जब भी कभी घूमने की बात आती हैं तो ऐसी खूबसूरत जगहों को चुना जाता हैं जो बेहद मनमोहक लगे और प्राकृतिक सुंदरता का अद्भुद नजारा पेश करती हो। मॉनसून सीजन में घूमने जाना हो तो कई लोग वाटरफॉल्स का चुनाव करते हैं। प्रकृति की गोद से खूबसूरत बहते पानी की धारा को देखना हर किसी को पसंद आता हैं। मॉनसून सीजन में वाटरफॉल्स पर घूमने का अपना अलग ही मजा होता हैं। भारत में हजारों वाटरफॉल है। लेकिन आज इस कड़ी में हम आपको भारत के कुछ खूबसूरत वाटरफॉल्स की जानकारी देने जा रहे हैं जिनके आसपास के मनभावन नजारे लोगों का दिल जीत लेते है। जानिए भारत के ऐसे वाटरफॉल्स के बारे में...
दूधसागर वाटरफाल, गोवागोवा की राजधानी पणजी से करीब 60 किलोमीटर की दूरी पर है यह झरना। गोवा में स्थित यह दूधसागर फॉल एक शानदार परतदार वाटरफॉल है, जो मनडोवी नदी से बनता है। इस फॉल की ऊंचाई 1020 फीट है। झरने का पानी जब रफ्तार से नीचे गिरता है तो दूध सा सफेद दिखता है। इसी के चलते इसका नाम दूधसागर जलप्रपात पड़ा। मॉनसून के समय इसका आकर्षण बढ़ जाता है। ये भारत का सबसे ऊंचा वाटरफॉल है जबकि दुनिया में इसका नाम 227वें स्थान पर आता है। इस वाटरफॉल को ‘सी ऑफ मिल्क’ यानी दूध का समुद्र भी कहा जाता है। यह वाटरफॉल ज्यादातर हरे-भरे घने जंगलों से घिरा हुआ है।
धुआंधार झरना, मध्यप्रदेश यह स्थान मध्यप्रदेश के जबलपुर के पास भेड़ाघाट में है। यहां के वाटरफॉल को धुआंधार जल प्रपात कहते हैं जो लगभग 10 मीटर की ऊंचाई से नीचे गिरता है। यह प्रसिद्ध जल प्रपात बहुत ही सुंदर संगमरमर की दो पहाड़ियों के बीच से निकलता है। इसकी छटा अनुपम है और पानी के गिरने की आवाज दूर तक सुनाई देती है। पानी जब नीचे गिरता है तो उपर तक उझाल मारता है जिसके चलते ही इसे धुआंधार करते हैं। जहां पर यह वाटरफॉल है वहां पर सफेद संगमरमर के दो पहाड़ों के के बीच नर्मदा नदी बहती है। नर्मदा में नौका-विहार करने का रोमांच ही कुछ और है।
जोग वाटर फॉल, महाराष्ट्रजोग जल प्रपात महाराष्ट्र और कर्नाटक की सीमा पर शरावती नदी पर है। यह चार छोटे-छोटे प्रपातों राजा, राकेट, रोरर और दाम ब्लाचें से मिलकर बना है। इसका जल 250 मीटर की ऊंचाई से गिरकर बड़ा सुंदर दृश्य उपस्थित करता है। इसका एक अन्य नाम जेरसप्पा भी है। जोग जल प्रपात दक्षिण भारत का एकलौता वाटर फॉल है। यह पश्चिमी घाट की पर्वतमाला में आता है।
चित्रकूट वाटरफॉल, छत्तीसगढ़छत्तीसगढ़ में स्थित चित्रकूट वाटरफॉल देश का सबसे बड़ा और मनमोह लेने वाले झरने में से एक है। यह वाटरफॉल छत्तीसगढ़ में नियाग्रा नदी इंद्रावती में जगदलपुर के पास गिरता है। यह खूबसूरत वाटरफॉल 29 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, जबकि इसकी चौड़ाई मौसम के अनुरूप बदलती रहती है।
कुंचिकल वाटरफॉल, कर्नाटक
कुंचिकल जलप्रपात कर्नाटक के शिमोगा जिले में मस्थीकट्टे के पास निदगोडु गांव में स्थित है। इस झरने की ऊंचाई 455 मीटर (1493 फीट) है। यह भारत के सबसे ऊंचे झरनों में से एक है। कुंचिकल झरने को स्थानीय लोग कुंचिकल अब्बे के नाम से भी जानते है। वराही नदी के साथ बहने वाली अन्य कई नदियां मानसून के दौरान यहां के कई झरनों के संग मिल जाती है। इसलिए मानसून में हम कुंचिकल झरने के आसपास और कई छोटे झरने बहते देखते हैं। यहां का सबसे करीबी एयरपोर्ट बेंगलुरु है। कर्नाटक के ही शिमोगा में स्थित एक और बरकाना झरना 259 मीटर ऊंचा है। यह झरना भी सीता नदी के द्वार पश्चिमी घाट के पहाड़ों से ही नीचे गिरता है। इसी जिले में शरावती नदी द्वारा 253 मीटर की ऊंचाई पर एक झरना गिरता है जिससे जोग फॉल्स कहते हैं।
वज़हाचल वाटर फॅाल, केरलकेरल के चालकुंडी नदी से निकला वज़हाचल वाटर फॅाल चारों तरफ से घिरें घनें वन की ऊचांई से गिरा है। यह घना जंगल केरल के प्रसिद्ध वर्षा वनों के कारण है इसमें वनस्पति की 319 प्रजातियों मौजूद हैं। इस नदी में मछली की लगभग 90 प्रजातियां हैं जिसके कारण यह नदी अपनी विविधता के लिए जानी जाती है। यह वाटर फॅाल नदी से तेज पानी गिरने का कारण फेमस है इसे देखकर मानों लगता है कि इस पानी को कही जाने की जल्दी हो।
अब्बे वाटरफॉल, कर्नाटक अब्बे जल प्रपात कर्नाटक के कोडगु जिला के मुख्यालय मदिकेरी के निकट स्थित है। यह खूबसूरत जलप्रपात मदिकेरी से लगभग 5 किमी की दूरी पर है। एक निजी कॉफी बागान के भीतर यह झरना स्थित है। पर्यटक बड़ी संख्या में इस स्थान पर आते हैं। मॉनसून के दिनों में यहां की सुंदरता देखते ही बनती है।
तालकोना वाटरफॉल, आंध्र प्रदेशआंध्र प्रदेश का यह वाटरफॉल आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में श्रीवेंकटेश्वर नेशनल पार्क में स्थित है। यह वाटरफॉल तिरुमाला पर्वतश्रेणियों के शुरुआत में है। इसकी ऊंचाई 270 फीट है। तालकोना का पानी चंदन की लड़की और जड़ी-बूटियों से घिरे होने की वजह से चिकित्सा में काम आता है।
होगेनक्कल वाटरफॉल, तमिलनाडुयह खूबसूरत वॉटरफॉल तमिलनाडु के धरमपुर जिले में स्थित है, जोकि चेन्नै से 330 किलोमीटर की दूरी पर है। चेन्नै और इसके आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों के बीच यह वॉटरफॉल काफी पॉप्युलर है। लोग अकसर अपने वीकेंड ट्रिप के लिए यहां जाते हैं। इस फॉल को 'भारत का नियाग्रा फॉल' भी कहा जाता है।