गर्मियों की छुट्टियां शुरू हो चुकी हैं। छुट्टियों में सभी अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ घूमने जाना पसंद करते हैं। आजकल घूमने के दौरान लोग एडवेंचर स्पोर्ट्स को भी अपने ट्रिप में शामिल करते हैं। रिवर राफ्टिंग एडवेंचर्स से भरा हुआ खेल है जो अब पर्यटन का हिस्सा बनता जा रहा हैं। पैराग्लाइडिंग, स्काईडाइविंग की तरह रिवर राफ्टिंग आज के समय लोगों के बीच काफी फेमस है। एक छोटी सी नाव की मदद से नदियों की लहरों के साथ आगे बढ़ना सभी को उत्साहित कर देता हैं। अगर आप रिवर राफ्टिंग करने का प्लान बना रहे हैं तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं देश की कुछ ऐसी जगहों के बारे में जहां आप खुलकर रिवर राफ्टिंग के रोमांच का लुत्फ उठा सकते हैं। आइये जानते हैं इन जगहों के बारे में...
तीस्ता नदी, सिक्किमपहाड़ों और पेड़ पौधों से घिरा सिक्किम अपनी खुबसूरती से पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। दरअसल सिक्किम अपनी प्राकृतिक सुंदरता, संस्कृति, खानपान और घूमने फिरने के साथ-साथ रिवर राफ्टिंग के लिए भी काफी मशहूर है। सिक्किम की मशहूर नदियों में से एक है तीस्ता नदी, रिवर राफ्टिंग के लिए यह जगह काफी खास है। दरअसल इस नदी में राफ्टिंग करने का एक अलग ही अनुभव है। इतना ही नहीं इस नदी के आसपास का खूबसूरत नजारा इसे और भी खास बनाता है।
कोलाड, महाराष्ट्रदक्षिण भारत में रिवर राफ्टिंग करने के लिए महाराष्ट्र में स्थित कोलाड जाना भी बेहतर विकल्प हो सकता है। कोलाड में स्थित कुंडलिका नदी सह्याद्री रेंज से होते हुए अरब सागर में जाकर मिलती है। वहीं कुंडलिका का नाम साउथ इंडिया की सबसे तेज गति से बहने वाली नदियों में गिना जाता है। साथ ही इस नदी में आप साल में किसी भी समय रिवर राफ्टिंग का मजा उठा सकते हैं।
ब्यास नदी, कुल्लूकुल्लू हिमाचल प्रदेश में स्थित यह खुबसूरत जगह अपनी खुबसूरती से पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। दरअसल हिमाचल प्रदेश के कुल्लू मनाली की ब्यास नदी अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जानी जाती है। इतना ही नहीं यहां की हसीन वादियों के बीच आपके लिए रिवर राफ्टिंग करना बेहद खास होगा। बता दे कि कुछ महीने पहले ही पर्यटन विभाग के निदेशक ने हिमाचल प्रदेश रिवर राफ्टिंग नियम 2005 के नियम 6-ई के अंतर्गत ब्यास नदी पर बबेली से वैष्णो देवी मंदिर कुल्लू, पिरडी से झीड़ी नजदीक नेचर पार्क, आरके पुल भुंतर बाईपास से झीडी, शाढ़ाबाई से झीड़ी नजदीक नेचर पार्क, राजकीय प्राथमिक पाठशाला रायसन से बंदरोल नजदीक शूटिंग रेंज के क्षेत्र को रिवर राफ्टिंग के लिए पास कर दिया है।
गंगा नदी, ऋषिकेशएक ऐसी जगह जहां प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर और घाट घूमने के साथ-साथ रिवर राफ्टिंग का बेहतरीन लुत्फ़ उठा सकते हैं। आपको बता दें कि ऋषिकेश भारत में व्हाइट वाटर रिवर राफ्टिंग के लिए सबसे बेहतरीन जगहों में से एक है। उत्तराखंड के गढ़वाल हिमालय में बसे ऋषिकेश में 4 खंडों में शक्तिशाली बहाव वाली नदी गंगा में राफ्टिंग जैसे साहसिक खेल की सुविधा मौजूद है। इस जगह पर आप रिवर राफ्टिंग के साथ पहाड़ों की शांति और चारों ओर सफेद रेत के समुद्र तटों के दृश्यों का आनंद ले सकते हैं। यहां राफ्टिंग के लिए हर साल लाखों पर्यटक पहुंचते हैं। इस जगह रिवर राफ्टिंग के साथ पहाड़ों के बीच कुछ शानदार पल दोस्तों के साथ गुजार सकते हैं। लगभग 5-6 किमी के इस राफ्टिंग दूरी में आप यक़ीनन सब कुछ भूल जाना चाहेंगे।
सिंधु नदी, लद्दाख अगर आप एडवेंचरस चीजें करने का शौक रखते हैं, तो जम्मू और कश्मीर के लद्दाख में सिंधु नदी में रिवर राफ्टिंग करें। ये जगह साहसिक खेलों के लिए बहुत खास है। सिंधु एशिया की सबसे लंबी नदी 3,180 किलोमीटर में फैली हुई है। लद्दाख में सिंधु नदी के आसपास आपको बर्फ से ढकी चोटियां, खूबसूरत पहाड़, गांव और गहरी घाटियों का नजारा देखने को मिल जाएगा। आपको बता दें, यहां राफ्टिंग करने का समय जुलाई से सितंबर तक के महीने में होता है।
बारापोल नदी, कूर्ग सफेद पानी की राफ्टिंग के लिए आप उत्तरी भारत ही नहीं बल्कि दक्षिण भारत के कूर्ग में बारपोल नदी में भी जा सकते हैं। यहां पर आपको राफ्टिंग का एक खास अनुभव मिलता है। कर्नाटक में स्थित बारपोल नदी में पहली बार राफ्टिंग करने वाले व्यक्ति को एक खास आनंद की अनुभूति होती है। यह जगह मेडिकेरी बस स्टेशन से सिर्फ 8 किलोमीटर की दूरी पर है और यहां राफ्टिंग मानसून के महीनों (जुलाई से सितंबर) में शुरू होती है।
अलकनंदा नदी, उत्तराखंडअलकनंदा नदी सिर्फ भारत में ही नहीं दुनियाभर में भी अपनी राफ्टिंग ग्रेड के लिए जानी जाती है। आपको बता दें, ये नदी, गंगा की दूसरी सबसे बड़ी सहायक नदी है, जो गढ़वाल से निकलकर चमोली और रुद्रप्रायग से होकर बहती है। यहां आप राफ्टिंग के दौरान उत्तराखंड के पहाड़ों और घाटियों का सुंदर दृश्य देख सकते हैं। यहां राफ्टिंग का सबसे अच्छा समय सितंबर और जून के महीनों के बीच है।