इस मंदिर में होता है भूत- प्रेतों का इलाज

जयपुर की सीमा रेखा पर दौसा जिले में स्थित मेंहदीपुर कस्बे में बालाजी का एक अतिप्रसिद्ध तथा प्रख्यात मन्दिर है जिसे श्री मेंहदीपुर बालाजी मन्दिर के नाम से जाना जाता है। जहाँ नास्तिक भी बालाजी के चमत्कार देखकर आस्तिक बन जाते है। दो पहाडियो के बीच बालाजी का मंदिर बना हुआ है, जिसे घाटे वाले बालाजी के नाम से भी पुकारा जाता है। इस मंदिर में हनुमान जी बल रूप में विराजमान है जो अपने आप पहाड़ी के पत्थर से बने हुए है।

यह मंदिर दो पहाडिय़ों के बीच की घाटी में स्थित होने के कारण इसे घाटा मेहंदीपुर भी कहते हैं। यहां पर एक बहुत विशाल चट्टान में हनुमान जी की आकृति स्वयं ही उभर आई थी। इसी को ध्यान में रखते हुए बाद में यहाँ मंदिर का निर्माण किया गया था। इस मंदिर की मूर्ति करीब 1 हजार साल पुरानी है, लेकिन यह मंदिर 20 वीं शताब्दी में बनाया था।

कहा जाता है कि कई सालों पहले हनुमानजी और प्रेत राजा अरावली पर्वत पर प्रकट हुए थे। जहाँ बुरी आत्माओं और काले जादू से पीड़ित रोगों से छुटकारा पाने लोग यहां आते थे। इस मन्दिर को इन पीड़ाओं से मुक्ति का एकमात्र मार्ग माना जाता है। मंदिर के पंडित इन रोगों से मुक्ति के लिए कई उपचार बताते हैं। भूत प्रेत ऊपरी बाधाओं के निवारणार्थ यहां आने वालों का तांता लगा रहता है। ऐसे लोग यहां पर बिना दवा और तंत्र मंत्र के स्वस्थ हो कर लौटते हैं।