बच्चों को लेकर जाएं देश के इन सबसे बड़े चिड़ियाघर में घुमाने, लौट आएगा आपका भी बचपन

जब भी कभी चिड़ियाघर का नाम सामने आता हैं तो बचपन की यादें सामने घूमने लगती हैं जब आप अपने परिवार के साथ चिड़ियाघर घूमने गए थे। करीब हर बच्चा अपने बचपन में चिड़ियाघर जरूर घूमने जाता हैं जहां उसे विभिन्न प्रकार के जानवर देखने को और उनके बारे में जानने को मिलता हैं। भारत के कई राज्यों में ऐसे चिड़ियाघर हैं जो दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं। भारत के लगभग हर बड़े शहर में आपको चिड़ियाघर देखने को मिल जाएगा। लेकिन आज हम आपको भारत के कुछ चुनिंदा और सबसे बड़े चिड़ियाघरों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां आप अपने बच्चों को घुमाने के लिए लेकर जा सकते हैं। आइये जानते हैं इन चिड़ियाघर के बारे में...

चेन्नई का चिड़ियाघर

चेन्नई में स्थित अरिनगर अन्ना जुलॉजिकल पार्क भारत का सबसे बड़ा चिड़ियाघर है। यह देश का सबसे लोकप्रिय और प्रसिद्ध चिड़ियाघर है और इसे देश का पहला पब्लिक जू भी कहा जाता है। इस चिड़ियाघर को पहले मद्रास जू के नाम से जाना जाता था लेकिन बाद में इसका नाम बदलकर तमिल नेता अरिनगर अन्ना के नाम पर कर दिया गया। इस चिड़ियाघर में बहुत सारी मछलियों, स्तनधारी जीवों और कीड़ों की प्रजातियां देखने को मिलती हैं। इसके अलावा बटरफ्लाई हाउस, रैपटाइल हाउस, मगरमच्छ जैसे कई जानवर यहां रहते हैं।

ओडिशा का चिड़ियाघर

ओडिशा के भुवनेश्वर में स्थित नंदनकानन चिड़ियाघर देश के सबसे बड़े चिड़ियाघरों में से एक हैं। यह चिड़ियाघर 400 हैक्टेयर में फैला हुआ है, जिसे 1979 में आम लोगों के लिए खोल दिया गया था। यह एक चिड़ियाघर होने के साथ-साथ एक बॉटनिकल गार्डन भी है। इस चिड़ियाघर में जानवरों की करीब 126 प्रजातियाँ मौजूद हैं। हरे-भरे जंगलों के बीच स्थित इस चिड़ियाघर को देखने हजारों सैलानी आते है। इस चिड़ियाघर में जंगली जानवरों के साथ-साथ कुछ दुर्लभ पेड़-पौधों भी देखे जा सकते हैं।

दिल्ली का चिड़ियाघर

देश की राजधानी दिल्ली में स्थित चिड़ियाघर भारत ही नहीं बल्कि एशिया के सबसे बड़े चिड़ियाघरों में से एक है। इस चिड़ियाघर का निर्माण 1959 में श्रीलंका के डिज़ाइनर मेजर वाइनमेन और पश्चिम जर्मनी के कार्ल हेगलबेक ने किया था। यह चिड़ियाघर दिल्ली के पुराने किले के पास स्थित है। यह चिड़ियाघर 214 एकड़ में फैला हुआ है, यहाँ जानवरों और पक्षियों की सैकड़ों प्रजातियां हैं। इस चिड़ियाघर में भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका और अमेरिका जैसे देशों के सरीसृप, स्तनधारी और पक्षी आपको देखने को मिलेंगे। इस चिड़ियाघर में एक पुस्तकालय भी है जहां पर्यटक पेड़-पौधों और पशु-पक्षियों के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं।

मैसूर का चिड़ियाघर

कर्नाटक के मैसूर में स्थित चिड़ियाघर दुनिया के सबसे पुराने चिड़ियाघरों में से एक है। इस चिड़ियाघर का निर्माण 1892 में शाही संरक्षण में हुआ था। इस चिड़ियाघर में 40 से भी ज्यादा देशों से लाए गए जानवरों को देखा जा सकता है। यहां आपको कई तरह की प्रजातियों के जानवर जैसे कि जैब्रा, जिराफ, शेर, टाइगर और सफेद गैंडा और भारतीय हाथी देखने को मिलेंगे। इसके अलावा यहाँ भारतीय और विदेशी पेड़ों की करीब 85 से ज्यादा प्रजातियां मौजूद हैं। इस चिड़ियाघर में करंजी झील भी है, जहां हर साल बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षी आते हैं।

हैदराबाद का चिड़ियाघर

आंध्र प्रदेश के हैदराबाद में स्थित चिड़ियाघर भारत के सबसे बड़े चिड़ियाघरों में से एक है। इस चिड़ियाघर को नेहरू जियोलॉजिकल पार्क के नाम से भी जाना जाता है। यह चिड़ियाघर ना केवल देश बल्कि दुनियाभर में मशहूर है। यह चिड़ियाघर 380 एकड़ में फैला हुआ है। इस चिड़ियाघर में एक बड़ी झील भी है जो इसकी खूबसूरती में चार चांद लगाती हैं। यहां आप खुद की गाड़ी में घूमने का भी लुत्फ उठा सकते हैं। कहा जाता हैं कि यह चिड़ियाघर निशाचर जानवर जैसे फ्रूट बैट्स, वुड उल्लू, ग्रेट हॉर्न्ड उल्लू का घर है।

केरल का चिड़ियाघर

दक्षिण भारत में स्थित केरल का त्रिवेंद्रम चिड़ियाघर देश के सबसे बड़े और लोकप्रिय चिड़ियाघरों में से एक है। इस चिड़ियाघर का निर्माण 1857 ई में हुआ था और यह देश का दूसरा सबसे पुराना चिड़ियाघर है। तिरुवनंतपुरम के पीएमजी जंक्शन के पास स्थित यह चिड़ियाघर 55 एकड़ में फैला हुआ है। इस चिड़ियाघर में अफ्रीकन मूल के शेर भी मौजूद हैं। इसके अलावा यहाँ मेंड्रिल बंदर व विदेशी पक्षी भी हैं। यहाँ भारतीय और विदेशी पशु-पक्षियों और पेड़-पौधों का संग्रह है। इस चिड़ियाघर में नीलगिरि लंगूर, भारतीय गैंडा, एशियाई शेर और रॉयल बंगाल टाइगर देखने को मिलते हैं।

असम का चिड़ियाघर

असम के गुवाहाटी में स्थित चिड़ियाघर देश के सबसे बड़े चिड़ियाघरों में से एक है। लगभग 1.75 किलोमीटर में फैले हुए इस चिड़ियाघर की स्थापना 1957 में हुई थी। इस चिड़ियाघर में रॉयल बंगाल टाइगर, एशियाटिक लायन, हिमालनीय काला भालू, भारतीय गैंडे के अलावा कई देशी और विदेशी पशु-पक्षी मौजूद हैं। इस चिड़ियाघर में पिग्मी हॉग का संरक्षण भी किया जा रहा है। जो कि दुनिया में पाए जाने वाला सबसे छोटा जंगली सूअर है।

चंडीगढ़ का चिड़ियाघर

प्रकृति प्रेमियों के लिए चंडीगढ़ का चिड़ियाघर किसी स्वर्ग से कम नहीं हैं। 202 एकड़ के विशाल क्षेत्रफल में फैला चंडीगढ़ का छतबीर चिड़ियाघर नॉर्थ इंडिया का सबसे विशाल प्राणी उद्यान है। 1977 से पहले यह सिर्फ एक खास का मैदान था लेकिन बाद में इसे एक बड़े प्राणी उद्यान में बदल दिया गया। इसे महेंद्र चौधरी जूलॉजिकल पार्क के रूप में जाना जाता हैं। अगर आप लॉयन सफारी के शौकीन हैं तो अपने कामकाज से समय निकालकर यहां जरूर आईये। यहां की झील और हरियाली से भरा वातावरण आपको सुखद अहसास देगा।