मध्यप्रदेश की भव्य ऐतिहासिक झलक को दर्शाते हैं यहां के किले, जानें इनके बारे में

मध्यप्रदेश को भारत के “दिल या हृदयप्रदेश” के रूप में जाना जाता हैं। मध्यप्रदेश की संस्कृति, विरासत, इतिहास की भव्य झलक देखने को मिलती हैं यहां के किलो में जिनका निर्माण कई सैलून पहले किया गया हैं और हर किले से जुड़ी एक अनोखी कहानी हैं। इन किलों की वास्तुकला और ऐतिहासिक झलक सभी को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। आज इस कड़ी में हम आपके लिए मध्यप्रदेश की भव्य ऐतिहासिक झलक दर्शाने वाले किलो की जानकारी लेकर आए हैं जो पर्यटन के लिहाज से बेहतरीन ऑप्शन साबित हो सकता हैं। तो आइये जानते हैं मध्यप्रदेश के किलों के बारे में।

ओरछा किला

ओरछा का किला मध्य प्रदेश में झाँसी से 16 की किमी दूरी पर, बेतवा नदी के द्वीप पर स्थित एक प्रसिद्ध किला है। फेमस फोर्ट ऑफ़ मध्यप्रदेश की लिस्ट में शामिल ओरछा फोर्ट का निर्माण 16 वीं शताब्दी में बुंदेला राजवंश के राजा रुद्र प्रताप सिंह द्वारा बनवाया गया था। इस किले का मुख्य आकर्षण राजा महल है, जो जटिल वास्तुकला प्रदर्शित करता है। इस फोर्ट में राजा महल के साथ साथ पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए शीश महल,, फूल बाग, राय प्रवीण महल और जहाँगीर महल जैसे कई आकर्षण स्थित है, जो इस किले के आकर्षण में चार चाँद लगाने के कार्य करते हैं। जबकि किला का एक भाग राम राजा मंदिर में परिवर्तित हो गया, यह मंदिर देश का एकमात्र ऐसा स्थान है जहाँ भगवान राम को राजा राम के रूप में पूजा जाता है। यह फोर्ट टूरिस्ट के साथ साथ हिस्ट्री और आर्किटेक्चर लवर्स के घूमने के लिए भी मध्यप्रदेश का परफेक्ट स्पॉट है जो हर साल हजारों टूरिस्टों को अपनी तरफ अट्रेक्ट करता है।

बांधवगढ़ किला

मध्य प्रदेश के प्रमुख किले में से एक के रूप में जाना जाने वाला बांधवगढ़ किला मध्य प्रदेश के उमरिया जिले के बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान के केंद्र में समुद्र तल से 811 मीटर ऊपर बांधवगढ़ पहाड़ी पर स्थित है। यह किला कई छोटी पहाड़ियों से घिरा हुआ है जो धीरे-धीरे ढलान वाली घाटियों से अलग होती हैं। ये घाटियाँ छोटे, दलदली घास के मैदानों में समाप्त होती हैं, जिन्हें स्थानीय रूप से ‘बोहेरा’ के नाम से जाना जाता है। किला भारत में गिद्धों की कई लुप्तप्राय प्रजातियों का घर भी है जिन्हें आप इस किले की यात्रा में देख सकते है। इस किले के निर्माण से जुड़ी एक लोकप्रिय किवदंती यह भी है की इस किले का निर्माण दो बंदरों द्वारा बनाया गया था, और लक्ष्मण को उपहार के रूप में प्रस्तुत किया गया था। आप जब भी यहाँ आयेंगे किले की दीवारें पर दशावतार रूप में भगवान विष्णु की सुशोभित कई मूर्तियों को भी देख सकेगें हैं।

दतिया का किला

मध्य प्रदेश के सबसे अधिक घूमें जाने वाले किले में से एक दतिया का किला मध्य प्रदेश की सीमा पर स्थित एक प्रसिद्ध किला और लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। बता दे इस किले को दतिया महल या दतिया पैलेस के नाम से भी जाना जाता है। इस ऐतिहासिक महल को विशेष रूप से राजा बीर सिंह देव द्वारा मुगल सम्राट जहांगीर के स्वागत के लिए बनाया गया था। ऐतिहासिक अभिलेख बताते हैं कि वो जहांगीर ही था, जिसने बीर सिंह देव को दतिया का शासक बनाया। उन्होंने अपने पूरे जीवन में बीर सिंह के साथ अपनी अच्छी दोस्ती निभाई, इसलिए यह किला बीर सिंह देव और जहांगीर की दोस्ती का गवाह है।

ग्वालियर का किला

मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में एक पहाड़ी पर स्थित ग्वालियर फोर्ट या ग्वालियर का किला मध्य प्रदेश का सबसे प्रमुख किला है जिसे 8 वीं शताब्दी में बनाया गया था। बता दे ग्वालियर का किला भारत के सबसे बड़े और महत्वपूर्ण किले में से एक है जिसे भारत का “जिब्राल्टर” भी कहा जाता है। ग्वालियर का किला का ऐतिहासिक महत्त्व भी काफी जाड्या है जो इतिहास प्रेमियों और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इस किले के अन्दर मन मंदिर, गुजरी महल, पानी के टैंक, कर्ण, जहागीर जैसी कई संरचनायें है जिन्हें पर्यटक देख सकते है। यकीन माने किले की भव्यता देखकर आप मत्रमुग्ध हो उठेगें इनके अलावा किले से कई रोचक तथ्य भी जुड़े हुए जिन्हें आप यहाँ जान सकेगें।

मदन महल किला

जबलपुर में एक पहाड़ी के ऊपर स्थित, मदन महल किला मध्य प्रदेश का प्रसिद्ध किला है। इस शानदार भव्य मदन महल किले का निर्माण एक गोंड शासक राजा मदन शाह ने सन 1116 के दौरान करबाया था। बता दे यह किला अपने ऐतिहासिक महत्व के साथ साथ शहर का मनोरम दृश्य प्रस्तुत करने के लिए जाना जाता है। मध्य प्रदेश के सबसे अधिक घूमें जाने वाले किले में से एक के रूप में जाने जाना वाले इस किले की यात्रा पर जब आप आएंगे तो इस अद्भुद संरचना को देखने के साथ साथ यहाँ से जबलपुर शहर के सुन्दर नजारों को देख सकते है जिन्हें देखने के लिए दूर दूर से पर्यटक यहाँ आते है।

चंदेरी किला

मध्य प्रदेश राज्य में बेतवा नदी के पास एक पहाड़ी के ऊपर स्थित चंदेरी किला म।प्र। का प्रसिद्ध और ऐतिहासिक किला है जिसका उल्लेख महाभारत के महाकाव्य में भी पाया जा सकता है जब इस क्षेत्र पर राजा शिशुपाल का शासन था। मालवा और बुंदेलखंड की सीमाओं में फैला यह किला हरे-भरे जंगलों, शांत झीलों और राजपूतों और सुल्तानों के कई पड़ोसी स्मारकों के बीच स्थित है। बता दे तीन अलंकृत द्वार किले के प्रवेश द्वार की रक्षा करते हैं, जिसके मुख्य द्वार ‘खूनी दरवाजा’ के नाम से जाना जाता है। शहर से 71 मीटर ऊपर एक पहाड़ी पर स्थित यह किला अपने ऐतिहासिक महत्व के अलावा सुन्दर परिदृश्यो के लिए फेमस है जिन्हें आप मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध किले में शुमार चंदेरी किला की यात्रा में देख सकते है।

मांडू का किला

मांडू का किला मध्य प्रदेश के धार जिले में मांडव क्षेत्र में स्थित एक ऐतिहासिक किला हैं। मांडू का किला मांडू का एक बहुत ही प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है जिसे जहाज महल और मांडू महल के नाम से भी जाना जाता है। यह महल बाज बहादुर और रानी रूपमती के अमर प्रेम का प्रतीक है। मांडू का किला एक जहाज के आकार का हैं जोकि प्राचीन समय में मानव द्वारा बनाए गए दो तालाबो के बीच में निर्मित किया गया है। इस किले पर शासन करने वाले पहले इस्लामिक सुल्तान होशंगशाह गौरी थे जिन्होंने 1406-1435 के दौरान यहाँ शासन किया था। मांडू के किले की आकर्षित संरचना और ऐतिहासिक महत्व पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं जबकि नर्मदा नदी के तट पर बसे होने की वजह से इसका आकर्षण और अधिक बढ़ जाता हैं।