भारत की इन 9 जगहों पर पड़ती हैं शरीर को जमाने वाली ठंड, बर्फबारी के बीच इंसानों का टिकना मुश्किल

सर्दियों का मौसम जारी हैं जहां देश के उत्तरी क्षेत्र में विक्षोभ के चलते कड़ाके की ठंड पड़ रही हैं। बारिश और ओलावृष्टि ने घर से बाहर निकलना मुश्किल कर दिया हैं। लेकिन हमारे देश में कई क्षेत्र ऐसे भी हैं जहां शरीर को जमाने वाली ठंड भी पड़ती हैं और पारा अधिकतर जीरो से नीचे ही रहता हैं। बर्फबारी और ठंडी हवाओं के बीच इन क्षेत्रों में जाने की सोचने से ही ठंड लगने लगती हैं। दिसंबर से फरवरी के बीच में यहां इंसानों का टिकना बहुत मुश्किल होता हैं। तो आइये जानते हैं देश की इन जगहों के बारे में जहां पड़ती हैं हाड़ कंपाने वाली सर्दी...

तवांग

अरुणाचल प्रदेश का तवांग भी भारत की सबसे ठंडी जगहों में शुमार है। टूरिस्ट के बीच ये जगह काफी फेमस भी है। सर्दी के मौसम में होने वाले भारी स्नो फॉल और हिमस्खलन के चलते इस ऑफबीट टूरिस्ट डेस्टिनेशन में गिना जाता है। ये भारत की सबसे खतरनाक और ठंडी जगहों में से एक है। सर्दी के मौसम में इस जगह का तापमान -15 डिग्री सेल्सियस तक चला जाता है।

सियाचिन ग्लेशियर

भारत की सबसे ठंडी जगह का टाइटल सियाचिन ग्लेशियर के पास है। करीब 5,753 मीटर ऊंचाई पर स्थित इस जगह का तापमान जनवरी में -50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है। भारत-पाकिस्तान के कई सैनिक इस जानलेवा ठंड से सामना करते हुए यहां तैनात रहते हैं। इंटरनेट पर ऐसी कई वीडियोज मौजूद है जहां सैनिक बर्फ से जमे अंडे, टमाटर और जूस को हथौड़ी से तोड़ते नजर आए हैं। यहां की विपरीत परिस्थितियों में अब तक हजारों सैनिक जान गंवा चुके हैं।

मुंसियारी

उत्तराखंड के पिथोरागढ़ जिले में समुद्र तल से 2,500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित मुंसियारी नेचर से प्यार करने वालों के लिए खास जगह है। यहां का मौसम पूरे साल ठंडा और शुष्क रहता है और तापमान भी करीब -10 डिग्री सेल्सियस तक रहता है। पक्षियों की दुर्लभ प्रजाति, बर्फ से ढके पहाड़ और बर्फीली झीलें मुंसियारी की पहचान बन गई हैं।

लद्दाख

हिमालय की पर्वतमाला के बीच बसे लद्दाख को अक्टूबर, 2019 में केंद्र शासित प्रदेश के रूप में नई पहचान मिली। यहां करीब 2,70,000 लोग तिब्बती संस्कृति को मानते हैं। जनवरी के मौसम में यहां का औसत तापमान लगभग -12 डिग्री सेल्सियस रहता है। जबकि उच्चतम तापमान -2 डिग्री तक ही जा पाता है। यहां केवल गर्मी के मौसम में ही जाना उचित है। सर्दियों में भारी स्नो फॉल और माइनस में टेंपरेचर किसी के लिए भी मुसीबत बन सकता है।

कीलॉन्ग

हिमाचल प्रदेश का कीलॉन्ग लेह मेन रोड पर करीब 40 किलोमीटर के दायर में फैला हुआ है। इस जगह का तापमान बहुत कम तो नहीं कहा जा सकता है, लेकिन -5 डिग्री तक गिर ही जाता है। बाइक राइडर्स और कई खास कोल्ड डेस्टिनेशन का दीदार करने वालों के लिए ये जगह काफी शानदार है। ये जगह मनाली, काजा और लेह जैसे कई अन्य टूरिस्ट स्पॉट से भी जुड़ी हुई है।

सोनमर्ग

सोनमर्ग एक बेहतरीन समर डेस्टिनेशन मानी जाती है। हालांकि सर्दियों में इस जगह ठंड काफी बढ़ जाती है। सोनमर्ग का तापमान करीब -6 डिग्री सेल्सियस तक नीचे जा सकता है। सोनमर्ग बर्फ से ढके कई पहाड़ों और बर्फीली झीलों से घिरा हुआ है। ये कश्मीर की उन जगहों में शुमार है, जहां पूरे साल टूरिस्ट का तांता लगा रहता है।


मनाली

मनाली भी भारत की एक खूबसूरत और लोकप्रिय टूरिस्ट डेस्टिनेशन है। लुभावने दृश्य और मजेदार एक्टिविटीज इस जगह की खासियत बने हुए हैं। गर्मियों के दिनों में ये जगह गर्म ही रहती है, लेकिन सर्दियां आते ही इसका तापमान -10 डिग्री सेल्सियस तक नीचे जा सकता है। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में स्थित मनाली नेचर से प्यार करने वालों को काफी रास आती है। हाइकिंग, रिवर राफ्टिंग और ट्रैकिंग का शौक रखने वाले यहां जरूर आते हैं।

सेला पास

धरती का ये बर्फीला स्वर्ग 'आइसबॉक्स ऑफ इंडिया' के नाम से मशहूर है। समुद्र तल से करीब 4,400 मीटर की ऊंचाई पर स्थित सेला पास करीब-करीब पूरे साल बर्फ की एक पलती सी चादर ओढ़े रहता है। सालभर ये पर्वतमाला ठंडी हवाओं और हिमस्खलन से टकराती हैं। इस जगह का तापमान करीब -15 डिग्री तक चला जाता है।

लाचेन और थांगु घाटी

सिक्किम के उत्तरी भाग में स्थित लाचुन और थांगु घाटी एक बेहतरीन टूरिस्ट स्पॉट भी माना जाता है। करीब 2,500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित इस जगह का जनवरी में औसत तापमान -10 से -15 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है। यहां होने वाला भारी स्नो फॉल घाटी में हाड़ कंपा देने वाली सर्दी का गवाह बनता है। इसके अलावा यहां पूरे साल तापमान करीब जीरो डिग्री पर रहता है।