लंबे समय से भूत, प्रेत और आत्मा के अस्तित्व पर बहस चली आ रही हैं कि ये होते हैं या नहीं जिसका निष्कर्ष निकाल पाना भी मुश्किल हैं। लेकिन इस 21वीं सदी के युग में भी कई जगहें ऐसी हैं जिनके रहस्य विज्ञान भी नहीं ढूंढ पाया हैं। खासतौर से कुछ जगहों को लेकर लोगों के मन में भय हैं क्योकि उन जगहों पर लोगों को एक अलग तरह का अहसास अर्थात नेगेटिव एनर्जी महसूस हुई है। प्राचीन इमारतों और राजघरानों की कहानियों के लिए जाना जाने वाला राजस्थान पर्यटन की दृष्टि से समृद्ध हैं, लेकिन यहां भी कई इमारतें ऐसी हैं जिनपर भूतों का साया माना जाता हैं। आज इस कड़ी में हम आपको राजस्थान की उन भूतिया जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां रात को तो कोई भूलकर भी नहीं जाना चाहेगा। आइये जानते हैं इनके बारे में...
जल महल जल महल देश के सबसे दिलचस्प महलों में से एक है। इस महल को 18 वीं शताब्दी में महाराजा जय सिंह द्वितीय द्वारा बनवाया गया था। यह मान सागर झील के बीच में है। पांच मंजिला महल अब आंशिक रूप से झील में डूबा हुआ है। महल की केवल सबसे ऊपरी मंजिल दिखाई देती है जबकि चार मंजिला जल स्तर से नीचे डूबी हुई है। इतनी शानदार जगह होने के बावजूद,जल महल में कई डरावनी घटनाएं हुई हैं। लोग अक्सर महल के अंदर से चीखें सुनने का दावा करते हैं।
राणा कुम्भ महल चित्तौड़गढ़ का राणा कुंभा पैलेस एक ऐसी जगह है जहां आपकी मुलाकात भूत से हो सकती है। राजस्थान में एक प्रेतवाधित किला, इस स्थान को राज्य की सबसे डरावनी जगहों में से एक माना जाता है। गुप्त कक्ष और यहां की महिलाओं की चीखें, आपको बेहद खौफ में डाल सकती हैं। इस किले के बारे में ऐसा कहा जाता है कि यहां रानी पद्मावती ने अपनी रानियों के साथ मिलकर जौहर कर लिया था। आपको बता दें, दिल्ली के सुल्तान, अलाउद्दीन खिलजी ने इस महल पर हमला कर दिया था और खुद को खिलजी से बचने के लिए रानी पद्मिनी ने 700 महिला अनुयायियों के साथ आत्मदाह कर लिया। तभी से यहां इस तरह की घटनाएं देखी जाती हैं।
चांद बावड़ीदौसा जिले के बांदीकई में आभानेरी गाँव चांद बावड़ी एक भूतिया जगह है। कहा जाता है कि चांद बावड़ी एक रात में भूतों द्वारा बनाई गई थी। लेकिन आपको बता दें यह जगह इतनी भव्य और विशाल है कि इसे बनाने में कई साल लग जाएंगे। चांद बावड़ी में 3500 से अधिक सीढ़ियाँ हैं। जिनसे नीचे जाने पर बेहद डरावना महसूस होता है। यहाँ आने वाले कई पर्यटकों ने बहुत कुछ अजीब महसूस किया है। इस जगह के बारे में कहा जाता है कि यहाँ एक भूत है जो आपको सीढियों पर चढ़ने नहीं देता।
नहरगढ़ किला जयपुर में कई किले हैं, और ये सभी पूरे भारत में फेमस हैं। अरावली पहाड़ियों के किनारे बने इस महल से गुलाबी शहर का खूबसूरत नजारा दिखाई देता है। किले का मूल नाम सुदर्शनगढ़ था, लेकिन बाद में इसे नाहरगढ़ के नाम से जाना जाने लगा। दावा किया जाता है कि किला बनाते समय खुदाई के दौरान नाहर सिंह भोमिया की आत्मा को आहत, परेशान और अपमानित किया गया था। स्थानीय लोगों के अनुसार, उसकी आत्मा महल को सताने लगी। राजा ने आत्मा को शांत करने के लिए किले का नाम बदलने का फैसला किया और अपने नाम पर एक मंदिर भी बनवाया, लेकिन कहा जाता है कि आज तक उनकी आत्मा को आराम नहीं मिला है। कुछ समय पहले हुई एक और भयानक घटना के बाद डरावनी कहानियां और बढ़ गई। किले के रेनोवेशन का काम कर रहे एक इंजीनियर को एक गूंगी स्थिति में मरा हुआ पाया गया था।
कुलधरा गांव राजस्थान का सबसे डरावना गांव कुलधरा राजस्थान की एक ऐसी जगह है, जो करीब 170 सालों से वीरान पड़ी हुई है। इस जगह में कोई इंसान अकेले जाने से डरता है। ऐसा कहा जाता है कि यहां के लोगों ने एक दुष्ट दीवान से अपनी बेटियों को बचाने के लिए इस को खाली कर दिया था। तब से अब तक ये जगह वीरान पड़ी हुई है। दिल्ली की परनोमल एजेंसी द्वारा कुलधरा गांव में डिटेक्टरों और भूत-बॉक्स में यहां के मरे हुए लोगो की आवाज रिकॉर्ड की गई है और उन्होंने अपना नाम भी बताया है।
भानगढ़ किला राजस्थान के सबसे डरावनी जगहों में से एक है भानगढ़ का किला। इस जगह से जुड़ी कई कहानियों में से एक यह है कि किले की भयावहता के पीछे एक लोकप्रिय कहानी का दावा है कि एक तांत्रिक किले की रानी, रानी रत्नावती से शादी करना चाहता था। उसके बुरे विचारों के बारे में जानने के बाद, रानी को तांत्रिक मिला जो उसके महल में काला जादू करता था। यहां पर लोगों ने तांत्रिक के भूत के चिल्लाने, मदद के लिए रोती एक महिला और चूड़ियों की खनकती आवाज को सुना है। इस किले के बारे में कहा जाता है कि रात में इस किले पर भूतों का साया रहता है। किले में चिल्लाने, रोने की आवाज़े, चूड़ियों के खनकने की आवाज और कई तरह की परछाइयां दिखाई देती हैं।
बृजराज भवनकोटा में स्थित बृजराज भवन 178 साल पुराना है। इसके बारे में कहा जाता है कि यहां एक अंग्रेज अफसर का भूत भटकता है। बताया जाता है कि सन 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भारतीयों ने ईस्ट इंडिया कंपनी के मेनेजर मेजर बर्टन की हत्या कर दी थी। इसके बाद साल 1980 में इसे धरोहर में बदल दिया गया। मेजर बर्टन इतने ज्यादा अनुशासित थे कि आज भी अगर उनका भूत ड्यूटी के समय गार्ड को सोता हुआ देखता है तो गाल पर थप्पड़ रसीद कर देता है।
सुधाबाईराजस्थान में पुष्कर बाईपास पर स्थित सुधाबाई वास्तव में भूतिया जगह नहीं है। लेकिन अगर आप साल में किसी खास दिन यहां आते हैं तो यह जगह निश्चित रूप से आपको बुरे सपने देने वाली है। यहां हर साल एक ‘भूत मेला’ आयोजित किया जाता है, जब राज्य के विभिन्न हिस्सों से लोग बुरी आत्माओं से छुटकारा पाने के लिए आते हैं। ऐसा माना जाता है कि अगर आप पवित्र कुएं में स्नान करते हैं तो बुरी आत्माएं आपको छोड़ देंगी।