भारत देश को अपनी आस्था के लिए जाना जाता हैं जहां हजारों देवी-देवताओं के लाखों मंदिर स्थित हैं और हर मंदिर की अपनी अलग विशेषता और पहचान बनी हुई हैं। कश्मीर से कन्याकुमारी तक देश के कई मंदिर हैं जिनके दर्शन करने लोग सपरिवार जाते हैं। आज इस कड़ी में हम आपके लिए उत्तर भारत के कुछ प्रसिद्द मंदिरों की जानकारी लेकर आए हैं जहां आप भक्ति, श्रद्धा और शांति के साथ ही घूमने का आनंद उठा सकते हैं। इन मंदिरों को अत्यंत निपुणता और शुद्धता के साथ डिजाइन किया गया है, इसलिए ये मंदिर आगंतुको के आकर्षण का मुख्य कारण बन जाते हैं। तो आइये जानते हैं इन मंदिरों के बारे में...
स्वर्ण मंदिर, अमृतसर
गोल्डन टेंपल के नाम से जाना जानेवाला स्वर्ण मंदिर सिख समुदाय का सबसे पवित्र धार्मिक स्थल है। हालांकि यहां सभी धर्मों के लोग मत्था टेकने जाते हैं। स्वर्ण मंदिर की स्थापना वर्ष 1574 में सिख गुरु राम दास ने की थी। यहां दिनभर गुरुग्रंथ साहब की गुरुबाणी चलती रहती है। यहां सभी धर्मों और जातियों के श्रद्धालुओं का खुले दिल से स्वागत किया जाता है। यहां के लंगर में दिनभर खाना परोसा जाता है। हर दिन लाखों लोग यहां भोजन करते हैं। अगर आपकी इच्छा हो तो आप लंगर में सेवा कर सकते हैं। यह मंदिर अमृत सरोवर के तट पर बना है। इस सरोवर के पानी में रोगों को ठीक करने की शक्ति बताई जाती है। स्वर्ण मंदिर में जाते हुए आपको अपना सिर ढंकना होता है।
काशी विश्वनाथ मंदिर
काशी विश्वनाथ मंदिर उत्तर प्रदेश राज्य के वाराणसी शहर में स्थित एक प्रसिद्ध शिव मंदिर है। पवित्र गंगा नदी के पश्चिमी तट पर स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर उत्तर भारत के सबसे अधिक घूमें जाने मंदिर और भगवान शिव को समर्पित बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। मंदिर के मुख्य देवता को विश्वनाथ या विश्वेश्वर नाम से जाना जाता है जिसका अर्थ है पूरे ब्रह्मांड का शासक। वाराणसी शहर को काशी के नाम से भी जाना जाता है। इसलिए इस मंदिर को काशी विश्वनाथ मंदिर कहा जाता है। यह काफी पुराना और एक भव्य मंदिर है, जो नार्थ इंडिया के साथ साथ पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। यही कारण है कि देश के हर कोने से भगवान शिव के भक्त यहां दर्शन पूजन करने के लिए आते हैं।
अमरनाथ मंदिर, अनंतनाग, जम्मू और कश्मीर
उत्तर भारत का यह तीर्थस्थल भगवान शिव को समर्पित है। लोककथाओं के अनुसार अमरनाथ धरती पर भगवान शिव का घर था। कहते हैं इस गुफा में भगवान शिव माता पार्वती के साथ गए थे, जहां उन्होंने माता पार्वती को संसार की संरचना और अमरता का ज्ञान दिया था। हर वर्ष श्रद्धालू जुलाई से अगस्त तक चलनेवाले 45 दिनों के श्रवण मेला के दौरान यहां आते हैं। समुद्र सतह से 3,900 फ़ीट की ऊंचाई पर स्थित यह मंदिर बर्फ़ से प्राकृतिक रूप से बननेवाले शिवलिंग के लिए जाना जाता है। इस मंदिर का हिंदू धर्म में बहुत ज़्यादा महत्व है।
अक्षरधाम मंदिर
स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर उत्तर भारत का एक और सबसे प्रसिद्ध मंदिर है जो दिल्ली में स्थित है। अक्षरधाम मंदिर साल 2005 में खोला गया था, जो भगवान स्वामीनारायण को समर्पित है। यमुना अदि के तट पर स्थित अक्षरधाम मंदिर हिंदू धर्म और इसकी प्राचीन संस्कृति को दर्शाता है। इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि इस मंदिर ने दुनिया के सबसे बड़े व्यापक हिंदू मंदिर के रूप में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपनी जगह बनाई है। स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर की प्रमुख मूर्ति स्वामीनारायण की मूर्ति है और इसके साथ 20,000 भारत के दिव्य महापुरूषों की मुर्तिया भी शामिल हैं। बताया जाता है कि इस मंदिर का निर्माण जटिल नक्काशीदार संगमरमर और बलुआ पत्थर से करवाया गया है।
बद्रीनाथ मंदिर, बद्रीनाथ, उत्तराखंड
भगवान विष्णु को समर्पित यह मंदिर चार धाम के चार पवित्र मंदिरों में से एक है। अलकनंदा नदी के तट पर बने इस मंदिर परिसर की सुंदरता और भव्यता देखने जैसी है। बद्रीनाथ भारत में सबसे अधिक श्रद्धालुओं की संख्या वाले मंदिरों में एक है। यह मंदिर समुद्र सतह से 3,100 मीटर की ऊंचाई पर है। यहां भगवान विष्णु का काले पत्थर से बनी मूर्ति है, जो तीन फ़ीट ऊंची है। यहां माता मूर्ति का मेला नामक आयोजन के दौरान सबसे अधिक श्रद्धालू आते हैं। अत्यधिक ऊंचाई पर स्थित होने और कठिन मौसम के कारण यहां साल के केवल छह महीनों तक ही जाया जा सकता है।
गुरुद्वारा बंगला साहिब
गुरुद्वारा बंगला साहिब सिख धर्म का एक धार्मिक स्थल है जो दिल्ली में कनॉट प्लेस के पास बाबा खड़क सिंह मार्ग पर स्थित है। आपको बता दें कि यह गुरुद्वारा अपनी आकर्षक वास्तुकला और धार्मिक महत्व के लिए दिल्ली की सबसे लोकप्रिय संरचनाओं में से एक है। इस गुरुद्वारा का नाम आठवें सिख गुरु, गुरु हरकिशन साहिब के नाम पर रखा गया है। इसके साथ ही यह भारत में सिख समुदाय के लिए सबसे महत्वपूर्ण पूजा स्थल में से एक है। गुरुद्वारा बंगला साहिब एक बड़ा ऐतिहासिक, सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व है, जिसकी वजह से बड़ी संख्या में लोग इसके दर्शन करने के लिए आते हैं।
वैष्णो देवी मंदिर, जम्मू
देवी महालक्ष्मी को समर्पित वैष्णो देवी मंदिर उत्तर भारत के सबसे लोकप्रिय तीर्थस्थलों में ख़ास जगह रखता है। वैष्णो देवी की गुफा 5,000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यहां पहुंचने के लिए आख़िरी के 14 किलोमीटर की यात्रा पैदल करनी पड़ती है। काफ़ी ऊंचाई पर स्थित होने और बेहद कठिन मौसम के बावजूद यहां हर साल लगभग 1 करोड़ श्रद्धालू आते हैं। मंदिर में देवी बाघ पर बैठी हुई हैं, जिनकी 8 भुजाएं हैं। देवी को शक्ति का प्रतीक माना जाता है।
द्वारकाधीश मंदिर
द्वारकाधीश मंदिर मथुरा और उत्तर भारत के सबसे पवित्र मंदिरों में से एक है जिसे द्वारकाधीश का मंदिर, द्वारकाधीश जगत मंदिर और द्वारकाधीश के राजा जैसे प्रसिद्ध नामो से पुँकारा जाता है। भगवान कृष्ण को समर्पित “द्वारकाधीश मंदिर” का निर्माण 1814 में एक कृष्ण भक्त द्वारा करवाया गया था। द्वारकाधीश जगत मंदिर अन्य मंदिर की अपेक्षाकृत नया है, लेकिन अत्यधिक पूजनीय भी है, जहाँ हजारों श्रद्धालु प्रतिदिन द्वारकाधीश के दर्शन के लिए आते हैं। द्वारकाधीश मंदिर अपनी विस्तृत वास्तुकला और चित्रों के लिए देश भर में प्रसिद्ध है जो भगवान के जीवन के विभिन्न पहलुओं दर्शाती है।
मनसा देवी मंदिर, हरिद्वार
गंगा नदी के तट पर बसा यह मंदिर पवित्र नगरी हरिद्वार के पांच मशहूर मंदिरों में एक है। मनसा का शाब्दिक अर्थ है ‘इच्छा’। यहां देवी के सामने व्यक्त की जानेवाली इच्छाएं पूरी होती हैं। नवरात्र और कुंभ मेला के दौरान इस मंदिर में भक्तों की भीड़ बढ़ जाती है। पहले मंदिर तक जाने के लिए केवल सीढ़ियां चढ़कर जाना होता था, अब यहां केबल कार से भी जाने की सुविधा उपलब्ध है। केबल कार से जाते हुए श्रद्धालुओं को पूरी घाटी का मनोरम दृश्य भी दिखता है।
बांके बिहारी मंदिर
उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के पवित्र शहर वृंदावन में स्थित श्री बांके बिहारी मंदिर हिंदू धर्म का एक बहुत ही प्रसिद्ध मंदिर है। बता दें कि श्री बांके बिहारी मंदिर भगवान कृष्ण को समर्पित है और यह देश के सबसे प्रसिद्ध सबसे प्रतिष्ठित मंदिरों में से एक है। बांके बिहारी मंदिर एक ऐसा मंदिर है जिसमें स्थित मूर्ति श्रीकृष्ण और राधारानी का एकाकार रूप है। भगवान कृष्ण का यह मंदिर वृंदावन के ठाकुर जी (कृष्ण) के 7 मंदिरों में से एक है जिसमें श्री राधावल्लभ जी, श्री गोविंद देव जी और अन्य चार मंदिर और शामिल हैं।