कुर्ग की हरियाली मोह लेगी आपका मन, यहां की इन 10 जगहों पर जाएं सैर करने

भारत के कर्नाटक राज्य में मौजूद खूबसूरत पर्यटन स्थल है कुर्ग जहां की खूबसूरती और संस्कृति हर किसी को अपना दिवाना बना रही हैं। कूर्ग समुद्री तल से 1525 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और साथ ही ये अपने चाय, कॉफी, घने जंगलो के लिए भी जाना जाता है। कूर्ग (कोडगु) कर्नाटक का पहाड़ी इलाक़ा है। यहां के हरे-भरे पौधों को देखना भी अपने आप में एक अलग एहसास को जीना है। देखा जाए तो कुर्ग इस समय में देश के मशहूर पर्यटन स्थलों में से एक हैं। आज इस कड़ी में हम आपको कुर्ग के प्रमुख स्थलों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां आप घूमने का भरपूर मजा ले सकते हैं। यहां आप दोस्तों या फैमिली के साथ या फिर अकेले भी पहुंच सकते हैं। आइये जानते हैं इन जगहों के बारे मे...

गोल्डन टेम्पल या नाम्ड्रोलिंग मठ

राज्य कर्नाटक के मदिकेरी से तकरीबन 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस मठ का निर्माण 1969 ईस्वी के दौरान किया गया था। यह मठ तिब्बतियन शिक्षा का एक बहुत बड़ा केंद्र माना जाता है। इस पूरे मंदिर परिसर में इमारत एवं मंदिर की दीवारों पर कई अलग-अलग तरह के पौराणिक नक्काशी और चित्रकारिओं को देखा जा सकता है। इसे गोल्डन टेंपल क्यों कहा जाता है, अगर इसके बारे में बात करें तो इस परिसर में तकरीबन 40 फीट ऊंची सोने की प्रतिमा बनाई गई हैं।

राजा की सीट

यह शोभायमान स्थल कूर्ग हिल स्टेशन के केंद्र जिला मदिकेरी में स्थित है। ये वो स्थान है जहाँ कूर्ग के राजा आकर सूर्यास्त का नज़ारा देखते थे। किनारे पर खड़े होकर जो नज़ारा दिखता है वो विस्मरणीय है। ऊँचे-ऊँचे पहाड़ व हरी-भरी घाटियाँ और वहाँ से झाँकता सूरज। अगर इस दृश्य के आप दीवाने न हुए तो बताइएगा। ऐसा हो ही नहीं सकता कि कोई इस मनोरम दृश्य को देखकर कुछ समय के लिए खोया न हो। आपके दिल की तह तक ये प्राकृतिक तस्वीर जा बसेगी। यह कूर्ग का सबसे ज़्यादा पसंदीदा दर्शनीय स्थल है।

इरुप्पु फॉल्स

इरुप्पु वाटर फॉल्स दक्षिण कर्नाटक राज्य के कूर्ग जिले में ब्रह्मगिरी पर्वत श्रृंखला पर स्थित एक आकर्षित झरना हैं। इरुप्पु फॉल्स लक्ष्मण तीर्थ जलप्रपात के रूप में भी प्रसिद्ध हैं। झरने के निकट ही भगवान शिव का रामेश्वर मंदिर स्थित हैं। इरुप्पु वाटर फॉल्स के जल को प्राचीन समय से पवित्र माना जाता है जोकि हिन्दू धर्म से सम्बंधित रामायण काल से सम्बंधित हैं।

एबी फॉल्स

70 फीट की ऊंचाई से नीचे की ओर स्थित, एबी फॉल्स वाकई में देखने लायक जगह है। अंग्रेजों के शासन के दौरान, इस जगह को जेसी फॉल्स कहा जाता था, इस क्षेत्र के पहले ब्रिटिश पादरी ने अपनी बेटी की याद में इस जगह का नाम रखा था। उनकी तरह, आप भी हरे-भरे कॉफी और मसालों के बागानों के बीच झरने को देख मंत्रमुग्ध हो जाएंगे। इस जगह को देखने का सबसे अच्छा समय सर्दियों का महीना है।

नगरहोल राष्ट्रीय उद्यान

कूर्ग में यात्रा के दौरान इस वन्यजीवों के स्थान को भी अपनी सूची में शामिल रखना ज़रूरी है। ये जलप्रपातो, पहाड़ो, घाटियों और वन से परिपूर्ण है। ये उद्यान 47 जलधारा, 41 कृत्रिम टैंक, 4 झील व एक बाँध का घर है। यह विभिन्न प्रजातियों के पशु-पक्षियों का निवास स्थान है। ये जगह हाथी, बाघ, गौर व भालू को देखने का सबसे उचित स्थान है। इसका हर एक हिस्सा देखने लायक है। जहाँ आप नज़र दौड़ाऐंगे वहीं आपको कुछ आकर्षक दिखेगा। अलग-अलग प्रकार के असंख्य पेड़ों के नीचे बैठे बहुत से पशु आपको दिखेंगे। कुछ नीचे बैठे हुए, कुछ पेड़ पर चढ़कर बैठे हुए।

ओंकारेश्वर मंदिर

1830 ईस्वी के दौरान लिंगराजेंद्र द्वितीय द्वारा निर्मित यह मंदिर कुर्ग की एक प्रमुख एवं प्रसिद्ध मंदिर के रूप में जाना जाता है। इस मंदिर के प्रवेश द्वार के पास की इस मंदिर के बारे में लिखित इतिहास को देखा जा सकता है। यह मंदिर पुराने समय के सुंदर नक्काशी एवं वास्तुकला द्वारा निर्मित देखने में काफी ज्यादा आकर्षक लगती है। इस मंदिर के आस-पास भी खूबसूरती से भरा पड़ा वातावरण देखा जा सकता है।

सोमवारपेट

सोमवारपेट कूर्ग जिले के उत्तर पूर्व में स्थित हैं और अपने आसपास के सुन्दर आकर्षण के लिए पर्यटकों को लुभाता हैं। सोमवारपेट मुख्यता अपनी फसलो के लिए जाना जाता है यहाँ कॉफी, मसाला, मिर्च, अदरक और इलायची जैसे फसलो को उगाया जाता हैं। सोमवारपेट घूमने वाले पर्यटकों को यहाँ के प्रसिद्ध व्यंजन पोर्क करी, कडुबिट्टू, चिकन करी, अक्की रोटी आदि अवश्य चखना चाहिए।

मंडलपट्टी व्यूपॉइंट

मंडलपट्टी का अर्थ है 'बादलों का बाजार', जो लगभग 4050 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यह पहाड़ी की चोटी पुष्पगिरी रिजर्व फ़ॉरेस्ट का हिस्सा है, जहां से आप इस क्षेत्र के सबसे अद्भुत नजारे देख सकते हैं। इस व्यूपॉइंट तक पहुंचने के लिए आप दो रुट ले सकते हैं - एक एबी फॉल्स जंक्शन के माध्यम से जो छोटा है या दूसरा मक्कंदुरु के माध्यम से, जहां से आप यहां की खूबसूरती को निहार सकते हैं। अगर आप दोनों रास्तों से जाना चाहते हैं, तो आप पहले रुट को जाते हुए ले सकते हैं और दूसरे रुट को आते हुए चुन सकते हैं।

मदिकेरी किला

वैसे तो कूर्ग आकर्षक स्थल, घने वन, कॉफी बगान व जलप्रपातों का केंद्र है। परंतु इस जगह ने इस किले के रूप में यहाँ का इतिहास भी बरकरार रखा हुआ है। कूर्ग से केवल 12।2 किमी की दूरी पर पहाड़ों पर ये किला बना है। ये इतिहास के कुछ शानदार कार्यों का नतीजा है। ये किला सत्रहवीं शताब्दी के दौरान युद्धों में हुई विजय व पराजय को बयाँ करता है। ऐसा प्रतीत होगा जैसे आप प्राचीन काल में लौट आए हैं। पहले ये मिट्टी से बना था, पर कुछ समय बाद टीपू सुल्तान ने इसे ग्रेनाईट से बनवाया और उसके बाद अन्य राजाओं ने इसका पुनः निर्माण करवाया। इसका निर्माण गोथिक कला द्वारा किया गया है।

ताडियांदामोल पीक

5724 फीट की ऊंचाई पर स्थित, ताडियांदामोल कूर्ग की सबसे ऊंची चोटी है और कर्नाटक में दूसरी सबसे ऊंची चोटी मानी जाती है। यहां के पहाड़ घने जंगलों से भरे पड़े हैं। ये जगह ट्रैकिंग प्रेमियों के लिए भी बेस्ट है। आप जीप के माध्यम से भी इस पहाड़ी के दो-तिहाई क्षेत्र तक पहुँच सकते हैं। यहां की एंट्री फीस फ्री है और घूमने का समय सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच है।