दुनियाभर में चर्चा का विषय बनती हैं भारत के इन मस्जिदों की खूबसूरती, जरूर करें इनका दीदार

भारत को दुनियाभर में अपनी अनोखी कलाकृति, भव्यता और खूबसूरत इमारतों के लिए जाना जाता हैं जहां आपको एक से बढ़कर एक इमारतों का विहंगम दृश्य देखने को मिलता हैं। यही कारण हैं कि दुनियाभर से विदेशी सैलानी यहां पर्यटन के लिए पहुंचते हैं। इन्हीं सुंदर इमारतों में से कुछ यहां की मस्जिदें भी हैं जिनकी खूबसूरती की चर्चा दुनियाभर में की जाती हैं। देशभर में कई मस्जिदें ऐसी हैं, जो पुराने वास्तुशिल्प और कला को बेहद खूबसूरती से बयां करती हैं। आज इस कड़ी में हम आपको देश की कुछ ऐसी ही खूबसूरत मस्जिदों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनकी वास्तुकला आपको चकित कर देगी। आइये जानते हैं इनके बारे में:

ताज-उल-मस्जिद, भोपाल

हिंदुस्तान की सबसे बड़ी मस्जिद ताज-उल-मस्जिद करीब 141 साल के लंबे समय में कई हिस्सों में बन कर तैयार हुई। यह एशिया के सबसे बड़ी मस्जिदों में से भी एक है। मुग़ल बादशाह बहादुर शाह ज़फर के दौर में नवाब सैयद सिद्दीक़ हसन ख़ान की पत्नी शाह जहाँ बेग़म ने इसका निर्माण शुरू करवाया था। इसके बाद उनकी बेटी सुल्तान जहान बेग़म ने इस काम को आगे बढ़ाया। पहले 1844 से 1860 ईस्वी तक फिर 1868 से 1901 ईस्वी के बीच इसका निर्माण हुआ। लेकिन बजट की कमी की वजह से काम रुक गया। ऊपर वाले को कुछ और ही मंज़ूर था। 1971 में अल्लामा मोहमद इमरान ख़ान नदवी अज़हरी और सईद हस्मत अली शाह ने इसका निर्माण दुबारा शुरू करवाया। यह काम 1985 में पूरा हुआ।

जामा मस्जिद, दिल्ली

जामा मस्जिद भारत और दुनिया में बहुत प्रसिद्ध मस्जिदों में से एक है। इस मस्जिद का असल नाम मस्जिद ए जहान नुमा है। 1956 में शाहजहां द्वारा निर्मित, इस मस्जिद में लगभग 25,000 व्यक्तियों को समायोजित करने की क्षमता है। लाल बलुआ पत्थर और संगमरमर से बनी मीनार 135 फीट ऊंची है जो इसे भारत की सबसे बड़ी मस्जिद बनाती है। इस मस्जिद के निर्माण में करीब 10 लाख रुपये खर्च किए गए थे। लाल पत्थरों और सफेद मार्बल से मस्जिद तैयार कराई गई थी।

जामा मस्जिद, आगरा

मुगल बादशाह शाहजहां ने अपने दौर में निर्माण कार्यों पर खूब ध्यान दिया। उसी का एक उदाहरण आगरा की जामा मस्जिद है। शाहजहां ने अपने बड़ी बेटी जहान आरा की याद में 1648 ईस्वी में इस मस्जिद का निर्माण करवाया था। इस मस्जिद को'जामी मस्जिद' भी कहते हैं। मस्जिद की पश्चिमी दीवार की मेहराबें निहायत ही खूबसूरत हैं। इस मस्जिद के दिलकश नज़ारे की वजह से ही इसकी तुलना सातवें आसमान पर मौजूद मोतियों और माणिक से बनी मस्जिद 'बैतुल-मामूर' से की जाती है।

मक्का मस्जिद, हैदराबाद

भारत की सबसे पुरानी और सबसे बड़ी मस्जिदों में से एक, मक्का मस्जिद 1694 में मक्का से निर्यात की गई मिट्टी और ईंटों से बनी है। 75 फीट ऊंची मस्जिद में एक समय में 10,000 लोगों को समायोजित करने की क्षमता है। मस्जिद चौमहल्ला पैलेस, लाड बाजार और चारमीनार के ऐतिहासिक स्थलों के पास स्थित है। इसका निर्माण सुल्तान मुहम्मद कुली कुतुब शाह ने कराया था। इस मस्जिद में एक वक्त में बीस हजार लोग नमाज अदा कर सकते हैं।

जामा मस्जिद, अहमदाबाद

इस मस्जिद का उद्घाटन 4 जनवरी 1424 ईस्वी को गुजरात सलतनत के पहले सुल्तान अहमद शाह ने किया था। मस्जिद का निर्माण भी सुल्तान अहमद शाह की ख़्वाहिश पर किया गया था। इसके गुंबद कमल की पंखुड़ियों की तरह हैं। मस्जिद के पश्चिमी हिस्से में अहमद शाह, उनके बेटे और पोतों की क़ब्र है। 1819 ईस्वी में आए भूकंप में इस मस्जिद को बहुत नुकसान पहुंचा था। मस्जिद की दोनों बड़ी मीनार इस भूकंप में गिर गई थी। इस मस्जिद को 'जुमा मस्जिद' भी कहते हैं।

जुम्मा मस्जिद, बैंगलोर

जुम्मा मस्जिद सफेद रंग के खूबसूरत पत्थरों से निर्मित है, जिसे 1790 में टीपू सुल्तान को समर्पित कर बनवाया गया था। यहां रमजान के महीने में लाखों लोग मन्नत मांगने आते हैं, जिसकी काफी मान्यता है। आप रमजान के महीने में यहां का प्लान बना सकते हैं।

जामिया मस्जिद, श्रीनगर

श्रीनगर के पुराने इलाक़े नौहट्टा में बनी यह मस्जिद आपको दूर से कोई बौद्ध इमारत लगेगी। जामिया मस्जिद का निर्माण 1394 से 1402 ईस्वी के बीच सुल्तान सिकंदर के ज़माने में हुआ था। यह मस्जिद श्रीनगर के सबसे मशहूर पर्यटन स्थल में से एक है। जामिया मस्जिद बीते कई सालों में कश्मीर के राजनीति के केंद्र में रही है। कश्मीर के तराल इलाक़े में होने वाली राजनीतिक गतिविधियों में भी कहीं न कहीं इस मस्जिद का योगदान होता है।