काशी टिकी है शिव के त्रिशूल पर, जाने कुछ और दिलचस्प बाते

काशी को भगवान शिव की सबसे प्रिय नगरी कहा जाता है। और काशी विश्वनाथ मंदिर होने के कारण आज ये पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है, जिसका वर्णन कई ग्रंथो, पुराणों में किया गया है, और लोगो का तो ये भी मानना है की जिसकी मृत्यु काशी में होती है उसे सीधे स्वर्ग की प्राप्ति होती है।

# त्रिशूल पर टिकी है काशी
: कई ग्रंथों में काशी को शिव की नगरी के नाम से भी पुकारा गया है। प्रलय के समय भगवान शिव ने अपना त्रिशूल टिका कर इस नगर की रक्षा की थी।

# औरंगजेब ने नष्ट कर दिया था प्राचीन काशी: ऐसा कहा गया है की जिस प्राचीन मंदिर को हम देख रहे है यह वास्तविक मंदिर नहीं है क्योकि काशी मंदिर का इतिहास कई साल पुराना है इसे औरंगजेब ने बर्बाद कर दिया था,लेकिन बाद में फिर से इस मंदिर का निर्माण करवाया गया।

# छत्र के दर्शन: मंदिर के ऊपर सोने का एक छत्र बनाया गया है और ऐसा कहा जाता है की छत्र को चुने मात्र से इंसान की साड़ी मनोकामना पूरी हो जाती है।

# मंदिर का पुनर्निर्माण: दरसल काशी विश्वनाथ मंदिर का पुननिर्माण इन्दौर की रानी अहिल्या बाई होल्कर द्वारा करवाया गया था। ऐसा मानना है की 18वीं सदी में स्वयं भगवान शिव ने अहिल्या बाई के सपने में आकर इस जगह उनका मंदिर बनवाने को कहा था।

#काशी बना वाराणसी
: यहाँ गंगा जैसी पावन नदी के अलावा वरुणा और अस्सी नदी बहने के कारण यह शहर वाराणसी के नाम से प्रसिद्ध है।