतरी एक तरह से जयपुर की शाही महिलाओं या महारानियों की अंतिम संस्कार वाली जगह है। ये अपने शानदार स्मारक के लिए मशहूर है, जिसे शाही परिवार की महिलाओं की याद में बनाया गया था। अगर आप इतिहास और वास्तुकला में दिलचस्पी रखते हैं, तो ये जगह आपके लिए एकदम परफेक्ट है।

जयगढ़ किला

जयगढ़ किला भारत के गुलाबी शहर जयपुर का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है, जो शहर में ‘चील का तेला’ पहाड़ियों के शीर्ष पर स्थित एक बेहद भव्य संरचना है। इस खूबसूरत संरचना को 1726 में आमेर किले की सुरक्षा के लिए सवाई राजा जय सिंह द्वितीय द्वारा बनवाया गया था। आपको बता दें कि इस इस किले से आमेर किले तक एक भूमिगत मार्ग जाता है और इसे “विजय का किला” भी कहा जाता है। इस किले की सबसे बड़ी खास बात यह है कि इस किले में दुनिया की सबसे बड़ी तोप है और यह जयपुर शहर का आकर्षक दृश्य भी प्रस्तुत करता है। अगर आप जयपुर शहर की यात्रा करने के लिए जा रहे हैं तो इस किले को देखने जरुर जाएँ।

चांद बावड़ी

चांद बावड़ी बेहद सुंदर पर्यटक स्थल है। यहां आपको राजस्थानी वास्तुकला के 10 वीं शताब्दी के स्मारक देखने को मिल जाएंगे। चांद बावड़ी भारत के सबसे अनोखे कुओं में शामिल है। ऐसा माना जाता है कि चांद बावड़ी को 8वीं - 9वीं शताब्दी ईस्वी में निकुंभ राजपूत राजा चंद के संरक्षण में बनवाया गया था। ये जगह पर्यटकों के घूमने के लिए सबसे खूबसूरत जगहों में से एक है।

हवा महल

हवा महल जयपुर के सबसे प्रसिद्ध पर्यटक आकर्षणों में से एक है, जो राजपूतों की शाही विरासत, वास्तकुला और संस्कृति के अद्भुत मिश्रण का प्रतीक है। हवा महल को राज्स्थान की सबसे प्राचीन इमारतों में से एक माना जाता है। इसकी आकर्षक झरोखे और खिडकियों की वजह से इस महल को “पैलेस ऑफ विंड्स” भी कहते है, आपको अपनी जयपुर यात्रा के समय घूमे जाने वाले पर्यटन स्थलों की लिस्ट में हवा महल का नाम भी शामिल करना चाहिए।