पुरी में देखने को मिलता है विभिन्न स्वाद का मिश्रण, जाएं तो जरूर उठाएं इन स्थानीय भोजन का लुत्फ़

भारत ने खानपान के मामले में महारथ हासिल की हुई है। यहाँ हर थोड़ी दूर चलने पर खानपान का तरीका तो छोड़िए खाना बनाने की विधि तक बदल जाती है। भारत के हर पर्यटन स्थल पर आपको भोजन का अलग जायका देखने को मिल जाएगा फिर वह चाहे कोई हिल स्टेशन हो या धार्मिक स्थल। आज इस कड़ी में हम बात करने जा रहे हैं भारत के प्रमुख चार-तीर्थ स्थलों में से एक ओडिशा में स्थित पुरी की। यह अपनी वास्तुकला, मंदिरों और प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। लेकिन इसी के साथ ही पुरी को अपने स्थानीय भोजन के लिए भी जाना जाता हैं। यहां आपको मीठे, तीखे, खट्टे स्वादों का मिश्रण देखने को मिलेगा। हम आपको यहां पुरी के प्रसिद्द स्थानीय भोजन की जानकारी देने जा रहे हैं जिनका स्वाद आपको जरूर लेना चाहिए। आइये जानते हैं इन व्यंजनों के बारे में...

खिचडी

खिचड़ी बहुत आम व्यंजन है, जो भारत के लगभग हर राज्यों में और सभी घरों में आम रूप से बनते हैं। लेकिन, पुरी में खिचड़ी प्रमुख व्यंजन है क्योंकि यहां पर भगवान जगन्नाथ को खिचड़ी का ही भोग लगाया जाता है। यहां पर खिचड़ी को शुद्ध घी में चावल, दाल और साग सब्जियों को मिलाकर पकाया जाता है, जो अद्वितीय स्वाद लाता है। यही कारण है कि यहां पर खिचड़ी का स्वाद आपको अन्य जगह की तुलना में काफी अलग-अलग सकता है।

एंडुरी पीठा
भारत में बनने वाली ज्यादातर मिठाइयों में नारियल का खूब इस्तेमाल किया जाता है और पुरी में भी इसका खूब प्रयोग किया जाता है। एंडुरी पीठा बनाने के लिए भुने हुए नारियल में गुड़ और कुछ मसालों मिलाए जाते हैं। जिसके बाद उसको हल्दी के पत्तों में लपेटकर भाप में पकाया जाता है। पीठा बनाने के पारंपरिक तरीकों की वजह से इसका स्वाद बना रहता है। खाने में ये डिश बेहद स्वादिष्ट होती है। खास बात ये भी है कि ओडिशा के जगन्नाथ मंदिर में चढ़ाए जाने वाले तमाम तरह के पीठा में एंडुरी पीठा भी शामिल होता है।

चुंगडी मलाई

यदि आप उड़ीसा के आसपास के किसी राज्य से हैं या उड़ीसा के रहने वाले हैं, तब तो आपने इस व्यंजन का नाम सुना ही होगा लेकिन यदि आप किसी अन्य दूर राज्य से हैं तो शायद यह व्यंजन आपके लिए अलग स्वाद का अनुभव होगा। यह व्यंजन ना केवल पुरी में बल्कि उड़ीसा का एक लोकप्रिय व्यंजन है। यह एक तरह का मलाईदार करी होता है जिसे नारियल के दूध से बनाया जाता है और इसमें अद्वितीय स्वाद लाने के लिए कई प्रकार के मसाले भी ऐड किए जाते हैं और फिर इस करी को चावल के साथ परोसा जाता है।

बड़ी चूरी

पुरी में बड़ी उतनी ही महत्वपूर्ण है जितना कि बाकी देश में उपमा। इस शानदार डिश को दो भागों में बनाया जाता है। सबसे पहले लाल मसूर की दाल को धूप में सुखाया जाता है जिसके बाद उसके छोटे छोटे डंपलिंग बनाकर धीमी आंच पर फ्राई किया जाता है। फ्राई किए जाने के बाद इन्हें क्रश किया जाता है। जिसके बाद इसको कटे हुए प्याज, लहसुन, लौंग और हरी मिर्च के साथ मिला दिया जाता है। इस डिश का सबसे उम्दा स्वाद लेने के लिए आपको इसको चावल के साथ खाना चाहिए। ओडिशा के सबसे पारंपरिक व्यंजनों में शुमार इस डिश को आपको जरूर चखना चाहिए।

मचा घांत

यदि आप मांसाहारी खाने के शौकीन हैं, तो आप उड़ीसा में इस स्वादिष्ट और लाजवाब व्यंजन के स्वाद का आनंद ले सकते हैं। यह मछली से तैयार लोकप्रिय और उड़ीसा में साधारण रुप से बनने वाला व्यंजन है। प्याज, आलू, लहसुन और अन्य कई प्रकार के मसालों के मिश्रण से तैयार ग्रेवी में तली हुई मछली डालकर व्यंजन को तैयार किया जाता है।

छेना पोडा

छेना पोड़ा उड़ीसा के हर एक नुक्कड़ और कोने में बेचा जाने वाला मिठाई है जो विशेष रुप से जगन्नाथ मंदिर में भोग लगाने के लिए भी उपयोग किया जाता है। माना जाता है यह भगवान जगन्नाथ की पसंदीदा मिठाई भी है यही कारण है कि यहां पर यह मिठाई बहुत अत्यधिक मात्रा में बिकती है। उड़ीसा का यह एक स्थानीय मिठाई है, जिसे दूध से बनाए गए छेना,सूजी और चीनी इत्यादि को भूनकर बनाया जाता है। इसे बनाने में काफी समय लगता है क्योंकि इन सभी मिश्रण को तब तक भूंजा जाता है जब तक की यह लाल ना हो जाए।

बेसरा

बेसरा को आप ओडिशा की पारंपरिक मिक्सड वेजिटेबल के रूप में समझ सकते हैं। इस डिश को बनाने में आलू, सीताफल, केला और पपीते का खूब इस्तेमाल किया जाता है। सबसे पहले सब्जियों को काटकर इन्हें प्याज, लहसुन, जीरा, सूखी मिर्च और सरसों के साथ सुनहरा होने तल भूना जाता है। वैसे देखा जाए तो ये सभी मसाले ओडिशा के लगभग सभी व्यंजनों ने इस्तेमाल किए जाते हैं। सब्जियों के अच्छे से पक जाने के बाद ऊपर से धनिया डालकर खाया जाता है। ये डिश बनाने और खाने दोनों में बढ़िया लगती है।

कनिका
कनिका उड़ीसा में विशेष रूप से परोसा जाने वाला एक मीठा पुलाव है। इसे भगवान जगन्नाथ के 56 भोग में से एक माना जाता है। इस भोजन को उड़ीसा में चिकन या मटन करी के साथ परोसा जाता है।

पखला भाटा

गर्मियों के दौरान पुरी की यात्रा करते समय ठंडक का आनंद लेने के लिए पखला भाटा व्यंजन का स्वाद ले सकते हैं जिसे उड़ीसा के लगभग हर घर में दैनिक रूप से बनाया जाता है। इसे पके हुए चावल और दही को साथ में कई घंटों तक भिगोकर छोड़ दिया जाता है और फिर यह व्यंजन तैयार होता है जिसे तली हुई मछली, आलू, पापड़ जैसी चीजों के साथ परोसा जाता है।

दालमा

ये डिश असल में एक तरह की करी है जिसको तूर दाल, चना दाल, कद्दू, आलू, बैगन और तरह तरह की अन्य सब्जियों को मिलाकर बनाया जाता है। इसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा है नारियल जो इस डिश में जान डाल देता है। दालमा को आप वैसे तो रोटी के साथ भी खा सकते हैं लेकिन यदि आप ओडिशा में चलने वाले तरीके से चलना चाहते हैं तो आपको इसको चावल के साथ खाना चाहिए। दालमा एक तरह से उडिया लोगों की भाषा में दाल का एक रूप है जिसको घर घर में पसंद किया जाता है। पुरी की ये डिश ना केवल बनाने में बेहद आसान है लेकिन पौष्टिक गुणों से भी भरपूर है।

सनतुला

सनतुला हरि सब्जियों को उबालकर बनाया जाने वाला एक सब्जी है। इस सब्जी में आलू, कच्चे पपीते, टमाटर, बैंगन से लेकर अन्य कई प्रकार के सब्जियों का मिश्रण होता है जिस कारण यह काफी पोस्टिक सब्जी होता है और इसके स्वाद भी काफी लाजवाब होते हैं। इस सब्जी को कम तेल और कम मसालों के साथ तैयार किया जाता है।

खाजा

यदि आप पुरी में हैं और खाजा नहीं खाया तो आप पुरी की सबसे मजेदार डिश खाने से चूक गए हैं। खाजा एक तरह की मीठी डिश है। जिसको बनाने के लिए मैदा और चीनी का इस्तेमाल किया जाता है। मैदा में चीनी मिलाकर उसकी तमाम परतें बना दी जाती हैं। बाद में इसको हल्का फ्राई कर दिया जाता है। ओडिशा के पुरी में जगन्नाथ मंदिर में चढ़ाई जाने वाली सभी चीजों में खाजा भी काफी महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसके अलावा पुरी आने वाले बंगाली टूरिस्टों के बीच भी इस डिश को खूब पसंद किया जाता है।