गंगा नदी के तट पर स्थित, कानपुर एक ऐसा शहर है जो सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों में समृद्ध है। भले ही यह शहर आज पूर्व के मैनचेस्टर के रूप में जाना जाता है, इसके शानदार इतिहास में महारानी लक्ष्मी बाई, तात्या टोपे और नाना साहिब पेशवा के नेतृत्व में भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में एक महत्वपूर्ण हिस्सा शामिल है। कानपूर शहर एक प्रमुख औद्योगिक और सांस्कृतिक केंद्र था, जिस पर कई साम्राज्यों और राजवंशों का शासन रहा है। कानपूर जितना अपने खूबसूरत मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है, उतने ही लोकप्रिय यहां की कुछ खास जगह हैं, जिन्हें देखने के लिए आपको एक बार जरूर जाना चाहिए। अगर आप यूपी भ्रमण के लिए निकलें हैं, तो हमारा मानना है कि आपको कानपूर भी घूमने के लिए जरूर जाना चाहिए।
एलन वन चिड़ियाघरयह चिड़ियाघर देश के सबसे पुराने प्राणी उद्यानों में से एक है, जिसे 4 फरवरी, 1974 को जनता के लिए खोला गया था। पार्क की स्थलाकृति असमान है और घने जंगल जैसा दिखता है। जानवरों के लिए गतिशीलता और अभिव्यक्ति के लिए बहुत जगह है, बाड़े जो आधुनिक तकनीक के साथ अद्यतित हैं, एक पशु चिकित्सा सुविधा जो अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा करती है, और सुरम्य उद्यान क्षेत्र हैं। इसके अतिरिक्त, आगंतुकों को विभिन्न संरक्षण प्रयासों में भाग लेने का अवसर मिलता है।
श्री राधा कृष्ण मंदिर जेके मंदिर, जिसे जुग्गीलाल कम्पलापत मंदिर या श्री राधाकृष्ण मंदिर कहा जाता है, कानपुर में सर्वोदय नगर के गोविंद नगर रोड पर स्थित है। यह प्राचीन और आधुनिक दोनों तरह की वास्तुकला का एक सुंदर संयोजन है। 1953 में सिंघानिया परिवार की देखरेख में निर्मित, जेके मंदिर का मैनेजमेंट बड़े पैमाने पर आज भी जेके ट्रस्ट द्वारा किया जाता है। हिंदू देवता राधा कृष्ण की मूर्ति मंदिर के केंद्र में पाई जाती है जो हरे-भरे हरियाली और छोटी झीलों से घिरी हुई है। मंदिर में अलग-अलग टावरों में पांच मंदिर हैं, मुख्य मंदिर भगवान राधाकृष्ण को समर्पित है, जबकि अन्य लक्ष्मीनारायण, अर्धनारीश्वर, नामदेश्वर और हनुमान की मूर्तियों से युक्त हैं।
मोती झील
कानपुर में घूमने जा रहे हैं तो मोती झील जरूर विजिट करें। यह बेनाझाबर रोड पर स्थित बेहद सुंदर झील है। इसे शहर का सबसे पुराने पर्यटन स्थलों में से एक माना जाता है। यहां आप बोटिंग का भी आनंद उठा सकते हैं। एक खूबसूरत झील होने के साथ-साथ एक बेहतरीन दर्शनीय स्थल भी है। आपको बता दें, इस झील का निर्माण अंग्रेजों के समय में शहर को पानी उपलब्ध कराने के लिए किया गया था। बाद में, बच्चों के लिए इसे मनोरंजक बनाने के लिए इसमें पार्क और लैंडस्केप गार्डन जोड़ा गया। यहां कई फूड स्टॉल और एक्टिविटी के लिए आप यहां बोटिंग भी कर सकते हैं। आप यहां सुबह 5 बजे से रात के 9 बजे के बीच कभी भी आ सकते हैं।
इस्कान मंदिरइस्कान मंदिर कानपुर के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में गिना जाता है। यह मंदिर आधुनिक मंदिरों की एक ख़ूबसूरत मिशाल है। इस मंदिर में भगवान श्री कृष्ण जी की पूजा होती है। इस मंदिर की बनावट और वास्तुकला दोनों ही लाजवाब है। इस जगह पर लोग आकर भगवान कृष्ण और राधा रानी के प्रति अपनी आस्था को प्रकट करते हैं। यह मंदिर आपको सभी प्रमुख शहरों में मिल जाएँगे।
सरसैया घाटसरसैया घाट कानपुर के सबसे शांत जगहों में से एक है। गंगा का सुंदर किनारा और मंद गति से बहती हवा यहां आपको ऊर्जा से भर देती है। यहां आसपास उछलते कुदते बंदरों को देखकर मन मस्ती से भर जाता है।
कानपुर में बिठूरकानपुर शहर के उत्तर में बिठूर शहर है, जो गंगा के तट पर स्थित एक पुरानी बस्ती है। यह एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक केंद्र है और हर दिन हजारों हिंदू तीर्थयात्रियों को आकर्षित करता है। ब्रह्मवर्त और पत्थर घाट ऐसी जगह है जहां कई लोग पवित्र डुबकी लगाते हैं, साथ ही बिठूर के अन्य स्थलों में वाल्मीकि आश्रम शामिल है जहां माना जाता है कि सीता देवी अपने निर्वासन के दौरान यहां रुकी थी। साथ ही यहां प्रमुख आकर्षणों में से एक कैलाश पर्वत की प्रतिकृति है जहां भगवान शिव और पार्वती का निवास माना जाता है।
गौतम बुद्ध पार्कगौतम बुद्ध पार्क कानपुर का एक बहुत ख़ूबसूरत पिकनिक स्पॉट है। यह पार्क अपने शांत वातावरण के लिए जाना जाता है। इस जगह पर स्थानीय लोग शांति और सकून के साथ समय बिताने के लिए आते हैं। इस जगह की खूबसूरती को देखकर पर्यटकों की सारी थकान दूर हो जाती है।
फूलबागफूलबाग को कानपुर की प्रमुख जगहों में शुमार किया जाता है। यह एक बहुत ही ख़ूबसूरत पार्क है जिसे कुछ लोग क्वीन विक्टोरिया के नाम से भी जानते हैं। यह प्रकृति प्रेमियों के लिए एक बहुत ही शानदार और खूबसूरत जगह है। इस जगह पर आप अकेले अथवा अपने परिवार के साथ आ सकते हैं।
आनंदेश्वर मंदिरआनंदेश्वर मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। 18वीं सदी में बने इस मंदिर में मान्यता है कि यहां शिवजी साक्षात अवतरित हुए थे। महाभारत काल के दौरान दानवीर कर्ण यहां पूजा किया करते थे और इसी जगह आनंदी नाम की गाय ने अपने सारे दूध का रिसाव कर दिया था। गाय के मालिक ने जब ये नजारा देखा और खुदाई करवाई तो यहां शिवलिंग मिला, जिसे लाख कोशिशों के बाद भी हटाया नहीं जा सका। गाय के नाम से ही इस आनंदेश्वर मंदिर की स्थापना की गई।
कानपूर में कांच का मंदिरजैन ग्लास मंदिर जैन धर्म को समर्पित प्रमुख मंदिरों में से एक है, जो माहेश्वरी मोहल में स्थित है। कांच से बने इस सुंदर मंदिर में शक्तिशाली भगवान महावीर और शेष 23 जैन तीर्थंकरों की प्रतिमाएं मौजूद हैं। यहां विभिन्न हस्त-निर्मित मूर्तियां, आकर्षक अलंकरण और नाजुक कांच के भित्ति चित्र हैं जो जैन इतिहास और परंपराओं के महत्वपूर्ण विवरणों को उजागर करते हैं। मंदिर में एक खूबसूरत बगीचा भी है, जिसमें जैन देवताओं की प्रमुख मूर्तियां मौजूद हैं। यह मंदिर स्थानीय निवासियों और पर्यटकों के बीच एक प्रसिद्ध पवित्र स्थान है।