उत्तर भारत के ये 6 मंदिर बनते हैं आस्था के साथ पर्यटन का भी केंद्र, लगता हैं भक्तों का जमावड़ा

भारत एक ऐसा देश हैं जहां करोड़ों देवी-देवताओं का पूजन किया जाता हैं और आस्था रखते हुए उनके मंदिर भी बनाए जाते हैं। देश में शायद ही ऐसी कोई गली हो जहां मंदिर ना हो। भक्त आस्था रखते हुए मंदिर में भगवान के दर्शन करने जाते हैं। लेकिन कई मंदिर ऐसे भी हैं जो आस्था के साथ पर्यटन का भी केंद्र बनते हैं। आज इस कड़ी में हम आपको उत्तर भारत के कुछ प्रसिद्द मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां भक्तों का तो जमावड़ा लगता ही हैं लेकिन इसी के साथ ही यहां की स्थापत्य शैली की सुंदरता पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। तो आइये जानते हैं इन मंदिरों के बारे में।

बद्रीनाथ मंदिर

बद्रीनाथ मंदिर या बद्रीनारायण मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित हिंदू धर्म का प्रमुख मंदिर है जो उत्तराखंड में गढ़वाल पहाड़ी पर, अलकनंदा नदी के पास स्थित है। यह मंदिर चार धाम और छोटा चार धाम तीर्थ यात्रा का एक प्रमुख हिस्सा है, जो 10,279 फीट की ऊंचाई पर स्थित हिमालय से घिरा हुआ है। उत्तर भारत के प्रसिद्ध मंदिर में से एक बद्रीनाथ मंदिर में भगवान विष्णु की काले पत्थर की मूर्ति 1 मीटर लंबी है, जिसे विष्णु के 8 स्वयंभू मूर्तियों में से एक माना जाता है। बता दे बद्रीनाथ मंदिर का मुख्य द्वार कई रंगों से सजा हुआ है और इसमें भगवान विष्णु के अलावा कई देवताओं की मूर्ति है। बद्रीनाथ मंदिर का धार्मिक महत्व और पवित्रता भक्तों को बेहद आकर्षित करती है और यहां पर हर साल लाखों की संख्या में तीर्थ यात्री और पर्यटक आते हैं। अपनी पवित्रता और निर्मल सुंदरता के साथ यह मंदिर भक्तों और पर्यटकों को एक अलग दुनिया में ले जाता है।

अमरनाथ गुफा

अमरनाथ गुफा भगवान शिव के उपासकों के लिए उत्तर भारत का सबसे महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। जम्मू कश्मीर में स्थित अमरनाथ गुफा दुनिया भर में स्थित भगवान शिव के प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक है। यहां का मुख्य आकर्षण का केंद्र है अमरनाथ की गुफा। अमरनाथ की गुफा श्रीनगर से 141 किमी दूर 3888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। गुफा की लंबाई 19 मीटर और चौड़ाई 16 मीटर है। सालभर ये गुफा घनघोर छाई बर्फ के कारण ढंकी रहती है। गर्मियों में जब यह बर्फ पिघलने लगती है, तब इसे कुछ समय के लिए श्रद्धालुओं के लिए खोला जाता है। हिंदू मान्यता के अनुसार अमरनाथ यात्रा को सबसे कठिन यात्रा माना जाता है। कहा जाता है जिसने अमरनाथ की यात्रा कर ली, उसका जीवन सफल हो गया।

अक्षरधाम मंदिर

स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर उत्तर भारत का एक और सबसे प्रसिद्ध मंदिर है जो दिल्ली में स्थित है। अक्षरधाम मंदिर साल 2005 में खोला गया था, जो भगवान स्वामीनारायण को समर्पित है। यमुना अदि के तट पर स्थित अक्षरधाम मंदिर हिंदू धर्म और इसकी प्राचीन संस्कृति को दर्शाता है। इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि इस मंदिर ने दुनिया के सबसे बड़े व्यापक हिंदू मंदिर के रूप में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपनी जगह बनाई है। स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर की प्रमुख मूर्ति स्वामीनारायण की मूर्ति है और इसके साथ 20,000 भारत के दिव्य महापुरूषों की मुर्तिया भी शामिल हैं। बताया जाता है कि इस मंदिर का निर्माण जटिल नक्काशीदार संगमरमर और बलुआ पत्थर से करवाया गया है। यह मंदिर 100 एकड़ की भूमि में फैला हुआ है जो यहाँ आने वाले पर्यटकों को एक अध्यात्मिक ज्ञान की यात्रा पर ले जाता है।

चामुंडा देवी मंदिर

उत्तर भारत के प्रमुख मंदिर में से एक चामुंडा देवी का यह पहाड़ी मंदिर हिमाचल प्रदेश राज्य के पालमपुर से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। बानेर नदी के तट पर स्थित यह मंदिर 51 शक्ति पीठ में से एक है। मंदिर पारंपरिक हिमाचली वास्तुकला में डिजाइन किया गया है मंदिर में महाभारत और रामायण के दृश्यों की नक्काशी है। ऐसा माना जाता है कि चामुंडा देवी मंदिर 1500 के दशक के दौरान अस्तित्व में आया था जब देवी चामुंडा स्थानीय पुजारी के सपने में प्रकट हुई थी और मूर्ति को एक विशिष्ट स्थान पर स्थानांतरित करने का आग्रह किया था जो वर्तमान मंदिर की मेजबानी करता है। पहले इस जगह पर सिर्फ पत्थर के रास्ते कटे हुए थे, लेकिन अब इस मंदिर के दर्शन करने के लिए आपको 400 सीढ़ियों को चढ़कर जाना होगा। एक अन्य विकल्प के तौर पर आप चंबा से 3 किलोमीटर लंबी कंक्रीट सड़क के माध्यम से आसानी से पहुंचा जा सकता है।

प्रेम मंदिर

उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में स्थित प्रेम मंदिर राधा कृष्ण को समर्पित भव्य मंदिर है जिनके दर्शन के लिए दूर दूर से पर्यटक आते है। उत्तर भारत के प्रमुख तीर्थ स्थल में से एक प्रेम मंदिर को आकार जगदगुरु श्री कृपालुजी महाराज ने वर्ष 2001 में आकार दिया था। यह मंदिर अपनी भव्यता और खूबसूरती के लिए जाना जाता है जो यहां आने वाले लोगों को बेहद आकर्षित करती है। आप जब भी अपनी यात्रा प्रेम मंदिर के दर्शन के लिए आयेंगें तो मंदिर में भगवान कृष्ण के जीवन का चित्रण करती हुई कई मूर्तियाँ और कृष्ण के जीवन के विभिन्न दृश्य, जैसे गोवर्धन पर्वत को उठाते हुए मंदिर की परिधि पर चित्रित देख सकेगें। इस मंदिर में हर साल जन्माष्टमी और राधाष्टमी त्योहारों को बड़े ही उत्साह और धूम-धाम के साथ मनाता है। इस खास मौके पर देश के विभिन्न शहरों से भक्त मंदिर के दर्शन करने के लिए आते हैं और मंदिर में होने वाले इन पवित्र समारोह में भाग लेते हैं।

वैष्णो देवी मंदिर

जम्मू कश्मीर राज्य में त्रिकुटा पहाड़ियों में समुद्र तल से 15 किमी की ऊँचाई पर स्थित माता वैष्णो देवी का पवित्र गुफा मंदिर उत्तर भारत के प्रसिद्ध मंदिर में से एक है। वैष्णो देवी एक धार्मिक ट्रेकिंग डेस्टिनेशन है जहाँ तीर्थयात्री लगभग 13 किमी तक पैदल चलकर छोटी गुफाओं तक पहुँचते हैं जो 108 शक्तिपीठों में से एक है। एक बड़ी प्रसिद्ध मान्यता है कि जब वैष्णो देवी माता के नाम की आवाज़ सुनते हैं तो श्रद्धालु उन के दर्शन करने के लिए कठिन से कठिन यात्रा को भी को पूरा करने में सक्षम होते हैं। कुल मिलाकर यदि आप हिंदू धर्म और प्रकृति दोनों की ओर झुकाव रखते हैं और यात्रा करने के लिए उत्तर भारत के प्रमुख मंदिर में से किसी एक एक मंदिर को सर्च कर रहे हैं तो आप माता रानी का आश्रीबाद लेने के लिए वैष्णो देवी मंदिर जम्मू कश्मीर आ सकते है।