अजमेर राजस्थान का एक एतिहासिक शहर है, जो अरावली पर्वत श्रेणी की तारागढ़ पहाड़ी की ढाल पर स्थित है। अजमेर शहर राजस्थान के खूबसूरत पर्यटक स्थलों में से एक हैं और देश की टॉप ट्रैवल डेस्टिनेशन्स में से एक माना जाता हैं। अजमेर अपनी ऐतिहासिक एवं पौराणिक प्रमुख स्थलों के कारण काफी प्रसिद्ध है। अजमेर में कई ऐसे पौराणिक कलाकृतियों वाले स्थल है, जिसे देखने पर्यटक भारत के अलग-अलग हिस्सों से आया करते हैं। अजमेर हिंदुओं और मुसलमानों दोनों के लिए एक तीर्थस्थल होने के अलावा, एक ऐसा स्थल भी है जो सदियों से चली आ रही लोकाचार और शिल्प कौशल कला में पारंगत हैं। यहां की इमारतों की वास्तुकला हर किसी को आकर्षित करती हैं। तो आइए जानते हैं यहां की घूमने लायक कौन-कौन सी जगहें हैं।
सोनी जी की नसियांसोनी जी की नसिया राजस्थान का एक प्रमुख जैन मंदिर है। यह मंदिर अजमेर में पृथ्वीराज मार्ग पर स्थित हैं, इसे लाल मंदिर के रूप में भी लोग जानते हैं। इस मंदिर का मुख्य कक्ष जिसे स्वर्ण नगरी के नाम से जाना जाता है काफी आकर्षक है। यह मंदिर अजमेर के प्रसिद्ध एवं मुख्य धार्मिक स्थल के रूप में जाना जाता है। इस मंदिर की बनावट इतनी खूबसूरत एवं आकर्षक तरीके से की गई हैं, कि पर्यटक भी इसे विजिट करना चाहते हैं, वैसे आपको बता दें इस मंदिर में अक्सर श्रद्धालुओं की काफी ज्यादा भीड़ देखी जाती है।
आना सागर झीलअजमेर में स्थित है यह एक कृत्रिम झील है, जिसे पृथ्वीराज चौहान के पिता आनाजी द्वारा निर्मित किया गया था। इसीलिए इससे आनासागर झील के नाम से जाना जाता है। हालांकि समय-समय पर इस झील के चारों तरफ अन्य राजाओं के द्वारा कई सारी चीजें निर्मित की गई, जिसके कारण आज यह और भी ज्यादा आकर्षक बन गया है। जैसे 16वीं शताब्दी में मुगल बादशाह द्वारा एक बारादरी का निर्माण किया गया, जहांगीर द्वारा एक बगीचे का भी निर्माण किया करवाया गया। इस समय यहां आने वाले पर्यटक झील की सुंदरता के साथ-साथ पार्क में ठंडी हवाएं और प्राकृतिक सुंदरता का भी लुफ्त उठा सकते हैं।
अढ़ाई दिन का झोपड़ा अजमेर में स्थित अढ़ाई दिन का झोपड़ा एक ऐतिहासिक मस्जिद है। इस मस्जिद का निर्माण 1192 में मोहम्मद ग़ोरी के निर्देश पर कुतुब-उद-दीन ऐबक द्वारा करवाया गया था। इस मस्जिद में ढ़ाई दिन का उत्सव चलता है जिसकी वजह से इस मस्जिद को यह नाम दिया गया है। इस मस्जिद के निर्माण में खूबसूरत वास्तुकला का इस्तेमाल देखने को मिलता है। दूर-दूर से लोग इस मस्जिद में मत्था टेकने आते हैं।
तारागढ़ फोर्टअजमेर के प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों में से एक तारागढ़ फोर्ट का निर्माण वर्ष 1354 में किया गया था। तारागढ़ किला भारत के पर्यटक राज्य राजस्थान के अजमेर शहर की प्रभावशाली संरचनाओं में से एक है जो अपने मनोरम दृश्य के लिए दुनिया भर में जाना जाता हैं। जो पर्यटकों के लिए राजस्थान वास्तुकला का एक शानदार और उत्कृष्ट उदाहरण पेश करता है। आपको बता दे तारागढ़ किले को अजमेर की सैन्य गतिविधि के एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में इस्तेमाल किया गया था। जबकि कुछ वर्षों बाद में, अजमेर में ब्रिटिश कब्जे के दौरान, किले को एक अभयारण्य के रूप में इस्तेमाल किया जाने लगा था, जो आज अजमेर का एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल बना हुआ है।
किशनगढ़ किला किशनगढ़ जिला अजमेर का एक ऐतिहासिक एवं पौराणिक किला है। इस किले के अंदर कई स्मारक और महल देखने को मिलते हैं। यह किला अजमेर में स्थित एक सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक विरासत के रूप में स्थित है। इस किले के पास आपको एक झील भी देखने को मिल जाएंगे इन्हें विजिट करने पर्यटक यहां पर काफी अच्छे खासे मात्रा में आया करते हैं। यह पर्यटन स्थान अजमेर में घूमने का एक बेहतरीन जगह साबित होता है।
नारेली जैन मंदिरशहर क्षेत्र से दूर पहाड़ियों की प्राकृतिक सुंदरता के बीच निर्मित यह नारेली का जैन मंदिर अजमेर से लगभग 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह मंदिर जैन के दिगंबर संप्रदाय से संबंधित है। मंदिर में जैन धर्म के कई तिर्थंकरो की प्रतिमाएं स्थापित की गई है। मुख्य मंदिर में पहली मंजिल पर गुरु आदिनाथ जी की विशाल मूर्ति स्थापित है, जो 22 फीट ऊंची है। बाकी अन्य तिर्थंकरो की लघु मंदिर ऊपर की पहाड़ियों पर स्थित है। मंदिर के चारों तरफ सुंदर बगीचा भी है, जहां पर पर्यटक प्राकृतिक वातावरण के बीच कुछ देर बैठकर आराम भी कर सकते हैं। संगमरमर के पत्थर से बना हुआ है। यह मंदिर अपनी सुंदर वास्तुकला और जटिल पत्थर की नक्काशी के कारण काफी ज्यादा आकर्षक लगता है।
अजमेर शरीफ़अजमेर में ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह यहाँ के सबसे प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। इस दरगाह में हर धर्म-जाति के लोग मत्था टेकने के लिए आते हैं। कहा जाता है कि मुगल बादशाह अकबर आगरा से 437 किमी। पैदल चलकर ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर बेटा होने की दुआ माँगने आए थे। आज के समय में देश-विदेश से लोग दरगाह पर आकर मन्नत मांगते हैं और मन्नत पुअर होने के बाद चादर चढ़ाते हैं।
साईं बाबा मंदिरअजमेर के अजय नगर में पांच बीगा या दो एकड़ से अधिक के क्षेत्र में फैले हुए प्रसिद्ध साईं बाबा मंदिर का निर्माण 1999 में गरीब नवाज शहर के निवासी सुरेश लाल के द्वारा किया गया था। जो अजमेर के लोकप्रिय तीर्थ स्थलों में से एक माना जाता है, और वास्तुकला के हिसाब से अजमेर के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है, जो सभी साईं भक्तों के बीच बहुत लोकप्रिय तीर्थ स्थल बना हुआ है। आपको बता दे की मंदिर को संगमरमर के शुद्धतम रूप के साथ बनाया गया है, जिसमें पारभासी पत्थर की अनूठी गुणवत्ता देखने को मिलती है। जो तीर्थ भक्तो के साथ-साथ पर्यटकों और कला प्रेमियों को अपनी और आकर्षित करता है और अजमेर के लोकप्रिय पवित्र स्थलों में से एक है।