हिमाचल प्रदेश में बहुत से प्राचीन और ऐतिहासिक मंदिर है। ऐसे में आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हो हर साल रहस्यमई ढंग से बढ़ रहा है। दरमणू महादेव मंदिर हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा और मंडी सीमा के बीच तनहोटू के समीप स्तिथ है। यह शिवलिंग भोलेनाथ के सपरिवार स्थापित होने का भी आभास देता है। यह शिवलिंग जंगल के बीचो बीच स्थापित है। यहां के ग्रामीण अब दावा करने लगे हैं कि शिवलिंग के आकार में वृद्धि होती जा रही है। गांव के लोगों का कहना है कि यह शिवलिंग एक नाले के पास सिंचाई के दौरान मिला था। जिसे बीच रास्ते से हटाकर किनारे पर विधिवत रूप से स्थापित किया गया था। जब इसकी स्थापना की गई थी, तब यह छोटी पिंडी के रूप में था। लेकिन पिछले 50 सालों में इसकी लंबाई निरंतर रहस्यमई ढंग से बढ़ती ही जा रही है। वर्तमान में इसकी लंबाई 33 इंच तक हो चुकी है ऐसा लगता है कि यह दिन पर दिन बढ़ता ही जा रहा है।
इस शिवलिंग को कई बार ग्रामीणों ने नाग से लिपटा हुआ भी देखा है। ग्रामीण अक्सर यहां आकर जो भी मनोकामना भगवान से करते हैं, वह पूरी भी हो जाती है। जिसके चलते लोगों की इस शिवलिंग के प्रति श्रद्धा बढ़ती ही जा रही है। यहां के शांत वातावरण में आकर मनुष्य खुद को ईश्वर के समीप पाता हैं। कैसे पहुंचें दरमणू मंदिर
इस मंदिर तक पहुंचने के लिए सबसे पहले हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा तक जाना होगा। यहां हवाई मार्ग बस सेवा व रेल मार्ग से पहुंचा जा सकता है। इसके बाद बैजनाथ तक की दूरी 43 किलोमीटर है जो बस से तय करनी पड़ती है। बैजनाथ से करीब 10 किलोमीटर दूर चौबीन मार्ग पर तनहोटू के पास यह मंदिर स्थित है। यहां के लिए आसानी से सड़क मार्ग से मंदिर तक पहुंचा जा सकता है।