बुद्ध को समर्पित ये 7 स्थान रखते हैं अपना ऐतिहासिक महत्व, जानें इनके बारे में

दुनियाभर में कई धर्म संचालित हैं जिसमें से एक हैं बौद्ध। बौद्ध धर्म दुनिया में सबसे अधिक प्रिय धर्मों में से एक है। बौद्ध धर्म भारत की श्रमण परंपरा से निकला धर्म और दर्शन है जिसकी स्थापना भगवान गौतम बुद्ध ने की थी। अहिंसा, सत्य और वैराग्य को बढ़ावा देने वाली बुद्ध की अद्भुत शिक्षाएं वैश्विक है। बौद्ध धर्म को अड़तीस करोड़ से अधिक लोग मानते हैं और यह दुनिया का चौथा सबसे बड़ा धर्म है। आज भी भारत में बुद्ध से जुड़े कई स्मारक, मंदिर मौजूद हैं जहां आप बुद्ध के जीवन से जुड़ी अहम बातों को जान सकते हैं। भारत में बौद्ध धर्म से जुड़े कौन से प्रमुख स्थल हैं आइए जानें उनके बारे में...

महाबोधि मंदिर, बिहार

बिहार के बोधगया में महाबोधि मंदिर बौद्धों के लिए सबसे पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक है। बौद्ध धर्म मानने वाले लोग इसे बहुत पवित्र मानते हैं। यह वह स्थान है जहां गौतम बुद्ध ने प्राचीन बोधि वृक्ष के नीचे बैठकर ज्ञान प्राप्त किया था। पेड़ अभी भी मुख्य मंदिर के अंदर है। इस मंदिर का निर्माण राजा अशोक ने करवाया था। यहां पीले बलुआ पत्थर से बनी बुद्ध की एक भव्य मूर्ति भी है। मंदिर की बनावट बेहद खूबसूरत है। इस मंदिर की सबसे खास बात ये है कि विभिन्न धर्मों की कलाकृतियों के माध्यम से छवि देखने को मिलेगी।

सारनाथ मंदिर, वाराणसी

सारनाथ मंदिर को किसी परिचय की आवश्यकता नहीं है। बौद्ध तीर्थ स्थलों में से एक, सारनाथ वह स्थान है जहां बुद्ध ने अपने शिष्यों को अपना पहला उपदेश दिया था। वाराणसी में स्थित इस मंदिर का निर्माण राजा अशोक ने करवाया था। यहां घूमने के कुछ प्रमुख स्थानों में चौखंडी स्तूप, मूलगंध कुटी विहार, धमेक स्तूप और धर्मराजिका स्तूप शामिल हैं।

द वाट थाई मंदिर, कुशीनगर

प्रकृति के बीच ध्यान का अभ्यास करने के लिए शांति और शांत जगह चाहने वालों के लिए ये मंदिर किसी खजाने से कम नहीं है। इस सुंदर मंदिर में एक प्रार्थना कक्ष है जहां कोई भी ध्यान कर सकता है और शांति से प्रार्थना कर सकता है। इस स्थान का आध्यात्मिक ओरा इसकी विशेषता है। आपको बौद्ध और थाई वास्तुकला का एक मिश्रण यहां दिखाई देगा।

हेमिस, लद्दाख

हेमिस लद्दाख का सबसे प्रसिद्ध मठ है, जो मुख्य शहर लेह से लगभग 40 किमी की दूरी पर स्थित है। यह विशाल बौद्ध मठ 1672 में राजा सिंघे नामग्याल द्वारा बनाया गया था। जो अब बौद्ध धर्म के लोगों के लिए मुख्य स्थानों में से एक माना जाता है। यह मठ अपने वार्षिक त्योहार के लिए भी दुनिया भर में जाना जाता है। जिसमें हिस्सा लेने के लिए दूर-दूर से लोग पहुंचते हैं। आज हेमिस लद्दाख के मुख्य आकर्षणों में से एक माना जाता है। जिसे देखने के लिए सैलानियों का तांता लगता है।

महापरिनिर्वाण मंदिर, कुशीनगर

उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में महापरिनिर्वाण मंदिर, बुद्ध को समर्पित एक और पवित्र तीर्थ स्थल है। मंदिर अपनी सुंदर वास्तुकला और लाल बलुआ पत्थर में शानदार काम के कारण स्थानीय लोगों और विदेशियों के बीच समान रूप से लोकप्रिय है। बुद्ध के महान अनुयायियों में से एक स्वामी हरिबाला ने यहां इस मंदिर का निर्माण करवाया था। यहां पुरातत्व खुदाई (1876) के दौरान गौतम बुद्ध की 6.10 मीटर लंबी विशाल प्रतिमा निकाली गई थी। चुनार के बलुआ पत्थर को काटकर बनाई गई यह प्रतिमा 5वीं शताब्दी की बताई जाती है। भगवान बुद्ध की यह मूर्ति सीधी करवट लिए हुए है। अब यह स्थान एक खूबसूरत पर्यटन स्थल बन चुका है। जहां दूर-दूर से सैलानी इस विशाल प्रतिमा के दर्शन के लिए आते हैं।

धामेक स्तूप

भगवान गौतम बुद्ध से जुड़ा एक और स्थान धामेक स्तूप जो उत्तर प्रदेश के सारनाथ में स्थित है। वाराणसी से यहां तक का सफर लगभग 13 किमी में तय किया जा सकता है। बुद्ध को समर्पित इस स्तूप का निर्माण सम्राट अशोक ने करवाया था। इस स्मारक को बनवाने के लिए भारी मात्रा में ईंट रौड़ी-पत्थरों का इस्तेमाल किया गया था। इस स्तूप की ऊंचाई 43.6 मीटर है। बता दें कि यह सारनाथ बौद्ध से जुड़े प्रमुख तीर्थों में शामिल है, जहां दूर-दूर से लोग मानसिक व आत्मिक शांति के लिए यहां आते हैं। सारनाथ वो स्थान है जहां गौतम बुद्ध ने ज्ञान प्राप्ति के बाद अपना पहला उपदेश दिया था।

गोल्डन पैगोडा मंदिर, अरुणाचल प्रदेश

हिमालय की तलहटी में स्थित गोल्डन पैगोडा मंदिर या कोंगमु खाम अरुणाचल प्रदेश के नामसाई जिले में 20 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ है। मंदिर का मुख्य आकर्षण इसके 12 गुंबद हैं, जिन्हें हाल ही में 2010 में बनाया गया था। यह बर्मी वास्तुकला का एक सुंदर उदाहरण है।