हमारा देश कई राज्यों से मिलकर बना हैं। देश के इन राज्यों का सबका अपना अलग इतिहास हैं और इन्हें अपने वर्तमान स्वरुप में आने में बहुत समय लगा हैं। आज हम बात कर रहे हैं पंजाब राज्य की, जिसका वर्तमान स्वरुप 1 नवम्बर 1966 को अस्तित्व में आया। पंजाब अपनेआप में कई विशेषताएँ लिए हुए हैं, खासतौर से इसे अपनी वीरता के लिए जाना जाता हैं। आज पंजाब के स्थापना दिवस के ख़ास मौके पर हम आपको पंजाब के इतिहास के बारे में बताने जा रहे हैं। तो आइये जानते है इसके इतिहास के बारे में।
* ईसा से 800-400 वर्ष पूर्व पंजाब को त्रिगर्त कहते थे जिस पर कटोच राजा राज करते थे।
* सिन्धु घाटी सभ्यता (Indus Valley Civilization ) में भी पंजाब इलाके के शहर रूपर का जिक्र होता है।
* पंजाब किसी समय में भारत-इरानी क्षेत्र का हिस्सा रहा है।
* प्राचीन साम्राज्यों में यूनानी ,मौर्य ,कुषाण,शक ,गुप्त सहित अनेक वंशो का शासन रहा।
* मध्यकाल (Medieval Days) में यह प्रदेश मुस्लिम शासको के आधिपत्य में रहा।
* यहा गजनवी ,खिलजी,गौरी ,तुगलक ,लोदी और मुगल वंशो का अधिकार रहा।
* पंजाब में 15वी और 16वी शताब्दी में सिख धर्म (Sikh Religion) का उदय और विकास हुआ।
* पंजाब में गुरुनानक देव जी ने सिख धर्म की स्थापना की। उनके बाद यहा नौ गुरु हुए।
* गुरु अंगद ने गुरुमुखी लिपि की रचना की। गुरु रामदास ने अमृतसर शहर बसाया।
* गुरु अर्जुन देव ने आदि ग्रन्थ का संकलन कराया। गुरु गोविन्द सिंह ने सिखों को सैनिक शिक्षा दी।
* अंग्रेजो और सिखों के बीच दो युद्धों के बाद 1849 में पंजाब प्रांत ब्रिटिश शासन के आधीन हो गया।
* भारत के बंटवारे के समय पंजाब राज्य दो भागो में बंट गया पूर्वी पंजाब भारत के हिस्से में आया।
* पटियाला और पेप्सू दोनों को सम्मलित करके पंजाब राज्य का गठन किया गया।
* 1 नबम्बर 1966 को पंजाब को तीन इकाइयों में बाँट दिया गया।
* पंजाब जिसमे पंजाबी भाषी इलाके शामिल थे। हरियाणा जिसमे हिंदी भाषी जिले और खरड तहसील शामिल थी।
* चंडीगढ़ को इसकी राजधानी बनाया गया। वही पहाडी इलाको को हिमाचल प्रदेश में मिला दिया गया।