पिछले 30 वर्षों से यहां न आस्था में कमी आई और न पूजा का सिलसिला रुका। आज भी 'देवी मां इंदिरा' नाम के जयकारे लगाए जाते हैं। जी हां, सतपुड़ा के पहाड़ों में बसे गांव पाडल्या में तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व इंदिरा गांधी का मंदिर बना हुआ है।
1984 में इंदिरा गांधी के निधन के बाद में यहां मंदिर निर्माण की रूपरेखा बनी। वर्ष 1986-87 में इस मंदिर का लोकार्पण तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुनसिंह ने किया था। हजारों ग्रामीणों के बीच सिंह ने इसे लोकार्पित कर सर्वमान्य नेता कहा था, तभी से यहां पूजा का सिलसिला जारी है। इस मौके पर उपमुख्यमंत्री व सांसद रहे सुभाष यादव, विधायक चिड़ाभाई डाबर आदि मौजूद हुए।
यह मंदिर किसी राजनेता विशेष की चाटुकारिता नहीं बल्कि आदिवासी समूह के बीच स्व. इंदिरा गांधी की लोकप्रियता का जीता-जागता उदाहरण है। आदिवासी समूह के बीच उनकी पहुंच जगजाहिर रही है। प्रतिवर्ष यहां विशेष दिवस पर आयोजन होते हैं।