भारत के विभिन्न प्रदेशों में से एक हैं उत्तरप्रदेश जो कि देश में सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला राज्य हैं। वर्तमान में उत्तरप्रदेश में चुनावी माहौल हैं जिसका परिणाम 10 मार्च को सभी के सामने आ जाएगा। इस चुनावी माहौल में आप भी उत्तरप्रदेश घूमने जा रहे हैं या इसके बाद जाने का प्लान बना रहे हैं तो आज हम आपके लिए यहां के कुछ प्रसिद्द व्यंजनों की जानकारी लेकर आए हैं जिनमें से कुछ मीठे हैं तो कुछ चटपटे। इन व्यंजनों का स्वाद आपको सिर्फ उत्तरप्रदेश में ही देखने को मिलेगा। ये व्यंजन ऐसे हैं कि इनके बारे में जानने मात्र से ही आपके मुंह में पानी आ जाएगा। तो जब भी कभी उत्तरप्रदेश घूमने जाए तो इन व्यंजनों का स्वाद जरूर लें।
टुंडे कबाबमुगलिया खाने की पहचान लखनऊ के टुंडे कबाब यूं तो पूरी दुनिया में फेमस है। नॉनवेज खाने के शौकीनों में जितनी शोहरत टुंडे कबाब ने पाई है उतनी हैदराबादी बिरयानी या किसी अन्य व्यंजन ने नहीं। लखनऊ के लजीज टुंडे को खाने लोग दूर-दूर से आते हैं। राजधानी में टुंडे कबाब की सबसे पुरानी दुकान चौक के अकबरी गेट के पास एक गली में है। इसमें बड़े (भैंस) और छोटे (बकरे) के गोश्त का इस्तेमाल होता है। इसमें कई तरह की जड़ी बूटियों के साथ ही 135 तरह के मसालों का इस्तेमाल होता है। इसे गिलावटी कबाब भी कहा जाता है।
निमोनापश्चिमी उत्तर प्रदेश की एक बहुत प्रचलित डिश है जो सर्दियों में लगभग हर घर में बनती है। सर्दियों में इसलिए क्योंकि इस समय अच्छी और ताज़ी हरी मटर काफी मात्रा में मिलती है। इसमें मटर को दरदरा पीसकर उसे टमाटर और मसालों के साथ पकाया जाता है। मसालों की तीखापन, मटर की मिठास को बहुत अच्छी तरह से बैलेंस करता है। कई बार इसमें तले हुए आलू या दाल की वड़ियां भी मिलाई जाती हैं।
मलाई की गिलौरीलखनऊ के सिर्फ कबाब और बिरयानी ही नहीं, मलाई की गिलौरी भी बेहद खास होती है। ये एक अनोखी मिठाई है जो दूध की मलाई से बनती है। इसमें दूध की मोटी मलाई को उतारकर उसमें खोए, मेवे और मिश्री की फिलिंग भरी जाती है और फिर उसे पान की गिलौरी की तरह मोड़ दिया जाता है। ये अपनी तरह की अनोखी मिठाई है, जिसका स्वाद बाकी सभी मिठाइयों से बिल्कुल अलग और अनोखा होता है।
फराये एक बहुत हेल्दी और फिलिंग स्नैक है, जिसे यूपी और बिहार के कई हिस्सों में खाया जाता है। दाल, मसालों और आटे से बनी ये डिश अपने आपमें एक कंप्लीट मील है। उड़द की दाल को अदरक, लहसुन और मसालों के साथ पीसकर इसे गेंहू के आटे या चावल के आटे में भरकर गुझिया जैसा आकार दिया जाता है और फिर भाप में पकाया जाता है। कभी-कभी इसे भाप में पकाने के बाद छोटे टुकड़ों में काटकर फ्राई भी किया जाता है।
आगरा के पेठेताजनगरी आगरा पेठे के लिए फेमस है। दुनियाभर से ताज का दीदार करने आने वाले लोग यहां के पेठे का आनंद लेना नहीं भूलते। आगरा में पेठे की ढेरों वरायटी मिलती है जैसे- सूखा पेठा, अंगूरी पेठा, पान पेठा, केसर पेठा, सैंडविच पेठा, नारियल पेठा आदि। बिना ताज के दीदार के जिस तरह अगरा की यात्रा अधूर है, उसी तरह बिना यहां के पेठा खाए आगरा जाना व्यर्थ है।
कीमा पुलावबिरयानी तो आपने देश के अलग-अलग कोनों में कई तरह की खाई होगी, लेकिन कीमा पुलाव के बारे में आपने शायद ही सुना हो। ये डिश अवधी शासकों की देन है। कहा जाता है कि किसी बुज़ुर्ग राजा को बिरयानी का मीट खाने में दिक्कत होती थी तो उनके खानसामे ने कीमा पुलाव बना डाला। इसमें चिकेन या मटन पीसेज़ की जगह कीमा का इस्तेमाल होता है और ये बिरयानी के मुकाबले कम मसालेदार होता है। इसमें दही, देसी घी और मलाई का काफी मात्रा में इस्तेमाल होता है।
दाल का दूल्हाइसका नाम जितना ही अतरंगी है, उतनी ही ये खाने में टेस्टी और बनाने में आसान है। OPOS यानि कि वन पॉट वन शॉट (खाना बनाने की एक ऐसी तकनीक जिसमें एक ही बर्तन में और एक ही बार में पूरा खाना बनाया जाता है) की तर्ज पर बनने वाली ये डिश मूल रूप से दाल-रोटी ही है लेकिन एक अलग अवतार में। इसमें आटे की छोटी-छोटी रोटियां बनाकर उन्हें फूल का आकार दिया जाता है और फिर इसे अरहर की दाल के साथ उबाला जाता है। अंत में इसमें देसी घी, जीरे और हींग का तड़का लगाया जाता है।
बरसोलाबहराइच का मशहूर मिष्ठान है यहां का बरसोला जो कि दूर-दूर तक प्रसिद्ध है। बरसोला बनाने से पूर्व चीनी से चाशनी तैयार की जाती है। इसे तैयार करने में करीब दो घंटे लगते हैं फिर ठंडा किया जाता है। ठंडा होने के बाद लकड़ी में बांध खींच कर इसे काटने लायक तैयार किया जाता है। यह मिठाई सिर्फ बहराइच में ही बनती है और दूसरे शहरों में भेजी जाती है। बरसोले कि सबसे बड़ी ख़ासियत यही है कि बहराइच में बनने वाले बरसोले का वजन 1 से लेकर 5 किलो तक के होते हैं, जो देखने में वजनदार लेकिन खाने में बड़े घुलनशील होते हैं। गर्मी के मौसम में लोग इसे खाकर पानी पीने में इस्तेमाल करते हैं।