गर्मियों में हनीमून के लिए कपल्स ठंडी जगहों को चुनते हैं। क्योंकि यहां का मौसम बेहद अच्छा रहता है और शांति एवं सुकूं भी मिलता है। ये ही वजह है कि गर्मियों में शादी होने पर ज्यादातर कपल्स हिमाचल प्रदेश या फिर उत्तराखंड हनीमून के लिए आते हैं। इसके अलावा कपल्स जम्मू-कश्मीर भी बड़ी तादाद में हनीमून के लिए जाते हैं। इसमे आज हम आपको बेस्ट जगहों के बारे में बता रहे हैं जहां आप गर्मियों में जा सकते हैं...
अंडमान और निकोबार आईलैंडअंडमान-निकोबार, एक परफेक्ट समर डेस्टिनेशन है। बंगाल की खाड़ी और अरब सागर के संगम पर हैं यह द्वीपसमूह। अंडमान का उत्तरी हिस्सा ज्वालामुखी, चूना पत्थर की गुफाएं, कछुए के घोंसले और कई समुद्री पेड़-पौधों से घिरा हुआ है। अंडमान गोवा से बिल्कुल अलग है। दूर तक फैला हुआ ये शांत समुद्र और इसका नीला रंग किसी को भी अपनी ओर आसानी से आकर्षित कर सकता है। अंडमान में आकर लोगों के मन को शांति मिलती है और स्ट्रेस कम होता है। अगर आप अंडमान में वकेशन का प्लान बनाते हैं तो यहां जाकर आप रोमांच से भर देने वाले वॉटर स्पोर्ट्स, फुर्सत के पलों के लिए एक से बढ़कर एक सुविधाएं और कई ऐसी ऐक्टिविटीज का मजा उठा सकते हैं। अंडमान में जारवा, सेंटिनली, ग्रेट अंडमानी, ओन्गे आदिवासी जनजातियों के लोग रहते हैं। अंडमान बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी के लिए एक बेहतरीन हॉलिडे स्पॉट है। अंडमान पहुंचने के लिए सबसे पहले इसकी राजधानी पोर्ट ब्लेयर पर पहुंचना पड़ता है।
लेह लद्दाखलेह-लद्दाख की सैर के लिए जून का महीना एकदम बेस्ट होता है जब आप नॉर्मल जैकेट में भी यहां घूमने-फिरने का आनंद ले सकते हैं। साल के बाकी महीनों में तो यहां की सर्दी झेल पाना लगभग नामुमकिन सा है। पहाड़ से लेकर नदियां तक बर्फ की चादर ओढ़ लेती हैं। वैसे तो जून महीने में भी कुछ-कुछ जगहों पर स्नोफॉल देखने का मौका मिल सकता है। लद्दाख घूमने के लिए 8 से 10 दिन का समय भी कम ही है। पूरा लद्दाख घूमने के लिए समय के साथ अच्छा-खासा बजट भी चाहिए। तो 5 दिन के लिए जाएं या 10 दिन के लिए, लेह-लद्दाख की इन जगहों को देखना बिल्कुल मिस न करें। जो आपके इस ट्रिप को बना देंगी हमेशा के लिए यादगार।
शिमलाशिमला हिमाचल प्रदेश की राजधानी है। यह एक खूबसूरत हिल स्टेशन है। शिमला समुद्र की सतह से 2202 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है और इसे ‘समर रिफ्यूज’ और ‘हिल स्टेशनों की रानी’ के रूप में भी जाना जाता है। वर्तमान का शिमला जिला 1972 में निर्मित किया गया था। इस जगह का यह नाम 'माँ काली' के दूसरे नाम 'श्यामला' से व्युत्पन्न है। जाखू, प्रॉस्पैक्ट,ऑव्सर्वेटरी, एलीसियम और समर इस जगह की महत्वपूर्ण पहाड़ियाँ हैं। शिमला, प्राचीन विरासत इमारतों के लिए प्रसिद्ध है, जो ब्रिटिश वास्तु-कला शैली का प्रतिनिधित्व करती हैं। ‘रोथनी कैसल’, इन्हीं इमारतों में से एक है, जो ‘एलन ऑक्टेवियन ह्यूम’ का निवास स्थान हुआ करता था। शिमला भारत में सबसे बड़ी आइस स्केटिंग रिंक के लिए प्रसिद्ध है। सर्दियों के दौरान, जमीन प्राकृतिक बर्फ से ढँक जाती है और यही वह समय होता है (दिसंबर से जनवरी) जब स्केटिंग का पूरा आनंद उठाया जाता है। यहाँ ट्रैकिंग भी बहुत लोकप्रिय है। जुंगा, चैल, चुरदार, शाली पीक, हातू पीक और कुल्लू जैसी जगहें विभिन्न मार्गों द्वारा शिमला से जुड़ी हुई हैं।
मनालीमनाली ऐसा हिल स्टेशन है जहां पर्यटक सबसे ज्यादा आते है। मनाली, कुल्लु जिले का एक हिस्सा है जो हिमाचल की राजधानी शिमला से 250 किमी की दूरी पर स्थित है। मनाली पर्यटकों के बीच यहां के सुंदर दृश्यों, गार्डन, पहाड़ो, और सेब के बागों के लिए जाना जाता है। यहां के बागों में लाल और हरे सेब काफी मात्रा में पैदा होते है। यहां आने पर पर्यटक हिमालय नेशनल पार्क, हिडिम्बा मंदिर, सोलांग घाटी, रोहतांग पास, पनदोह बांध, पंद्रकनी पास, रघुनाथ मंदिर और जगन्ननाथी देवी मंदिर देख सकते हैं। मनाली आने वाले पर्यटकों को हिमालयन नेशनल पार्क में दिलचस्पी लेनी चाहिए। इस पार्क में 300 से ज्यादा प्रकार के जीव जन्तु है। यह अभयारण्य विलुप्त पक्षियों की अनेक प्रजातियों और पश्चिमी ट्रागोपेन के लिए खासा प्रसिद्ध है। पार्क में 30 स्तनधारी प्रजाति भी पाई जाती हैं। मनाली, यहां होने वाली साहसिक गतिविधियों के कारण भी जाना जाता है, यहां कई साहसिक गतिविधियों का आयोजन समय - समय पर किया जाता है जैसे - पर्वतारोहण, माउंटेन बाइकिंग, नदी राफ्टिंग, ट्रैकिंग, जॉरविंग और पैराग्लाइडिंग। मनाली के पास में रोहतांग दर्रा, देव डिव्वा बेस कैंप, पिन नार्वती पास, बाल झील आदि है जो पर्यटकों को अवश्य भाएंगे।
मेघालयमेघालय भारत का पूर्वी राज्य है जिसकी राजधानी शिलांग हैं। मेघालय से शिलांग की दूरी लगभग 111 किलोमीटर है। मेघालय पर्यटन स्थल अपनी सुंदर पर्वत मालाओं, भारी वर्षा, धूप, उच्च पठारों, लुभावने झरनों, नदियों और घास के आकर्षित मैदानों के लिए बहुत अधिक फेमस है। मेघालय पर्यटन में अधिकांश उष्णकटिबंधीय वन पाए जाते है। यहां के वनों में पक्षियों, स्तनधारियों, कीड़ो और सरीसृपों को देखा जा सकता है। पर्यटन के लिहाज से मेघालय टूरिस्ट प्लेस का बहुत अधिक महत्व है। मेघालय की मशहूर जगहों में शामिल नोंगपोह पूर्वी खासी हिल्स के उत्तर में स्थित एक छोटा शहर है। ब्रह्मपुत्र मैदानों के नजदीक यह स्थान शिलांग पहुंचने से पहले एक ठराव के रूप अति-लौकप्रिय हैं। मेघालय के इस आकर्षित स्थान पर हर-भरे सुंदर वृक्ष, शांत वातावरण और सुखद जलवायु का अनुभव करने को मिलता हैं।
नैनीतालउत्तराखंड के सबसे खूबसूरत पर्यटन स्थलों में से एक है नैनीताल, नैनीताल कुमाऊं पहाड़ियों के बीच स्थित है, यह एक विलक्षण पर्वतीय स्थल है, जिसे एक अनोखे आकार की झील के चारों ओर बनाया गया है, जिसे हम 'नैनी झील' के नाम से जानते हैं। समुद्र तल से 1938 किमी की ऊँचाई पर स्थित नैनीताल में पूरे साल एक सुखद जलवायु होती है और इसे सही मायने में सभी यात्रा प्रेमियों के लिए एक सुरम्य स्वर्ग कहा जा सकता है। नैनीताल में रोपवे की सवारी बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करती है। केबल कार की मदद से आप नैनी झील के शानदार दृश्यों को देख सकते हैं। पयर्टक यहां नैनीताल में टिफिनटॉप, किलबरी, स्नो व्यू पॉइंट, हाई एल्टीट्यूड जू, लैंड्स एंड और हनुमानगढ़ी घूम सकते हैं। खुर्पाताल और नौकुचियाताल जैसे आसपास के स्थान भी नैनीताल के आकर्षण का केंद्र हैं।
ऊटी, तमिलनाडुतमिलनाडु का बेहद खूबसूरत और रोमांटिक स्थल ऊटी अपने मनोरम दृश्यों के लिए विश्व विख्यात है। ऊटी कुदरत का खूबसूरत जीता जागता उदाहरण है जो अपने सौंदर्य के लिए तो जाना जाता ही है साथ ही यह हिन्दुस्तान फोटो फिल्म के कारखाने के लिए पर्यटकों के बीच खासा मशहूर है। दूर तक फैली हसीन वादियां और उन वादियों में ढके आकर्षण वृक्ष ऐसे सुकून देते हैं जैसे कोई बच्चा नींद के की गोद में सुकून व आनंद महसूस करता हो। कोयम्बटूर और चेन्नई से ऊटी के लिए ट्रैन चलती है। मेट्टुपलायम से ऊटी के लिए प्रतिदिन खिलौना गाड़ी चलती है, जो ऊटी पांच घंटे में पहुंचाती है। यह यात्रा बहुत रोमांचक होती है।
कौसानीकौसानी अल्मोड़ा से 51 किमी दूर उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में स्थित एक हिल स्टेशन है। कौसानी में हिमालय के खूबसूरत नजारे में त्रिशूल, नंदा देवी और पंचुली चोटियां बेहद ही शानदार लगती हैं। यहां से इस जगह का मंत्रमुग्ध कर देने वाला नजारा, लोगों को बेहद पसंद आता है। चीड़ के पेड़ों के जंगलों के साथ 1890 मीटर की ऊंचाई पर स्थित, बहती खाड़ी, कौसानी हनीमून मनाने वालों, प्रकृति प्रेमियों और यात्रियों के लिए परफेक्ट जगह है। कौसानी में सर्दियों के महीनों में बर्फबारी होती है। पहले इस जगह को वलना के नाम से जाना जाता है, जो अपने कई आकर्षणों से घिरा हुआ है। यहां के सूर्यास्त का नजारा आपका मूड फ्रेश कर देगा। कैलाश ट्रेक, बेस कौसानी ट्रेक और बागेश्वर-सुंदरधुंडा ट्रैक यहां के कुछ लोकप्रिय ट्रैक हैं।
कूनूरतीन खूबसूरत नीलगिरि हिल स्टेशनों में से एक, कुन्नूर पश्चिमी घाट का दूसरा सबसे बड़ा हिल स्टेशन है। यह 1930 मीटर की ऊंचाई पर और ऊटी से सिर्फ 19 किमी की दूरी पर स्थित है। चाय के बागानों की ढलानों के साथ, कई आकर्षणों से युक्त और साल भर सर्द मौसम के साथ, यह जगह गर्मियों में घूमने के लिए बेस्ट है। कुन्नूर नीलगिरि पहाड़ियों और कैथरीन वाटरफॉल के शानदार नजारों के लिए जाना जाता है। ये जगह समृद्ध हरियाली, मनीकृत पहाड़ियों, औपनिवेशिक संस्कृति और अद्भुत दृश्यों के लिए स्वर्ग जैसी दिखती है।
श्रीनगरश्रीनगर झेलम नदी के रूट पर स्थित एक बेहद ही खूबसूरत टूरिस्ट प्लेस है। बर्फ से ढका श्रीनगर प्राकृतिक उद्यानों, खूबसूरत झीलों और हस्तशिल्प के लिए जाना जाता है। गर्मियों के दौरान आप शिकारा सवारी और घुड़सवारी का भी आनंद उठा सकते हैं। रीनगर की रौनक डल झील है। ये झील 26 वर्ग किलोमीटर में फैली हुई है, जो देखने में किसी स्वर्ग से कम नहीं लगती। डल झील सुंदर हरे-भरे पहाड़ों के बीच में मौजूद है और यहां शिकार नाव की बोटिंग, हाउस बोट और झील के आसपास मौजूद बाजार जैसी सुविधाएं पर्यटकों को बेहद आकर्षित करती हैं। इसके अलावा श्रीनगर के सबसे लोकप्रिय और सबसे अधिक देखा जाने वाला टूरिस्ट प्लेस है मुगल गार्डन। मुगल काल के दौरान मुगलों ने कई प्रकार के उद्यानों का निर्माण किया था, जिन्हें मुगल गार्डन कहा जाता है। यहां के हर-भरे सुगंधित फूल लोगों का दिल खुश कर देते हैं। श्रीनगर में मुगल गार्डन में निशात बाग, शालीमार बाग, चश्मे शाही, परी महल, अचबल और वेरीनाग गार्डन शामिल हैं। मुगल गार्डन में आप फारसी वास्तुकला का प्रभाव देख सकते हैं।
दार्जिलिंगलघु हिमालय यानी महाभारत पर्वत श्रृंखला में बसा दार्जिलिंग वास्तव में स्वर्ग सरीखा है। दार्जिलिंग शहर ब्रिटिश शासनकाल से ही पर्यटन स्थल के रूप में जाना जाता रहा है। साथ ही यहां के विशाल चाय बागान और गुणवत्तापूर्ण चाय की लोकप्रियता पूरे विश्व में है। वास्तव में दार्जिलिंग से विभिन्न प्रकार के चाय और विभिन्न गुणवत्ता वाले चाय का बड़े पैमाने पर निर्यात किया जाता है। दार्जिलिंग में आप अल्पाइन और साल व ओक के पेड़ों से लैश समशीतोष्ण जंगलों को दखे सकते हैं। मौसम में परिवर्तन के बावजूद दार्जिलिंग के जंगल हरे—भरे हैं, जिससे पर्यटन को नया आयाम मिलता है। शहर में कुछ प्राकृतिक पार्क भी हैं। इनमें से पड़माजा नायडू हिमालियन जूलॉजिकल पार्क और लॉयड बॉटनिकल गार्डन प्रमुख है। दार्जिलिंग में पाए जाने वाले कुछ सामान्य जानवारों में एक सिंघ वाले गेंडे, हाथी, भारतीय बाघ, तेंदुआ और पाढ़ा प्रमुख है। दार्जिलिंग पक्षियों के लिए भी जाना जाता है। आप यहां ढेरों सुंदर प्रवासी पक्षियों को उड़ते हुए देख सकते हैं।दार्जिलिंग के माल रोड पर आप शॉपिंग का आनंद ले सकते हैं।
कुर्ग, कर्नाटककर्नाटक जिले में स्थित कुर्ग का आफिशल नाम कोडगु है। यह जगह देश के फेमस टूरिस्ट डेस्टिनेशन में से एक है। पहाड़ियों के बीच बसा यह खूबसूरत हरा-भरा जिला आउटडोर एक्टिविटीज के लिए बेहतरीन है। यहां पर आप ट्रैकिंग, फिशिंग और वाइट वॉटर राफ्टिंग का मजा ले सकते हैं। पूरे कर्नाटक में सबसे कम जनसंख्या घनत्व वाला स्थान कुर्ग ही है, जिसके कारण यहां आपको शहरी शोर-शराबे और भागदौड़ से अलग शांत माहौल मिलेगा, जो सुकून भरा अनुभव होगा। कुर्ग जाने का बेस्ट टाइम अक्टूबर से मई तक होता है, लेकिन मॉनसून में इसकी खूबसूरती काफी बढ़ जाती है। कुर्ग में कई प्रसिद्ध पर्यटन स्थल भी मौजूद हैं, जिनमें भगमंदला, तालकावेरी, निसर्ग धाम, दुबेरे, अब्बे वॉटर फॉल, इरुप्पू वॉटर फॉल और नागरहोल नेशनल पार्क शामिल हैं। पुष्पगिरि और ब्रह्मगिरी ट्रेकिंग के लिए फेमस हैं। इस जगह की प्राकृतिक खूबसूरती के कारण इसे भारत का स्कॉटलैंड भी कहा जाता है।