परिवार के साथ बनाएं इस जगह पर घूमने का प्लान, कहा जाता है भारत का स्विट्जरलैंड

उत्तराखंड में हिमालय की वादियों के बीच मौजूद औली का नजारा इतना दिलकश है कि इसे एक बार देखने के बाद जिंदगी भर नहीं भूला जा सकता है। सर्दियों में यहां घूमने का मजा कई गुना बढ़ जाता है। ये डेस्टिनेशन स्कीइंग के लिए भी जाना जाता है। जहां ये सर्दियों में पूरी बर्फ से ढक जाता है, वहीं गर्मी में यहां की बर्फ से घिरी चोटियां इस जगह को और भी ज्यादा खूबसूरत बना देती हैं। यहां कपास जैसी मुलायम बर्फ पड़ती है और पर्यटक खासकर बच्चे इस बर्फ में खूब खेलते हैं। औली बुग्याल के नाम से भी जाना जाता है। इसकी खूबसूरती के कारण कई लोग इसे भारत का स्विट्जरलैंड भी कहते है। प्राकृतिक और हिमालय की चोटियों का खूबसूरत नजारा, हरे-भरे जंगल और चरागाह औली को एक रंगीन रूप देते हैं। औली कई तरह की बर्फ की चोटियों और पहाड़ों का एक प्राचीन दृश्य प्रस्तुत करता है, जैसे नंदा देवी चोटी, कामेट पर्वत, चौखम्बा चोटी, त्रिशूल चोटी, हाथी पर्वत, आदि उस ट्रिप को यादगार बना देते हैं।

सर्दियों में इन बातों का रखे ध्यान

अगर सर्दियों के मौसम में औली के मनमोहक नजारों का आनंद उठाना चाहते हैं, तो इस बात का विशेष ध्यान रखें कि यहां इस मौसम में हर समय तापमान 0 डिग्री से नीचे रहता है। इसलिए अपने साथ ज्यादा से ज्यादा ऊनी कपड़े लेकर जाएं। गर्म कपड़ों में कोट, जैकेट, दस्ताने, गर्म पैंट, जुराबें और अच्छे जूते होने बहुत आवश्यक हैं। इन सबके अलावा घूमते समय सिर और कान पूरी और अच्छी तरह से ढके होने चाहिए। औली में 3048 मीटर की ऊंचाई पर चारागाह है, जिसे स्थानीय भाषा में बुग्याल कहते हैं। यहां से चारों तरफ बर्फ से ढकी हिमालय की पहाड़ियां ऐसे दिखती हैं, मानों चारों तरफ रुई बिछा दी गई हो। रात हो या दिन औली का नजारा हमेशा बेहद खूबसूरत होता है। यहां पर स्कीइंग सेंटर भी है। औली स्की के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है। साथ ही आप रॉक क्लाइम्बिंग, फॉरस्ट कैंपिंग और घुड़सवारी का भी मजा ले सकते हैं।

सबसे ऊंची आर्टिफिशियल झील

औली में दुनिया की सबसे ऊंची आर्टिफिशियल झील है। यह झील पहाड़ की ढलानों के बीच स्थित है। आसपास के रंग बिरंगे फूल इस झील की खूबसूरती को और बढ़ा देते हैं। गर्मियों में ये झील पर्यटकों के लिए हमेशा आकर्षण का केंद्र रहती है। इस झील को इसलिए बनाया गया था कि ये कम बर्फबारी के दौरान स्कीइंग या सर्दियों के खेलों के लिए बर्फ का उत्पादन कर सकते हैं, लेकिन इसके साथ-साथ ये झील औली की खूबसूरती में भी चार चांद लगाती है।

ट्रेक टू गुरसो बुग्याल

औली से लगभग तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित, यह सबसे अच्छे औली ट्रेक में से एक है, जिसका अनुभव आपको जरूर लेना चाहिए। औली के मुख्य पॉइंट से कुछ ही दूर की चढ़ाई पर, ये ट्रैक गर्मियों में हरे-भरे घास के मैदानों के आकर्षण का आनंद लेने का सबसे अच्छा समय है। लेकिन इस ट्रैक को लेकर स्थानीय लोगों द्वारा ये सलाह दी जाती है कि लोग ट्रैक जल्दी शुरू कर दें, जिससे वे आसानी से शाम तक लौट सकें।

स्कीइंग

औली में पूरे साल आपको बर्फ देखने को मिल जाएगी। औली स्कीइंग में शामिल होने के लिए परफेक्ट जगह है। चाहे आप अनुभवी स्कीयर हो या शौकिया, यहां हर तरह के लोगों के लिए कुछ न कुछ जरूर है।

रोपवे

औली रोपवे औली के प्रमुख आकर्षणों में से एक है, जो पहाड़ों का शानदार दृश्य प्रस्तुत करता है। यह एशिया में गुलमर्ग गंडोला राइड और गंगटोक की केबल कार के बाद कुल 4 km की दूरी के साथ दूसरा सबसे ऊंचा और सबसे लंबा रोपवे है। ये रोपवे जोशीमठ और औली दोनों से जुड़ा हुआ है। यहां एक राउंड ट्रिप की कीमत 500-1000 है। यहाँ चेयर लिफ्ट भी उपलब्ध है जो केवल औली से स्की-रिसॉर्ट तक जाती है, जिसकी कीमत 300 रुपए प्रति व्यक्ति है।

कैसे पहुंचे

औली पहुंचने का सबसे अच्छा तरीका है कि दिल्ली से ऋषिकेश के लिए बस ली जाए। यह रातभर की यात्रा है। ऋषिकेश से, आप या तो औली (9 घंटे) के लिए एक निजी टैक्सी ले सकते हैं या जोशीमठ (8 घंटे) तक एक साझा टैक्सी ले सकते हैं। एक और मजेदार तरीका यह होगा कि जोशीमठ तक एक साझा टैक्सी ले ली जाए और वहां से जोशीमठ से औली तक भारत में दूसरी सबसे लंबी केबल कार की सुविधा लें। यह केबल कार 16 किलोमीटर लंबी है, 22 मिनट का समय लेती है। याद रखें कि कैब / बस ऑपरेटर ऋषिकेश और जोशीमठ के बीच सड़कों पर सूर्यास्त के बाद ड्राइव नहीं करते हैं, हालांकि वह आपको डेस्टीनेशन तक पहुंचाने का वादा करते हैं लेकिन यह जोखिम भरा है।