Diwali 2019: दिवाली पर जरूर करें लक्ष्मी माता के इन 5 प्रसिद्द मंदिरों के दर्शन

दिवाली का त्यौंहार आने को हैं और सभी इन दिनों में अपने घर को जाते हैं और परिवार संग दिवाली मनाते हैं। ऐसे में आप परिवार संग घूमने क एली भी जा सकते हैं और उसके लिए सबसे अच्छी जगह हैं लक्ष्मी माता का मंदिर। आज हम आपके लिए देश के कुछ प्रसिद्द लक्ष्मी माता के मंदिरों (Laxmi Mata Temple) की जानकारी लेकर आए हैं जहां आप दिवाली के ख़ास मौके पर दर्शन करने जा सकते हैं। तो आइये जानते हैं इन मंदिरों के बारे में।

महालक्ष्मी मंदिर, मुंबई

महालक्ष्मी मंदिर, देवी लक्ष्मी को समर्पित एक मंदिर है। यह मुंबई (Mumbai) के लोकप्रिय मंदिरों में से एक है। हॉर्नी वेल्लार्ड की दीवार दो बार गिरने के बाद, इंजीनियर ने देवी लक्ष्मी का सपना देखा था। हैरानी की बात है कि इलाके में खोज करने पर देवी की एक मूर्ति भी मिली। इसलिए लक्ष्मी जी की प्रतिमा स्थापित की गई और एक मंदिर बनाया गया। इसके बाद ही हॉर्नी वेलार्ड परियोजना पूरी हो गई थी।

श्रीपुरम गोल्डन टेम्पल, वेल्लोर

श्रीपुरम गोल्डन टेम्पल तमिलनाडु के वेल्लोर (Vellore) में स्थित है। यह देवी लक्ष्मी को समर्पित है। यह मंदिर भारत का सबसे अनोखा मंदिर है। यह मंदिर सोने का मंदिर है। इस मंदिर श्री चक्र (पहिया) का प्रतिनिधित्व करते हुए एक तारे के आकार का रास्ता है। लक्ष्मी जी का यह मंदिर एक छोटी पहाड़ी पर स्थित है जिसे मालाकोडी कहा जाता है। श्रीपुरम भारत के सबसे बड़े मंदिरों में से एक है।

महालक्ष्मी मंदिर, कोल्हापुर

महालक्ष्मी का यह मंदिर कोल्हापुर (Kolhapur) में काफी प्रसिद्ध है। यह शक्ति पीठ हिंदुओं के लिए एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है। ऐसा माना जाता है कि भगवान विष्णु को यह क्षेत्र बेहद पंसद है क्योंकि यह उनकी पत्नी लक्ष्मी जी का निवास स्थल है। यह मंदिर कर्नाटक के चालुक्यों ने बनावाया था।

अष्टलक्ष्मी मंदिर, चेन्नई

इस मंदिर में देवी लक्ष्मी के 8 रूपों की पूजा की जाती है। यह मंदिर लक्ष्मी जी के प्रत्येक रूप को समर्पित किया गया है। लक्ष्मी और उनके पति विष्णु के मुख्य देवताओं में से, एक को धन, संतान, सफलता, समृद्धि, साहस, भोजन, ज्ञान और बहादुरी के देवी-देवताओं के मंदिरों के चारों ओर जाना पड़ता है। अष्टसक्ष्मी का यह मंदिर कोविल चेन्नई (Chennai) में इलियट समुद्र तट के पास स्थित है।

लक्ष्मी देवी मंदिर, हसन

लक्ष्मी देवी मंदिर होयसला शैली के शुरुआती मंदिरों में से एक है। इस मंदिर में कई अन्य हिन्दू देवी-देवताओं को भी स्थान दिया गया है। हासन (Hasan) में इस मंदिर की यात्रा अपनी प्राचीन और जटिल वास्तुकला के लिए बहुत जरूरी है।