भारत को अपने इतिहास और संस्कृति के लिए जाना जाता हैं जिसमें किलों का महत्वपूर्ण स्थान हैं। प्राचीन भारत में राजाओं का शासन रहा हैं और इसी से जुड़े हैं इनके किले जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। भारत को अपने विशाल किलों के लिए जाना जाता हैं जिनसे जुड़ी अपनी अनोखी कहानियां होती हैं। हर किले से जुड़े अपने रहस्य होते हैं। ऐसे में आज इस कड़ी में हम आपको कुछ ऐसे किलों के बारे में बताने जा रहे हैं जो अपनी अनसुलझी पहेली और डरावनी कहानियों के लिए जाने जाते हैं। पर्यटक यहां रात तो दूर दिन में भी जाने से डरते हैं। तो आइये जानते हैं इन डरावने किलों के बारे में...
गढ़कुंडार का किला मध्यप्रदेश – (Garh Kundar Fort Madhya Pradesh)मध्यप्रदेश के निवाड़ी जिले के एक गाँव में स्थित “गढ़कुंडार का किला” भारत के सबसे डरावने किले में से एक है। कहाँ जाते है यह किला कई रहस्यों और चमत्कारों से भरा हुआ है, इसीलिए आज भी लोग दिन ढलने के बाद इसके पास से गुजरने में भी डरते है। आज भारत में इसे किले से जुड़ी डरावनी कहानियां प्रसिद्ध है। स्थानीय लोगो का मानना है की बहुत समय पहले इस किले में कुछ लोगो की मौत हुई थी जिनकी आत्मायें आज भी इस किले में भटक रही है। इस किले से जुड़ी एक रहस्यमयी कहानी ने सबसे रोंगटे खड़े कर दिये है जी हाँ कहाँ जाता है एक बार इस किले में एक बरात के लगभग 70 से 80 से लोग रहस्यमयी ठंग से गायब हो गये थे जिनका पता आज भी नही लगाया जा सका है की बो लोग कहा गायब हो गये। इतना डरावना होने के वावजूद भी दिन में यहाँ पर्यटकों की काफी भीड़ देखी जाती है जो इस किले के रहस्य का पता लगाने आते है।
रोहताश गढ़ का किला बिहार – (Rohtash Garh Fort, Bihar)“रोहताश गढ़ का किला” बिहार के रोहताश जिले में स्थित एक प्राचीन किला है जिसे भारत में सबसे रहस्यमयी किले में से एक माना जाता है। इसे किले का निर्माण अयोध्या के राजा हरिचन्द्र के पुत्र रोहताशव ने करबाया था। यह किला समुद्र तल से लगभग 1500 मीटर ऊँची पहाड़ी पर स्थित है जिसका इस्तेमाल युद्ध के दौरान छिपने के लिए किया जाता था। इस किले की एक ऐसी कहानी प्रसिद्ध है जिसे बारे में सुनकर आपके रोंगटे खड़े हो जायेंगे। जी हां कई स्थानीय लोगो और किवंदतीयों के अनुसार माना जाता है की इस किले की दीवारों से अक्सर खून निकलता था और रात में जोर जोर से चीखने की आवाजें भी सुनाई देती है। जिसके पीछे का कारण आज भी एक रहस्य बना हुआ है जिस कारण पर्यटकों के साथ साथ स्थानीय लोग भी दिन ढलने के बाद यहाँ जाने से डरते है।
नाहरगढ़ किला जयपुर – (Nahargarh Fort, Jaipur)“नाहरगढ़ किला” राजस्थान का एक बहुत ही आकर्षक किला है जिसे भारत के सबसे डरावने किले में शामिल करने के पीछे एक रहस्यमयी कहानी जुड़ी है। यहां के स्थानीय लोगों अनुसार माना जाता है यहां पर एकदम से तेज हवाएं चलने लगती है और कई बार दरबाजे के कांच टूट कर गिर जाते हैं। यहाँ कभी-कभी एक दम से गर्मी और एक दम से ठण्ड महसूस होने लगती है जो आज भी एक रहस्यमयी घटना बनी हुई है। किले में जाने वाले कई लोगों को कुछ अजीब चीजों का एहसास भी हो चुका है। इस किले का निर्माण सवाई राजा मान सिंह ने अपनी रानियों के लिए करवाया था, लेकिन राजा की मृत्यु के बाद नाहरगढ़ किले को भूतिया कहा जाने लगा था और इस किले में राजा की प्रेत आत्मा होने का भी दावा किया जाता है।
गोलकोंडा किला – (Golconda Fort, Hyderabad)हैदराबाद में हुसैन सागर झील से लगभग 9 किमी की दूरी पर स्थित “गोलकोंडा किला” भारत के रहस्यमयी किले में से एक है। गोलकोंडा किला का निर्माण 13 वीं शताब्दी में किया गया था, लेकिन इसके कई शासकों की सनक और रिक्तियों के तहत विभिन्न नवीकरण देखे गए हैं। बता दे गोलकोंडा फोर्ट में भी अजीबो गरीब घटनायें तथा इस किले में राजा की आत्मा को नृत्य करते देखा गया है जो कभी राजा का नृत्य मंच हुआ करता था। इनके अलावा कई शूटिंग ग्रुप्स द्वारा इस किले में अजीब आवाजें और लाइटस दिखे जाने की बातें भी कही गयी हैं।
चुनारगढ़ का किला उत्तर प्रदेश – (Chunargarh Fort, Uttar Pradesh)चुनारगढ़ की धरती पर कई सारे तप्सियों ने तपस्या की है और यह स्थित चुनारगढ़ का किला भारत के प्रमुख ऐतिहासिक स्थलों में से एक है। चुनारगढ़ के किला का इतिहास के पन्नो में एक महत्वपूर्ण स्थान है जिसे लगभग 5000 साल पुराना माना जाता है। जिस पहाड़ी में इस किले का निर्माण किया गया है बो मानव के चरण जैसी प्रतीत होती है। चुनारगढ़ का किला भारत के रहस्यमयी किले में से एक है जिसका प्रमाण इसकी अद्भुद वनवाट से भी मिलता है। इस किले के निर्माण के पीछे का रहस्य आज भी रहस्य बना हुआ है, क्योंकि बलुआ पत्थर से निर्मित इस किले के हर पत्थर पर किसी ना किसी का चिन्ह है। इसके साथ साथ स्थानीय लोगो और किवंदतीयों के अनुसार कहा जाता है इस किले में योगिराज भतृहरि ने समाधी ले थी जिनकी आत्मा आज भी इस किले में वास करती है।
भानगढ़ किला अलवर - (Bhangarh Fort, Alwar)राजस्थान के अलवर जिले की अरावली पर्वतमाला में सरिस्का अभ्यारण्य की सीमा पर स्थित “भानगढ़ किला” भारत के सबसे रहस्यमयी किले (Mysterious Forts in India in Hindi) में से एक है। यह किला ढलान वाले इलाके में पहाड़ियों के तल पर बसा हुआ है जो देखने में बेहद भयानक लगता है। भानगढ़ किला अलवर शहर का एक बेहद प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है जो अपनी भुतिया किस्सों की वजह से सबसे ज्यादा चर्चा में बना रहता है। भानगढ़ किला यहां होने वाली घटनायों की वजह से इतना ज्यादा फेमस है कि कोई भी इस किले के अंदर अकेला जाने से डरता है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण या एएसआई ने इस किले में रात के समय पर्यटकों और स्थानीय लोगों के प्रवेश पर भी रोक लगा रखी है।
शनिवार वाड़ा फोर्ट पुणे – (Shaniwar Wada Fort, Pune)शनिवाड़ा फोर्ट भारत के सबसे डरावने किले में से एक है जिसे 1732 में पेशवा बाजीराव के सम्मान में बनाया गया था। शनिवारवाड़ा किला पुणे में स्थित है जो अपनी विशाल वास्तुकला के अलावा यहाँ होने वाली कई डरावनी घटनाओ की वजह से भी प्रसिद्ध है। बताया जाता है कि पूर्णिमा की रात को यहाँ अलौकिक गतिविधि बहुत ज्यादा होती है। इन भूतिया घटनाओ के पीछे की कहानी बताती है कि एक राजकुमार की यहां निर्दयतापूर्वक हत्या कर दी गई थी, जिसके बाद उसकी आत्मा यहां भटकती है और रात के समय किले से चीखने की आवाजें भी सुनाई देती है।
ग्वालियर किला मध्यप्रदेश – (Gwalior Fort, Madhya Pradesh)“ग्वालियर का किला” मध्य भारत की सबसे प्राचीन और ऐतिहासिक जगहें में से एक है। ग्वालियर फोर्ट ग्वालियर शहर में गोपाचल नामक पहाड़ी पर स्थित है, जिसे ग्वालियर का किला के नाम से भी जाना-जाता है। प्राचीन इतिहासकारों का अनुसार इस किले का निर्माण बघेल राजायों द्वारा किया गया था जिन्होंने इस पर लगभग 1000 साल शासन किया था। इस किले में प्राचीन काल की कई मूल्यवान और रहस्यमयी मूर्तियाँ है। कई खोजकर्ता और इतिहासकार का दावा है की इस किले में कई रहस्यमयी सुरंगे और तयखाने भी है और इन तयखानो में बहुत सारा खजाना छुपे होने का भी दावा किया जाता है। इस किले की एक बात और अभी तक रहस्य बनी हुई है बो हे इस “किले के निर्माण की अवधि” जी हाँ स्थानीय लोगो का कहना है की इस किले का निर्माण सिर्फ एक रात में जिनो द्वारा किया गया था जो बकाई रहस्यमयी और अविश्वसनीय है। लेकिन इस बात की अभी तक औपचारिक पुष्टि नही की गयी है की यह किला कितने दिन में और किनके द्वारा बनाया गया है।