Holi 2018 : भारत में होली की अनोखी परम्पराएं

होली रंगों का त्योंहार हैं। इस त्योंहार के लिए माना जाता है कि सभी लोग अपने पुराने गिले-शिकवे भूल अलग-अलग रंगों की तरह मिलकर यह त्योंहार मनाते हैं। इस दिन पूरे देश खुशियों का माहौल होता हैं और हर जगह अपने तरीकों से सेलेब्रेट किया जाता हैं। भारत में इस त्योंहार पर भी हर प्रदेश की अपनी परम्पराएं होती हैं, जिन्हें बड़े जोश और जुनून के साथ मनाया जाता हैं। आज हम आपको होली पर देश की अलग-अलग और अनोखी परम्पराएं बताने जा रहे हैं। तो आइये जानते हैं उन अनोखी परम्पराओं के बारे में।

* मध्यप्रदेश : मध्यप्रदेश के एक गांव में भील युवक हाथों में मांदल नामक वाद्य यंत्र लेकर बजाते हैं और नृत्य करते हुए युवती को गुलाल लगा देते है। अगर युवती भी युवक को रंग लगा देती है तो इसे रजामंती समझी जाती है। इसके बाद दोनों भाग जाते है और उनकी शादी हो जाती है।

* उत्तर प्रदेश : उत्तर प्रदेश के कुंडरा गांव में सिर्फ महिलाएं ही होली खेलती हैं। इस गांव में पुरूषों को होली खेलने नहीं दी जाती है। परंपरा के मुताबिक इस दिन पूरे गांव की महिलाएं राज जानकी मंदिर में इकट्ठा होकर फागुन गीत गाते हुए होली खेलती है। ऐसा करते हुए महिलाएं गांव घूमती हैं और हर मंदिर में जाती हैं।

* हिमाचल प्रदेश : हिमाचल प्रदेश में होली की अनोखी परंपराएं हैं। मंडी जिले के सुकेत इलाके में होली पर बहन-बेटियों को रोटी मायके से भेजी जाती है। बहन-बेटियों को होली के दिन मायके के बांटा (रोटी) का खास इंतजार रहता है। मायका पक्ष से होली पर बहन-बेटी के घर किसी एक जाना जरूरी होता है।

* मध्यप्रदेश, मालवा : मध्यप्रदेश के मालवा क्षेत्र में होली के दिल लोग एक-दूसरे पर अंगारे फैंकते है। ऐसा माना जाता है कि इस तरह अंगारे फैंकने से होलिका राक्षसी का अंत हो जाता है।

* ब्रज : ब्रज के बरसाना गांव में होली के टोलियां जब पिचकारियां मारती है तो महिलाएं उनपर लाठियां बरसाती हैं। पुरुषों को इन लाठियों से बचकर महिलाओं को रंगों से भिगोना होता है। इसे लठमार होली भी कहा जाता है।