भारत को अपनी अनोखी संस्कृति, इतिहास, रहन-सहन, खान-पान के साथ कई चीजों के लिए जाना जाता हैं जिसके चलते विदेशी सैलानी देश की ओर आकर्षित होते हैं यहां घूमने का मजा लेते हैं। देश में कुछ जगहें तो ऐसी हैं जहां सालभर विदेशियों सैलानियों का जमावड़ा लगा रहता हैं। आज इस कड़ी में हम आपको ऐसी ही कुछ जगहों की जानकारी देने जा रहे हैं। इन जगहों में से कुछ तो यूनेस्को की वर्ल्ड हेरीटेज साइट में भी शामिल हैं। इन जगहों के दृश्य और ऐतिहासिक कहानी विदेशियों ओ बहुत लुभाती हैं। तो आइये जानते हैं इन जगहों के बारे में...
मैसूर पैलेस, कर्नाटक1897 में विनाशकारी आग के बाद मैसूर पैलेस के तीन मंजिला महल का पूरी तरह से पुनर्निर्माण किया गया था। महल के अंदर वर्गाकार मीनारें और गुंबद हैं। दरबार में एक विवाह मंडप भी बना हुआ है।
मेहरानगढ़ फोर्ट, जोधपुर
15वीं सदी में बने मेहरानगढ़ किले की भारत में सबसे बड़ी किलेबंदी है। जोधपुर के लोगों की सुरक्षा का ख्याल रखते हुए इस इमारत को डिजाइन किया गया था। किले में एक संग्रहालय भी है जिसमें महाराजाओं से संबंधित कलाकृतियों का संग्रह है।
गेटवे ऑफ इंडिया, मुंबईमायानगरी मुंबई में बने 26 मीटर ऊंचे गेटवे ऑफ इंडिया से अरब सागर का खूबसूरत नजारा दिखाई देता है। इसे मुंबई के सबसे खास पर्यटक स्थलों में गिना जाता है। इंडो-सेरासेनिक डिजाइन के लिए मशहूर गेटवे ऑफ इंडिया को बनाने में पीले बेसाल्ट और कॉन्क्रीट का इस्तेमाल हुआ है।
एलोरा की गुफाएं, औरंगाबादइस यूनेस्क वर्ल्ड हेरीटेज साइट का निर्माण पांचवीं और छठी शताब्दी में बौद्ध, जैन और हिंदू धर्म के साधू-संतों ने किया था। इसमें नक्काशीदार मठ, पूजा घर और मंदिर शामिल हैं, जिनमें से 12 बौद्ध धर्म के हैं, 17 हिंदुओं के हैं और 5 जैन धर्म के हैं।
ताजमहलआगरा स्थित ताजमहल दुनिया के सात अजूबों में शुमार है। यह इस्लामिक डिजाइन का एक खूबसूरत नमूना है जिसमें आर्क, मीनार और गुंबद समेत कई चीजें शामिल हैं। यमुना नदी के तट पर बना ताजमहल सफेद संगमरमर से बना हुआ है।
लाल किलाशाहजाह ने 1648 में लाल किला बनवाया था। लाल किला बनाने में लाल बलुआ पत्थर का इस्तेमाल किया गया है। यह ऐतिहासिक स्मारक तकरीबन दो किलोमीटर के दायरे में फैला है। इसके दो मुख्य द्वार 'लाहौर गेट' और 'दिल्ली गेट' है।
कुतुब मीनार, नई दिल्लीराजधानी दिल्ली में बना कुतुब मीनार भी एक यूनेस्को वर्ल्ड हेरीटेज साइट है। 73 मीटर ऊंचा ये टॉवर 1193 में दिल्ली के आखिरी हिंदू साम्राज्य के हारने के बाद कुतब-उद-दीन-ऐबक ने बनवाया था। कुतुब मीनार में पांच अलग-अलग मंजिल हैं।
आमेर फोर्ट, जयपुरआमेर किले का निर्माण 1592 में हुआ था। जलेब चॉक, द शिला देवी टेंपल इस किले की खासियत को बयां करते हैं। इसके साथ लोगों के लिए एक हॉल भी बना हुआ है, जिसे दीवान-ए-आम कहा जाता है।