चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ आप भी ले महाबलीपुरम घूमने का मजा

हाल ही में, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग दूसरी अनौपचारिक शिखर बैठक के लिए तमिलनाडु के महाबलीपुरम (ममल्लापुरम) में आए हैं। उनके साथ प्रधानमंत्री मोदी ने भी दिन व्यतीत किया। यह शहर अपने मंदिरों और कई प्रसिद्द जगहों के लिए जाना जाता हैं जो कि अपना ऐतिहासिक महत्व रखती हैं। आज हम आपको यहां की कुछ महत्वपूर्ण जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां आप घूमने का मजा ले सकते हैं। तो आइये जानते हैं महाबलीपुरम घूमने की प्रसिद्द जगहों के बारे में।

अर्जुन्स पेनेन्स

यहां भगवान शिव से पशुपति अस्त्र हासिल करने के लिए अर्जुन की तपस्या की तस्वीरें पत्थरों पर उकेरी गई हैं। यह स्थान अपनी भव्य नक्काशी के लिए लोकप्रिय है। यह 27 मीटर लंबा और 9 मीटर चौड़ा है। यहां चार भुजाओं वाली भगवान शिव की भी मूर्ति है, जिसमें शिवजी का निचला हाथ वरद-मुद्रा में दिखाया गया है, जिससे वह अर्जुन को वरदान दे रहे हैं।

वराह गुफा मंदिर

इसका निर्माण 7वीं शताब्दी में पल्लव राजवंश के शासनकाल में हुआ था। यह प्राकृतिक पल्लव कला का एक अच्छा उदाहरण है। यह एक गुफा मंदिर है जो एक चट्टानों को काटकर बनाया गया है और भगवान विष्णु के वराह अवतार को समर्पित है।

शोर मंदिर

इस मंदिर का निर्माण नरसिंहवर्मन द्वितीय के काल में ग्रेनाइट से करवाया गया था। इस मंदिर को यूनेस्को की विश्व विरासत स्थल सूची के अंतर्गत शामिल किया गया है। यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है।

कृष्‍णा बटर बॉल

एक मान्यता है कि यह चट्टान कृष्‍ण के मक्खन का टुकड़ा है, जो खाते वक्त स्वर्ग से गिर गया था। महाबलीपुरम में स्‍थ‍ित इस चट्टान को ‘कृष्‍णा बटर बॉल’ कहते हैं। इस चट्टान की ऊंचाई 20 फीट है और यह 5 मीटर चौड़ी है। चट्टान का बेस यानी आधार 4 फीट से भी कम है, जबकि यह एकदम पहाड़ी की ढलान पर स्थित है।

पांच रथ

रथ के रूप में चट्टान में खुदे हुए मिनी मंदिर हैं। इन्हें प्रसिद्ध महाकाव्य महाभारत के नेतृत्व नायकों के नाम पर 'पंच पांडव रथ' भी कहा जाता है। इन पांच रथ में से चार द्रौपदी के पति और एक द्रौपदी को समर्पित कर रहे हैं।