भारत के उत्तरी पूर्वी क्षेत्र में स्थित मेघालय को अपनी खूबसूरती और प्राकृतिक सौन्दर्य के चलते पूर्व का स्कॉटलैंड कहा जाता हैं जहां हर साल लाखों सैलानी पर्यटन के लिए पहुंचते हैं। भारत के किसी भी अन्य राज्य की तरह आप मेघालय और उसके आसपास के कुछ राज्य में बिना सरकारी परमिट के नहीं जा सकते है। आपको यहां का इनर लाइन परमिट लेना होता हैं। बादल, पहाड़ियां, बारिश, झीलें, प्यारा मौसम और इसी के साथ यहां का खानपान पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता हैं। यहां आपको वेज के साथ भारी मात्रा में नॉनवेज व्यंजन भी खाने को मिल जाएंगे। आज इस कड़ी में हम आपको मेघालय के कुछ प्रसिद्द व्यंजनों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनका यहां जाए तो जरूर स्वाद लेना चाहिए।
जाधो जाधो मेघालय के खासी समुदाय का एक बहुत ही लोकप्रिय व्यंजन है। जिसके खूबसूरत रंग और खुशबू को महसूस करते ही भूख लगने लगती है। जाधो मुख्य रूप से लाल चावल होता है जो पोर्क, चिकन या मछली के साथ पकाया जाता है। जायका बढ़ाने के लिए इसमें ढेर सारे मसालों का इस्तेमाल किया जाता है। इस स्वादिष्ट व्यंजन को बनाने के लिए पहले हरी मिर्च, प्याज, अदरक, हल्दी, काली मिर्च और तेज पत्तों का मिश्रण बनाया जाता है, जिसके बाद मांस के छोटे-छोटे टूकड़ों के साथ तला जाता है। बाद में इसमें लाल चावल जाधो मिलाकर पकाया जाता है। अपनी पसंद के अनुसार आप इसमें पोर्क, चिकन या मछली का इस्तेमाल कर सकते हैं।
दोह-खलीहो स्टीम्ड, उबला हुआ, तला हुआ या ग्रिल्ड से लेकर मेघालय के व्यंजन पोर्क को हर तरह से पसंद करते हैं। यह स्थानीय लोगों के बीच सबसे पसंदीदा स्टेपल में से एक है। दोह-खलीह एक और पोर्क डिश है जो कीमा बनाया हुआ सूअर का मांस, हरी मिर्च और प्याज से बना एक प्रकार का सलाद है। यह एक करी-लोडेड डिश है जिसे आमतौर पर ब्रेड के साथ परोसा जाता है। इसके अलावा, उबला हुआ सूअर का मांस प्याज, मिर्च, मसाले, तीखे स्टॉक और नमक के साथ पोषण प्रोफ़ाइल और उत्साह को बढ़ाने के लिए पकाया जाता है।
नखम बितची नखम बितची मेघालय के घरों में बनने वाला एक स्पेशल सूप है, जिसे भोजन से पहले लिया जाता है। अकसर इसे मेहमानों की सेवा के लिए परोसा जाता है। नखम एक विशेष प्रकार की सूखी मछली होती है, जिसे सूरज की धूप में सुखाया जाता है। सूप बनाने के लिए इसे पहले तलकर और फिर पानी में उबाला जाता है। सूखी मछली को उबालने के बाद इसे स्वादिष्ट बनाने के लिए इसमें बहुत सारी मिर्च और काली मिर्च के साथ पकाया जाता है।
पुदोह उबले हुए चावल और सूअर के मांस से तैयार, इस व्यंजन में स्थानीय जड़ी-बूटियों और मसालों के बहुत ही अनोखे और पौष्टिक स्वाद होते हैं जो आपको और अधिक के लिए आ सकते हैं। उबले हुए चावल को सूअर के मांस के टुकड़ों के साथ उबाला जाता है ताकि सबसे अच्छा स्वाद मिल सके। यह करी-आधारित व्यंजन आमतौर पर शादियों जैसे विशेष अवसरों पर परोसा जाता है।
तुंगरीमबेई इस डिश का मुख्य इस्तेमाल ब्रेकफास्ट के तौर पर किया जाता है और इसको बनाने के लिए सोयाबीन की सहायता ली जाती है, यह सोयाबीन किसी दूसरी जगह से खरीदी हुई नहीं होती है, बल्कि मेघालय के लोगों के द्वारा खुद से ही उगाई जाती है। आपने कई बार खमीर जैसा पदार्थ खाया होगा, इसका स्वाद भी बिल्कुल वैसा ही होता है।
मिनिल सोंगा इस डिश को मेघालय सोंगा के नाम से भी जाना जाता है, आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मेघालय में गारो, खासी और जयंतिया नाम की जनजातियां भी पाई जाती है। जिनमें से मेघालय की गारो जनजाति इस डिश को बनाने में महारत हासिल किए हुए हैं। सलाद और चावल के साथ तेल में भूनने के बाद में इस डिश को मसाला और मिर्ची के साथ सर्व किया जाता है।इसके साथ ही इसके स्वास्थ्यगत फायदे भी है जैसे कि यह अपच जैसी समस्याओं को दूर कर डाइजेशन को बढ़ाती है।
पुखलीन चीनी की चाशनी के साथ पाउडर चावल जो गुड़ को पिघलाकर तैयार किया जाता है, पुखलीन एक प्रकार का मीठा व्यंजन है जिसे बिना किसी दोष के भोजन के बाद खाया जा सकता है क्योंकि यह काफी स्वस्थ है। चावल और गुड़ के मिश्रण से एक गाढ़ा पेस्ट तैयार किया जाता है जिसे आगे सुनहरा भूरा और कुरकुरा होने तक तल लिया जाता है। यह पेनकेक्स की तरह दिखता है और डीप-फ्राइंग की तकनीक से तैयार किया जाता है। टॉपिंग के रूप में पिसे हुए पिस्ता के साथ, इस व्यंजन का हर टुकड़ा शुद्ध आनंद है!
कयाट हालांकि यह एक फ़ूड नहीं बल्कि एक पेय पदार्थ होता है, जिसको मुख्यतया पार्टी ड्रिंक के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इसके निर्माण में भी चावल के एक यूनिक फ्लेवर का इस्तेमाल किया जाता है, चावल को पानी और कई स्थानीय क्षेत्रों में उगाए जाने वाले पदार्थों के साथ मिलाकर गर्म किया जाता है और उसे गर्म करने के बाद उसके रस के साथ मीठा मिलाकर सर्व किया जाता है। इस पेय पदार्थ की एक और खास विशेषता यह है कि इसको परोसने के लिए जिस बर्तन का इस्तेमाल किया जाता है वह भी बहुत ही यूनिक होता है और लोगों के द्वारा हाथों से बनाया हुआ होता है। आपको बता दें कि यह पेय पदार्थ मेघालय में आने वाले अंतर्राष्ट्रीय टूरिस्टरों के द्वारा सर्वाधिक इस्तेमाल किया जाता है, इसी कारण इसको पेय पदार्थ होते हुए भी लोकप्रिय स्ट्रीट फूड में गिना जाता है।