प्रकृति की गोद में बसा है मध्यप्रदेश का छिंदवाड़ा, यहां करें इन जगहों की सैर

मध्यप्रदेश को देश का दिल कहा जाता हैं जिसे पर्यटन के लिहाज से बेहतरीन जगह के तौर पर देखा गया हैं। मध्यप्रदेश सांस्कृतिक, धार्मिक और प्राकृतिक स्थलों वाला खूबसूरत राज्य है जहां घूमने हर साल लाखों पर्यटक पहुंचते हैं। आज इस कड़ी में हम बात करने जा रहे हैं मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा की जो प्रकृति की गोद में बसा एक खूबसूरत शहर हैं। सर्दियों के दिनों में घूमने के लिहाज से यह शहर एक बेहतरीन जगह हैं। अपने उत्कृष्ट स्थानों के कारण छिंदवाड़ा राज्य के एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल के रूप में उभर कर सामने आया है। मध्यप्रेदश का यह खूबसूरत शहर आपको आनंदित कर सकता है। तो आइये जानते हैं छिंदवाड़ा की उन जगहों के बारे में जहां घूमने का लुत्फ उठाया जा सकता हैं।

पातालकोट

छिंदवाड़ा जिले के पहाड़ी ब्लॉक ‘तामिया’ में स्थित, अपनी भौगोलिक और दर्शनीय सुंदरता के कारण बहुत महत्व प्राप्त कर चुका है। पातालकोट एक सुंदर भूदृश्य है जो एक घाटी में 1200-1500 फीट की गहराई पर स्थित है। बड़ी गहराई पर स्थित होने के कारण इस स्थान को ‘पातालकोट’ नाम दिया गया है। जब कोई नीचे घाटी के शीर्ष पर बैठे स्थान को देखता है, तो वह स्थान घोड़े की नाल की तरह दिखता है। लोग इसे ‘पाताल’ का प्रवेश द्वार मानते हैं।

देवगढ़ किला

छिंदवाड़ा से 24 मील दक्षिण में एक ऐतिहासिक किला भी है, जिसे देवगढ़ का किला कहा जाता है। एक पहाड़ी पर स्थित यह किला घने आरक्षित वन से ढकी गहरी घाटी के बीच है। प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर यह जगह गोंड साम्राज्य की राजधानी थी। इस किले का निर्माण गोंड के राजा जाटव ने कराया था। मुगल शैली से इस किले की वास्तुकला प्रभावित है। काफी विशाल देवगढ़ किले की खूबसूरत इमारतें पर्यटकों को काफी ज्यादा प्रभावित करती हैं। इतिहास पसंद करते हैं तो इस जगह का सैर कर सकते हैं।

तामिया की पहाड़ियां

छिंदवाड़ा से लगभग 45 किमी दूर तामिया एक खूबसूरत पहाड़ी स्थल है, जो पर्यटकों की सैर के लिए काफी ज्यादा पसंदीदा स्थान हैं। साथ ही यहां से आप चौरागढ़ और महादेव पहाड़ी के साथ सतपुड़ा पहाड़ी की श्रृंखला का तथा अद्भुत खूबसूरती का आनंद भी ले सकते हैं। यहां से आप दूर-दूर तक फैले कुदरती आकर्षणों का भी आनंद ले सकते हैं। यहां से सूर्योदय और सूर्योस्त का दृश्य काफी ज्यादा मनोरम दिखाई देता हैं। यहां पर एक गुफा में विराजमान ‘छोटा महादेव’ के दर्शन भी कर सकते है। शहर की भागदौड़ भरी जिंदगी से दूर यह एक सुकून भरा स्थान है, जहां प्रकृति प्रेमियों और पयर्टकों का तांता लगा रहता है।

कुकड़ी खापा जलप्रपात

कुकड़ी खापा जलप्रपात का सुरम्य स्थान छिंदवाड़ा से नागपुर नैरो गेज रेलवे लाइन में, उमरानाला और रामकोना स्टेशनों के बीच पड़ता है। जलप्रपात मनोरम ‘सिलेवानी’ पर्वत श्रृंखला में स्थित है। इस झरने की ऊंचाई करीब 60 फीट है। अच्छी बारिश के तुरंत बाद स्थान और अधिक सुंदर हो जाता है। नागपुर की ओर नैरो गेज के साथ ट्रेन में यात्रा करते समय इस खूबसूरत पिकनिक स्थल की कल्पना की जा सकती है।

जुन्नारदेव

जुन्नारदेव या पहली पारी मंदिर छिंदवाड़ा में स्थित एक धार्मिक स्थल है। यहां पर आपको शिव भगवान जी का मंदिर देखने के लिए मिलता है। यहां पर आपको शिव भगवान जी की गुफा देखने के लिए मिलती है। शिव भगवान जी की गुफा में शिवलिंग के ऊपर पानी 24 घंटे पानी गिरता रहता है, चाहे सर्दी हो, चाहे गर्मी हो, चाहे बरसात हो। यहां पर शिवलिंग के ऊपर अभिषेक होता रहता है। पहली पारी छिंदवाड़ा में जुन्नारदेव तहसील में स्थित है। आप यहां पर आकर घूम सकते हैं।

अनहोनी गांव

छिंदवाड़ा जिले के तामिया तहसील में कुदरत का एक अद्भुत करिश्मा देखने को मिलता है। यहां स्थिति अनहोनी गांव अपने नाम की तरह ही अजब है। यहां गर्म पानी का कुंड है, जो साल भर उबलता रहता है। स्थानीय लोग इसे देवी का रूप मानते हैं। वैज्ञानिकों के मुताबिक, मंदिर के नीचे प्रचुर मात्रा में गंधक मौजूद है, जो पानी को गर्म रखता है। मान्यता है कि यहां का गरम पानी चर्म रोग ठीक करता है।

हनुमान मंदिर

एक अद्भुत श्री हनुमान मंदिर, जाम भवली मध्य प्रदेश के प्राचीन क्षेत्र में दंडकारण्य-सतपुड़ा पर्वत श्रृंखलाओं के बीच स्थित है, जो जाम नदी में सर्प नदी के संगम पर और सौनी गांव, छाया में पीपल के पेड़ के बीच स्थित है। “स्वभूमि” का यह श्री हनुमान जी का है। नागपुर-छिंदवाड़ा रोड पर बजाज जॉइंट चेक से 1।5 किमी की दूरी पर स्थित है, जो नागपुर से 66 किमी दूर है। जहां सड़क मार्ग से आसानी से पहुंचा जा सकता है और सौंसर शहर के लिए रेल मार्ग भी उपलब्ध है।

पेंच राष्ट्रीय उद्यान

यहां सतपुड़ा की पहाड़ियों के निचले दक्षिणी इलाके में पेंच राष्ट्रीय उद्यान स्थित है। इस पार्क का नाम पेंच नदी पर रखा गया है। पेंच राष्ट्रीय उद्यान का इतिहास बहुत गौरवशाली रहा है। यहां की प्राकृतिक संपदा, समृद्धि की तारीफ इस जगह को घूमने वाला हर शख्स करता है। पेंच टाइगर रिजर्व के बारे में प्रसिद्ध 'द जंगल बुक' में वर्णन है।